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मुरादाबाद में सीएम योगी के दौरे के समय पत्रकारों को कमरे में बंद किया!

'हम लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निरीक्षण कवर करने के लिए जिला अस्पताल गए थे। वहां पर करीब 25 पत्रकार थे। हमें अचानक इमरजेंसी वार्ड में जाने का कहा गया जब हम इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे तो बाहर से ताला बंद कर दिया गया।’
Kamra
फोटो साभार: Aaj Tak

उत्तर प्रदेश में पत्रकारों के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं। कुछ दिन पहले पत्रकारों को गिरफ्तार करने वाली उत्तर प्रदेश सरकार एक बार फिर विवादों में है। आरोप है कि इस बार पत्रकारों को कमरे में बंद किया गया। 

दरअसल यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को मुरादाबाद के जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान वहां कई स्थानीय पत्रकार भी पहुंचे लेकिन उन्हें कवरेज से रोक दिया गया। पत्रकारों का आरोप है कि मुरादाबाद के जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के आदेश पर दर्जनों मीडिया कर्मियों को इमरजेंसी वार्ड में बंद कर दिया गया। जब तक योगी अस्पताल का निरीक्षण करते रहेतब तक पत्रकारों को बंद रखा गया। पत्रकार दरवाजा पीटते रहेलेकिन जिला प्रशासन ने दरवाजा नहीं खोला। 

हालांकि वहीं प्रशासन का कहना है कि पत्रकारों को कमरे में बंद करने की खबरें गलत हैं और हॉस्पिटल में व्यवस्था बनाए रखने के लिए पत्रकारों को इमरजेंसी कॉरिडोर में रोक दिया गया था। 

न्यूज़क्लिक से बातचीत में मुरादाबाद के स्थानीय पत्रकार राजू ने बताया, 'हम लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निरीक्षण कवर करने के लिए जिला अस्पताल गए थे। वहां पर करीब 25 पत्रकार थे। हमें अचानक इमरजेंसी वार्ड में जाने का कहा गया जब हम इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे तो बाहर से ताला बंद कर दिया गया। हमने ताला खोलने के लिए काफी आवाज लगाई लेकिन हमारी एक भी नहीं सुनी गई। योगी आदित्यनाथ के वहां से जाने के बाद दरवाजा खोला गया। इस दौरान वार्ड ब्वायडॉक्टर और कुछ मरीज भी हम पत्रकारों के साथ वहां पर बंद रहे।'

राजू ने आगे बताया कि जिला प्रशासन ने जानबूझ कर मुख्यमंत्री के जिला अस्पताल में दौरा करने के दौरान किसी भी पत्रकार का मीडिया पास भी नहीं बनाया था। वहीं एक अन्य स्थानीय पत्रकार ने आरोप लगाया कि इस घटना के बाद हम लोग शिकायत करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की कोशिश किए लेकिन जिला प्रशासन ने हमें उनसे मिलने नहीं दिया।

ज़िलाधिकारी ने दी सफाई

इन आरोपों पर मुरादाबाद के डीएम राकेश कुमार सिंह ने सफाई दी है। डीएम ने बताया, 'यह सही नहीं है। निरीक्षण के दौरान बहुत सारे मीडियाकर्मी वार्ड में थे। मैंने पत्रकारों से माननीय मुख्यमंत्री के साथ वार्ड में न जाने की अपील की थी।'

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में डीएम ने कहा, 'मीडियाकर्मियों को इमरजेंसी वार्ड में बंद किए जाने की खबरें गलत हैं। पत्रकारों को पुलिस ने सिर्फ इमरजेंसी वार्ड के गेट पर रोक रखा था।'

उन्होंने कहा कि अस्पताल के अंदर एक साथ कई सारे लोगों के अचानक पहुंच जाने पर मरीजों को दिक्कत न हो इसलिए हमने पत्रकारों को बाहर ही रोक दिया था। ताकि अस्पताल का निरीक्षण शांतिपूर्वक किया जा सके। 

प्रियंका गांधी ने साधा निशाना 

इस मामले को लेकर सोमवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि सरकार जनता के सवालों पर मुंह बिचका रही है।

प्रियंका ने ट्विटर पर लिखा,'पत्रकार बंधक बनाए जा रहे हैंसवालों पर पर्दा डाला जा रहा हैसमस्याओं को दरकिनार किया जा रहा है। प्रचंड बहुमत पाने वाली उप्र भाजपा सरकार जनता के सवालों से ही मुंह बिचका रही है। नेताजी ये पब्लिक है ये सब जानती है। सवाल पूछेगी भी और जवाब लेगी भी।'

आपको बता दें कि योगी सरकार ने कुछ दिन पहले पत्रकारों को गिरफ्तार करने पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार झेली थी। लेकिन फिर एक बार योगी सरकार का पत्रकारों से बेतुका बर्ताव सामने आया है।

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