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मज़दूर-जान की कीमत बनाम गोबर-गाय, मंदिर-मस्जिद में फंसा देश

'हफ्ते की बात' के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने बात की मेघालय कोयला खदान त्रासदी पर और सरकार को आगाह किया कि अब वक्त आ चुका है कि अपने गोवंश-गोमांस के मुद्दे को छोड़कर इन ज़मीनी और असल मुद्दों पर ध्यान देना शुरू करे।

'हफ्ते की बात' के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने मेघालय कोयला खदान त्रासदी पर बात की। भारत में इससे पहले भी ऐसी घटनाएँ कई बार हो चुकी हैं, जिनमें कई मज़दूरों ने अपनी जान गँवाई है। भारत ने इस से पहले थाईलैंड में फँसे लोगों की मदद करने के लिए बड़ी आतुरता दिखाई थी, पर मेघालय में फँसे मज़दूरों की मदद सरकार वक्त पर नहीं कर पायी। अब वक्त आ चुका है कि भाजपा सरकार अपने गोवंश-गोमांस के मुद्दे को छोड़कर इन ज़मीनी और असल मुद्दों पर ध्यान देना शुरू करें।

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