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मध्यप्रदेश के शाजापुर में ईद पर दो समुदाय में झड़प के बाद धरा 144 लागू

“पुलिस अधिकारी ने, दोनों पक्षों से डीजे की आवाज़ को कम करने के लिए आग्रह किया परन्तु किस ने उनकी बात नहीं मानी और अचानक ही पत्थरबाज़ी शुरू हो गई |”
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शाजापुर जिले के मणिहारवाडी इलाके में शनिवार (ईद) को दो समुदायों के लोगों में डीजे की आवाज़ को लेकर विवाद  के बाद सांप्रदायिक तनाव शुरू हुआ| जिससे इलाके में खूब पत्थरबाज़ी हुई।

हालांकि,पुलिस की तत्परता ने इस सांप्रदायिक तनाव को रोका और घटना के एक दिन बाद तक कोई दुर्घटना की सूचना नहीं मिली। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इस मामले में 30-35 लोगों को आईपीसी के प्रासंगिक धारा में गिरफ्तार किया गया|

शाजापुर पुलिस के मुताबिक शनिवार दोपहर को शहर के मणिहारवाड़ी बाज़ार में  कुछ मुस्लिम युवा डीजे के संगीत पर नाचकर ईद मना रहे थेI इन्होंने कथित रूप से महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर डीजे के संगीत की आवाज़ को कम करने के लिए हुई बहस के बाद राजपूत समुदाय के जुलूस पर पत्थर मार थे|

झड़प के दौरान आधा दर्ज़न लोगों को मामूली चोटे लगीं। जबकि दो पुलिस वाले घायल हुए; उनमें से एक ने अपनी आँखों की रौशनी खो दी। पुलिस के मुताबिक इसके अलावा लगभग 10 वाहनों को आग लगा दी गयी और कई दुकानों को तबाह कर दिया गया था। इस इलाके में सुरक्षा बलों को भरी संख्या में तैनात किया गयाI सीआरपीसी की धारा 144 को लगायी गयी है जिसके तहत चार या उससे अधिक लोगों का इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई थी|

हाल के दिनों में, धार्मिक त्योहारों और सालगिरह समारोहों का इस्तेमाल कई स्थानों पर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए किया गया है। इस साल की शुरुआत में, राम नवमी को कुछ संगठनों ने जानबुझकर उत्तेजक तरीके से मनाया| जिसके बाद दो समुदायों के बीच तनाव के बाद बिहार के 13 ज़िलों में बड़े स्तर पर हिंसा फैली। राजस्थान और पश्चिम  बंगाल आदि जैसे अन्य राज्यों से इसी तरह की घटनाओं की खबरें मिली।

शाजापुर के पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि, "राजपूत समुदाय (महाराणा प्रताप जयंती जुलूस के आयोजक) और मुस्लिम युवाओं के बीच बहस के बाद तनाव पैदा हुआ, मुस्लिम युवा डीजे संगीत की आवाज़ को कम करने पर ज़ोर दे रहे थे।"

उन्होंने आगे कहा, जब जुलूस मुस्लिम-वर्चस्व वाले क्षेत्र नई सड़क से गुज़र रहा था तो कुछ लोगों ने उनसे अनुरोध किया कि वे जुलूस में बजाये जा रहे संगीत की आवाज़ को कम करें। चौहान ने बताया कि "जब आवाज़ में कम नहीं की गयी तो कुछ मुस्लिम युवाओं ने कथित रूप से जुलूस में पत्थर फेंके। दोनों समूहों ने एक-दूसरे पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया और स्थिति बिगड़ गई।"

 स्थिति अब नियंत्रण में है और इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि, "पुलिस सीसीटीवी फुटेज और घटना के वीडियो के आधार पर गिरफ्तारी कर रही है।"

सोशल मीडिया पर इस घटना की फ़र्ज़ी सूचनाओं और इससे जुड़े किस्सों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, "हम सोशल मीडिया पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं और लोगों को अफवाहों पर भरोसा नहीं करने की सलाह दे रहे हैं। अगर ऐसी स्थिति उभरती है तो हम इंटरनेट को बंद करने में संकोच नहीं करेंगे।"

क्षेत्र के टाउन इंस्पेक्टर आलोक परिहार ने कहा कि पुलिसकर्मी जुलूस के साथ मार्च कर रहे थेI लेकिन उन्हें ईद पर मुस्लिम युवाओं द्वारा नई सड़क में डीजे पर बजाए संगीत के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। परिहार ने कहा कि, "उन्हें डीजे बजाने की कोई अनुमति नहीं थी, जब हमने थोड़ी देर के लिए इसे रोकने का आग्रह किया, उन्होंने बात नहीं मानी और यही दो समूहों के बीच तनाव का कारण बन गया।"
 

प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि

नई सड़क पर एक दुकान चलाने वाले प्रत्यक्षदर्शी पवन बियानी के मुताबिक, घटना के समय वह खरीदारों के साथ व्यस्त थे। "कुछ मुस्लिम युवा बाज़ार के कोने में डीजे चला रहे थे और महाराणा प्रताप का जुलूस मुख्य सड़क से आ रहा था। सब कुछ सामान्य था, फिर यकायक दोनों समूहों ने एक-दूसरे पर पत्थरबाज़ी शुरू कर दी और एक मिनट में ही सब तहस-नहस हो गया।"

उन्होंने आगे कहा कि स्थिति खराब हो जाने के कारण पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए लाठीचार्ज किया और आँसू गैस के गोले भी चलाए। "एक घंटे के भीतर ही पुलिस ने स्थिति पर काबू पा लिया। शहर की पुलिस ने बहुत अच्छा काम किया।"

इस घटना का एक और नज़रिया एक अन्य व्यक्ति ने नाम न ज़ाहिर किये जाने की शर्त पर दिया, "जब शौर्य यात्रा जुलूस नई सड़क पहुंची, महादेव मंदिर के पास एक खुली जगह में ईद का जश्न भी चरम पर था। पुलिस अधिकारियों के अनुरोध के बावजूद डीजे की आवाज़ किसी भी तरफ से कम नहीं हुई और कुछ बहस के बाद अचानक ही पत्थरबाज़ी शुरू हुई।"

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