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लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा, लेकिन वित्तीय पैकेज कहां है?

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में मौजूदा देशव्यापी लॉकडाउन को 19 दिन और यानी 3 मई तक बढ़ाने का ऐलान किया है। विपक्षी दलों ने भी इसका समर्थन किया है कि लेकिन इसी के साथ कोई वित्तीय पैकेज घोषित न करने पर सवाल खड़े किए हैं।
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दिल्ली : कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिये लागू देशव्यापी लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की मंगलवार को घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि संक्रमण पर रोक लगाने में लॉकडाउन के प्रभावी नतीजे मिले हैं। कांग्रेस समेत अन्य दलों ने लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन किया है लेकिन इसी के साथ कोई वित्तीय पैकेज घोषित न करने पर निराशा जताते हुए सवाल खड़े किए हैं।
 
प्रधानमंत्री ने आज, मंगलवार को सुबह 10 बजे करीब 25 मिनट के राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि दूसरे चरण में लॉकडाउन का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जायेगा। और बुधवार को इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह नये क्षेत्रों में न फैले। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में हालात खराब होने की आशंका नहीं होगी, वहां 20 अप्रैल के बाद कुछ राहत दी जा सकती हैं। 

उन्होंने नागरिकों से कहा, ‘‘ 3 मई तक पूरी श्रद्धा के साथ लॉकडाउन के नियमों का पालन करें, जहां हैं वहीं रहें, सुरक्षित रहें।’’

मोदी ने कहा कि राज्यों एवं विशेषज्ञों से चर्चा और वैश्विक स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाने का फैसला किया गया है। 

गौरतलब है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू 21 दिन के लॉकडाउन का वर्तमान चरण आज (14अप्रैल) समाप्त हो रहा है। 

उन्होंने कहा, ‘‘ अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी। 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा कि वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है।’’

मोदी ने कहा कि जो क्षेत्र इस अग्नि परीक्षा में सफल होंगे, जो हॉटस्पाट (अधिक खराब हालात वाले क्षेत्र) में नहीं होंगे, और जिनके हॉटस्पाट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है। लेकिन यह भी सशर्त होगी और ज़रा सी भी लापरवाही मिलते ही इसे वापस ले लिया जाएगा।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत कई विकसित देशों की तुलना में महामारी के फैलाव को रोकने में सफल रहा है। भारत ने समग्र एवं समन्वित उपाय एवं पहल नहीं की होतीं, तेजी से फैसले नहीं लिये होते, तो आज भारत की स्थिति कुछ और होती । लेकिन बीते दिनों के अनुभवों से ये साफ है कि हमने जो रास्ता चुना है, वो सही है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम धैर्य बनाकर रखेंगे, नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को भी परास्त कर पाएंगे।’’

मोदी ने लोगों से 7 विषयों पर सहयोग भी मांगा जिसमें बुजुर्गो का ध्यान रखने, गरीबों के प्रति संवेदनशील नजरिया अपनाना, सामाजिक दूर बनाना आदि शामिल है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो अभी ये महंगा जरूर लगता है लेकिन भारतवासियों की जिंदगी के आगे, इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा, ‘‘ सीमित संसाधनों के बीच, भारत जिस मार्ग पर चला है, उस मार्ग की चर्चा आज दुनिया भर में हो रही है ।

मोदी ने कहा, ‘‘ 3 मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा। इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमें अधिक संवेदनशील स्थानों : हॉटस्पॉट: को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी। जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका है, उन पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी। नए हॉटस्पॉट का बनना, हमारे लिए और चुनौती खड़ी करेगा। 

गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के अब तक 10,363 मामले सामने आए हैं और इसके कारण अब तक 339 लोगों की मौत हो चुकी है । 

प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग रोज कमाते हैं, रोज की कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं, इनके जीवन में आई मुश्किल को कम करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक है ।

उन्होंने कहा कि देश में दवाओं और राशन का पर्याप्त भंडार है । 

गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस के कारण 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था जिसकी अवधि 14 अप्रैल को मध्यरात्रि को समाप्त होनी थी ।

हालांकि लॉकडाउन लागू होने के बाद पिछले महीने लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिकों के देश के विभिन्न शहरी इलाकों से अपने गांवों और इलाकों की ओर लौटने की जद्दोजेहद करने की खबरें आई जिसमें काफी लोगों के पैदल ही यात्रा शुरू करने के दृश्य सामने आए। 

लॉकडाउन के मद्देनजर अर्थव्यवस्था और लाखों प्रवासी श्रमिकों की आजीविका के समक्ष संकट को देखते हुए शनिवार को मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग पर संवाद के दौरान कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कुछ क्षेत्रों में छूट देने की मांग की थी । 

पिछले महीने सरकार ने 1.7 लाख करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा की थी जिसका मकसद लॉकडाउन से प्रभावित तबके को राहत देना और वायरस प्रभावित लोगों की देखरेख करने वालों सहित स्वास्थ्य कर्मियों को बीमा कवर प्रदान करना है। 
 
गृहमंत्री ने भी जारी किए निर्देश

गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सरकारों से कहा कि लॉकडाउन सही तरीके से लागू हो, यह सुनिश्चित करें लेकिन यह भी देखें कि किसी को कोई समस्या नहीं आए। शाह ने कहा कि “मैं लोगों को एक बार फिर आश्वस्त करता हूं कि देश में भोजन, दवाओं और अन्य जरूरी सामग्रियों का पर्याप्त भंडार है।” मोदी के अपील को दोहराते हुए गृहमंत्री ने कहा कि “मैं संपन्न लोगों से आगे आने और पास में रह रहे गरीब लोगों की मदद करने का आग्रह करता हूं।”
 
रेलवे की यात्री सेवाएं भी तीन मई तक निलंबित

देश में लॉकडाउन बढ़ने के बाद भारतीय रेलवे ने भी अपनी यात्री सेवाओं को तीन मई तक निलंबित कर दिया है।

वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में जारी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा के बाद यह निर्णय किया गया।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ लॉकडाउन बढ़ाए जाने के मद्देनजर हमने यह निर्णय किया है। जल्द ही इस पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी।’’
इससे पहले यात्री सेवाएं 14 अप्रैल रात तक निलंबित की गईं थी।
 
उड़ाने भी निलंबित

इसी के साथ विमानन मंत्रालय ने भी घोषणा की कि सभी घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक, यात्री उड़ानें तीन मई रात्रि 11 बजकर 59 मिनट तक निलंबित रहेंगी।

कांग्रेस ने लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन किया, वित्तीय पैकेज की घोषणा नहीं होने पर सवाल उठाया

कांग्रेस ने देश में लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा का मंगलवार को समर्थन किया और साथ ही कोई नया वित्तीय पैकेज घोषित नहीं किए जाने को लेकर सवाल खड़े किए।

पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट किया, ''हम लॉकडाउन बढ़ाने की मजबूरी समझते हैं। हम इस निर्णय का समर्थन करते हैं।''

लेकिन साथ ही उन्होंने आरोप लगाया, ''गरीबों को 40 दिनों (21+19) के लिए अपने हाल पर छोड़ दिया गया है। पैसा है, खाद्य सामग्री है, लेकिन सरकार इन्हें जारी नहीं कर रही।''

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया, ''प्रधानमंत्री के भाषण में कुछ भी विशेष नहीं था। वित्तीय पैकेज की घोषणा नहीं की गयी, कोई विवरण नहीं दिया गया, कोई ठोस बात नहीं है। मध्य वर्ग, गरीब और कारोबारियों के लिए कुछ नहीं कहा गया।''

उन्होंने सवाल किया, ''लॉकडाउन अच्छा है, लेकिन जीविका का मुद्दा कहां है?"

 कोविड-19 के खतरे को देखते हुए लॉकडाउन बढ़ाना जरूरी था : उमर

श्रीनगर : नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न खतरे के मद्देनजर लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने का फैसला जरूरी कदम था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की घोषणा करने के बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हम में से कोई नहीं चाहता था कि बंद की अवधि तीन मई तक बढ़ाई जाए लेकिन कोविड-19 के कारण हम जिस खतरे का सामना कर रहे हैं, यह जरूरी है। मई में बंद की अवधि और बढ़ाए जाने से बचने के लिए अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए हम जो कुछ कर सकते हैं वह करना चाहिए।’’
अब्दुल्ला ने लोगों से इस मुश्किल वक्त में गरीबों की और समाज के कमजोर वर्गों की मदद करने की भी अपील की।

उन्होंने कहा, “हम गरीब लोगों और समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को इस संकट के वक्त से उबारने के लिए जो कुछ कर सकते हैं, वह करने के लिए देनदार हैं, चाहे आर्थिक रूप से या अन्य किसी तरीके से। सरकार इसमें पहल कर सकती है लेकिन यह सिर्फ उसकी जिम्मेदारी नहीं है।”

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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