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‘भारत बंद’ LIVE : देशभर में बंद को व्यापक समर्थन, दुकानें और मंडियां बंद, रेल व सड़क यातायात प्रभावित, जगह-जगह धरना-प्रदर्शन

तीन नए कृषि क़ानूनों के विरोध और किसानों के समर्थन में आज के भारत बंद का देश भर में व्यापक असर देखने को मिल रहा है। सभी राज्यों से बंद की तस्वीरें मिल रही हैं। दुकानें बंद हैं, रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ है। किसान और उनके समर्थन में विभिन्न संगठन सड़कों पर हैं। जगह-जगह धरना, प्रदर्शन चल रहा है।

तीन नए कृषि क़ानूनों के विरोध और किसानों के समर्थन में आज के भारत बंद का देश भर में व्यापक असर देखने को मिल रहा है। सभी राज्यों से बंद की तस्वीरें मिल रही हैं। दुकानें बंद हैं, रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ है। जगह-जगह धरना, प्रदर्शन चल रहा है। किसान और उनके समर्थन में विभिन्न संगठन सड़कों पर हैं। आज के बंद को आज के बंद को सभी प्रमुख विपक्षी राजनीतिक दलों, 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, भारत के बैंकों, बीमा क्षेत्र, विश्वविद्यालय और स्कूल के शिक्षकों/अधिकारियों, छात्रों, नौजवानों सहित महिलाओं, दलितों और आदिवासियों के संगठनों, सशस्त्र बलों के अवकाशप्राप्त सैनिकों, फ़िल्म उद्योग से जुड़े कामगारों, अनौपचारिक क्षेत्र और अनुबंध कामगारों, आदि सहित सैकड़ों अन्य संगठनों ने समर्थन किया है। यहां तक कि कवि, लेखक, पत्रकार भी लिख रहे हैं कि Poets for farmers, Writer for Farmers, Journalist for farmers.

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बिहार के हाजीपुर में बंद का व्यापक असर, माकपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया 

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कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ आज भारत बंद का असर बिहार के हाजीपुर में भी देखने को मिला। सीपीआईएम के कार्यकर्ता किसानों का समर्थन करते हुए आंदोलन में शामिल हुए। इस दौरान हाजीपुर शहर की सभी दुकानें बंद रहीं और परिचालन बाधित रहा। सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं ने किसानों के इस आंदोलन का समर्थन करते हुए शहर में जगह जगह प्रदर्शन किया और कृषि क़ानूनों के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की। इस दौरान बड़ी संख्या में माकपा नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए और टायर जलाकर विरोध प्रकट किया। माकपा के साथ साथ अन्य वाम दलों ने भी इस आंदोलन में हिस्सा लिया और नए कृषि क़ानूनों को किसान विरोधी बताते हुए केंद्र सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। इस प्रदर्शन में राज्य की अन्य विपक्षी पार्टियां भी शामिल हुईं।

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बॉलीवुड की हस्तियों ने भारत बंद का समर्थन किया

गायक और गीतकार विशाल डडलानी के साथ बॉलीवुड स्टार प्रियंका चोपड़ा, सोनम कपूर, प्रीति जिंटा, सोनू सूद, रितेश देशमुख, हंसल मेहता और अन्य ने भी किसान संगठनों की ओर से बुलाए गए बंद का समर्थन किया। दक्षिण के अभिनेता प्रकाश राज ने कहा कि सरकार को किसानों की चिंताओं का निराकण करना चाहिए। राज ने कहा, “किसानों की बात सुनी जानी चाहिए। उन्हें आश्वासन मिलना चाहिए। मैं भारत बंद का समर्थन करता हूं।” गायक मीका ने विरोध कर रहे किसानों से शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने को कहा। उन्होंने ट्वीट किया, “मैं सभी किसान भाइयों से शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का अनुरोध करता हूं। मैं नहीं चाहता कि गलती कोई और करे और उसका खमियाजा किसानों को भुगतना पड़े। मुझे विश्वास है कि सरकार कोई समाधान निकालेगी। कृपया सारे शांति बनाकर रखें। सत श्री अकाल।” 

पंजाबी कलाकारों ने भारत बंद का समर्थन किया

पंजाबी कलाकार दिलजीत दोसांझ, एम्मी विर्क, गुरदास मान और अन्य ने किसान संगठनों की ओर से बुलाए गए भारत बंद को समर्थन दिया है। दोसांझ ने सड़क पर बैठे किसानों की श्वेत-श्याम तस्वीर ट्विटर पर साझा करते हुए बड़े अक्षरों में लिखा ‘भारत बंद।’ उन्होंने तस्वीर के साथ लिखा, “आज भारत बंद है।” इसी चित्र को एम्मी विर्क ने भी ट्विटर पर साझा किया और लिखा, “आज भारत बंद, मोदी हां या ना।” नीरू बाजवा और गिप्पी ग्रेवाल ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर भारत बंद की तस्वीरें साझा कीं। मान ने कहा कि वह हमेशा किसानों के साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने एक किसान को गले लगाते हुए तस्वीर साझा की और लिखा, “मुझे बहुत कुछ कहने की इच्छा है लेकिन सिर्फ इतना कहूंगा कि मैं हमेशा आपके साथ हूं और हमेशा आपके साथ खड़ा रहूंगा। जय किसान।” गायक और अभिनेता हरभजन मान ने एक खेत का चित्र साझा किया जिसपर ‘जय किसान’ लिखा है और भारत का नक्शा बना हुआ है और उस पर ताला लगा है। मान ने ट्वीट किया, ‘‘आज हम इतिहास बना रहे हैं। आज भारत बंद है।” 

हरियाणा, पंजाब से और किसान दिल्ली बॉर्डर पहुंचे

पंजाब और हरियाणा से ट्रैक्टर ट्रॉलियों व कारों में सवार होकर और किसान मंगलवार को यहां सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे जहां केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसानों की तरफ से बुलाए गए ‘भारत बंद’ के कारण सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं। भारत बंद की वजह से हालांकि लगातार 13 दिनों से सिंघु बॉर्डर पर डटे किसानों के लिये चावल, आटा, दाल, तेल, दूध, साबुन और दंतमंजन जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। पानीपत से आए गुरजैंत सिंह ने कहा, “स्वाभाविक रूप से राशन की आपूर्ति प्रभावित होगी। लेकिन अगले दो-तीन महीनों के लिये हमारे पास पर्याप्त भंडार है। हम लंबे समय तक के लिये तैयारी के साथ आए थे।

कृषि सुधारों पर चर्चा के लिए संसद सत्र बुलाए: हुड्डा 

 कांग्रेस ने किसान संगठनों की ओर से आहूत ‘भारत बंद’ को सफल करार देते हुए मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानून तत्काल वापस लेने चाहिए और कृषि संबंधी सुधारों पर चर्चा के लिए संसद का सत्र बुलाना चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह दावा भी किया कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार जनता का समर्थन और विधानसभा के भीतर बहुमत गवां चुकी है और अब वहां विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। हुड्डा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘विधानसभा का विशेष सत्र होने पर पहले दिन ही अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा।उन्होंने कहा, ‘‘इन कानूनों में किसी सुधार का कोई संकेत नहीं मिलता। इसलिए सरकार को इन्हें वापस लेना चाहिए। आप तत्काल संसद का सत्र बुलाकर चर्चा करें कि क्या सुधार लाना चाहते हैं। राज्यों से, संबंधित पक्षों से बात करनी चाहिए। अगर वो किसानों के हित में होगा तो हम उसका स्वागत करेंगे।’

गुजरात में भारत बंद का मिला जुला असर 

केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद का गुजरात में विपक्षी कांग्रेस ने समर्थन किया है। बंद के समर्थन में मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने कुछ जगहों पर राजमार्ग बाधित करने का प्रयास किया और मार्ग पर जलते हुए टायर रख दिए। हालांकि दोपहर तक राज्य में बंद का अधिक असर नहीं दिखा। भारत बंद को देखते हुए राज्य सरकार ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लगाई है जिसके तहत चार से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध है। राज्य में कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी)के कार्यालय खुले रहे। हालांकि अमरेली और मोरबी के वांकानेर में कांग्रेस के नियंत्रण वाले बाजार बंद रहे। पुलिस ने बताया कि अमरेली, जामनगर, राजकोट, गांधीनगर, सूरत, मोरबी, देहगाम, भावनगर और मोदासा में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।

विपक्षी दलों के नेता कृषि कानूनों पर अपनी चिंता से अवगत कराने के लिए राष्ट्रपति से मिलेंगे : पवार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने के पहले कृषि कानूनों पर चर्चा करेंगे और सामूहिक रुख अपनाएंगे। विपक्षी दलों के नेताओं के बुधवार को कोविंद से मिलने और तीन कृषि कानूनों के बारे में उन्हें अपनी चिंताओं से अवगत कराए जाने की संभावना है। पवार की राकांपा समेत कुछ अन्य दलों ने किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को बुलाए गए ‘भारत बंद’ का समर्थन किया है। पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने के पहले (कृषि कानूनों का विरोध करने वाले) विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता बैठक कर चर्चा करेंगे और सामूहिक रुख अपनाएंगे।’
 

गुजरात में भारत बंद का मिला जुला असर दिखा

अहमदाबाद: गुजरात के ग्रामीण इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने सुबह तीन राजमार्गों को बाधित किया और मार्ग पर जलते हुए टायर रख दिए। इससे मार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। 

गुजरात: कई जगह बाज़ार बंद

अहमदाबाद: राज्य में कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) के कार्यालय खुले रहे। हालांकि अमरेली और मोरबी के वांकानेर में कांग्रेस के नियंत्रण वाले बाजार बंद रहे। अमरेली, जामनगर, राजकोट, गांधीनगर, सूरत, मोरबी, देहगाम, भावनगर और मोदासा में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। 

नोएडा में बंद का मिला-जुला असर

नोएडा (उप्र): भारत बंद का गौतम बुद्ध नगर जिले में मिला-जुला असर रहा। पुलिस ने कई राजनीतिक दलों के नेताओं तथा विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों को हिरासत में ले लिया है या उन्हें नजरबंद कर दिया है।
 

ओडिशा में जनजीवन प्रभावित

किसान संगठनों द्वारा केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ बुलाए गए देशव्यापी बंद के दौरान कांग्रेस और वामपंथी दलों के समर्थकों द्वारा सड़कों और रेल पटरियों को अवरुद्ध किए जाने से मंगलवार को ओडिशा में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। ‘भारत बंद’ के समर्थकों ने राजमार्गों और बड़ी सड़कों पर जाम लगाया और प्रदर्शन किया। बंद के कारण सड़कों पर वाहन भी कम निकले। किसान संगठनों, ट्रेड यूनियन और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने भुवनेश्वर, कटक, भद्रक और बालासोर में रेल पटरियों पर धरना दिया जिससे ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित हुईं। राज्य की राजधानी में वाहनों की आवाजाही बाधित हुई क्योंकि बंद समर्थकों ने मास्टर कैंटीन स्क्वायर तथा जयदेव विहार सहित विभिन्न स्थानों पर टायर जलाकर सड़कों को जाम कर दिया। उन्होंने भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर पटरियों को अवरुद्ध किया। नवनिर्माण कृषक संगठन के कार्यकर्ताओं ने जगतसिंहपुर और भुवनेश्वर के नजदीक हंसपाल में प्रदर्शन किया। ।

महाराष्ट्र में 'भारत बंद' को मिली अच्छी प्रतिक्रिया 

किसान संगठनों की ओर से बुलाए गए और विपक्षी दलों द्वारा समर्थित भारत बंद को मंगलवार को महाराष्ट्र में अच्छी प्रतिक्रिया मिली। इसका ज्यादा असर ग्रामीण और अर्ध-ग्रामीण इलाकों में देखने को मिला। आयोजकों और अधिकारियों ने कहा कि कहीं से भी हिंसा की कोई खबर नहीं आई है। शिवसेना नेता किशोर तिवारी, शिवसेना मंत्री अब्दुल सत्तार, एसएसएस नेता राजू शेट्टी, राकांपा नेता जयंत पाटिल, कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट, अखिल भारतीय किसान सभा के नेता अशोक धवाले और अजीत नवाले के अलावा सीपीआई-सीपीएम नेताओं ने बंद को सफल करार दिया।

झारखंड में भारत बंद का मिला-जुला असर

रांची (झारखंड): नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों केभारत बंदके आह्वान का झारखंड में मंगलवार को मिला-जुला असर दिखा।  यहां लगभग सभी सरकारी कार्यालय खुले रहे, लेकिन निजी संस्थान एवं दुकानें आंशिक तौर पर बंद रहीं। राज्य में स्थानीय यातायात अधिकतर सामान्य है, लेकिन अंतरराज्यीय यातायात ठप है।

 

हरियाणा, पंजाब से और किसान पहुंचे

पंजाब और हरियाणा से ट्रैक्टर ट्रॉलियों व कारों में सवार होकर और किसान मंगलवार को यहां सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे हैं। किसान यहां लगातार 13 दिनों से डटे हैं। सरकार से कल की वार्ता से पहले किसान लगातार अपना दबाव बढ़ा रहे हैं। 

अखिलेश ने केंद्र पर बोला हमला

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ने शायराना अंदाज में ट्वीट करके भाजपा सरकार पर तंज कसा। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, "अपनी जमीं की खातिर हम माटी में जा लिपटेंगे, वो क्या हमसे निपटेंगे। नहीं चाहिए भाजपा।" ज्ञात हो कि अखिलेश को सोमवार को कन्नौज में होने वाली किसान यात्रा से पहले ही लखनऊ पुलिस ने धारा-144 के उल्लंघन मामले में गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ लखनऊ में महामारी एक्ट के उल्लंघन का केस भी दर्ज किया गया है।

भारत बंद सफल : किसान नेता

भारत बंदसफल, सरकार को अब पता है कि उनके पास कोई रास्ता नहीं है: किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने सिंघु बॉर्डर पर मीडिया से बातचीत में कहा।

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