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मेवात : जानिए कौन है मोनू मानेसर जिसपर लगा है 22 साल के वारिस की हत्या का आरोप

देश में गौ रक्षा के नाम पर हिंसा और हत्या की घटनाएं 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद से बढ़ी हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच के आंकड़े के मुताबिक 2015 से 2018 तक इन हमलों में 44 लोगों की हत्या हुई है, जिनमें से 36 मुसलमान थे।
waris mewat youth

हरियाणा के मेवात ज़िले के हुसैनपुर गांव में 22 साल के कथित गौ-तस्कर, एक मुस्लिम युवक की 28 जनवरी की सुबह मौत हो गई। नूह के एसपी वरुण सिंघला ने इस मौत को सड़क दुर्घटना बताया है। मगर परिजनों का कहना है कि यह हत्या है और हत्या का आरोपी है - मोनू मानेसर और मोनू का संगठन गौ रक्षा दल। पुलिस ने इस मामले में वारिस और 2 अन्य के ख़िलाफ़ गौ-तस्करी का मामला दर्ज किया है, गौ रक्षा दल के लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

पुलिस के मुताबिक वारिस, नफ़ीस और शौकीन अपनी गाड़ी में गाय लेकर जा रहे थे। गौ रक्षा दल के लोगों ने इनका पीछा किया और इनकी गाड़ी का एक टैंपो से एक्सीडेंट हो गया, जिसके चलते वारिस की मौत हुई। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में देखा जा सकता है कि गौ रक्षा दल के लोग इन लड़कों से इनका नाम पूछ रहे हैं, लड़के ज़ख़्मी हैं।

पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के अनुसार वारिस की मौत अंदरूनी चोट और लीवर में चोट लगने की वजह से हुई है।

वारिस की हत्या का आरोप जिस मोनू मानेसर पर लग रहा है, उसने माना कि यह वीडियो उसी की टीम के लोगों ने बनाया है। मगर हत्या के आरोपों को ख़ारिज करते हुए उसने न्यूज़क्लिक से कहा, "हमारा काम सिर्फ़ पुलिस को सूचना देना है। हमने उन गौ तस्करों को पुलिस के हवाले कर दिया था, वे ही उन्हें अस्पताल ले गए थे। सुबह 10 बजे हमें पता चला कि एक लड़के की मौत हो गई है।"

सोशल मीडिया पर नफ़ीस का वीडियो भी है जिसमें वह कह रहा है, "इन लोगों ने हमें सुबह 10 बजे तक पीटा।"

मोहित यादव उर्फ़ मोनू मानेसर हरियाणा के मानेसर का रहने वाला है। वह बजरंग दल का सदस्य है और हरियाणा के गौ रक्षा दल का अहम चेहरा है। 28 साल का मोनू मानेसर इंडस्ट्रियल एरिया में लोगों को किराए के घर दिलाने का काम करता है।

बजरंग दल एक उग्रवादी हिंदुत्व संगठन है जो विश्व हिन्दू परिषद की युवा शाखा है। विनय कटियार ने इसकी 1984 में स्थापना की थी। 1992 के बाबरी विध्वंस के लिए बजरंग दल ने बड़ी संख्या में लोग जमा किये थे।

हरियाणा सरकार ने 2015 में गोसंवर्धन एवं संरक्षण क़ानून लागू किया था। इस क़ानून को मज़बूत बनाने के लिए 2021 में गौ रक्षा टास्कफोर्स का गठन किया गया था। इसके तहत गौ रक्षा दल बना जिसमें सरकार के साथ ग़ैर सरकारी लोग भी हैं। यह गौ रक्षा दल इलाक़े में गौ तस्करी, गौ हत्या की घटनाओं को ट्रैक करता है और पुलिस को सूचित करता है। मोनू मानेसर ने न्यूज़क्लिक को बताया, "हमने अभी तक 2 से 3 हज़ार सूचनाएं पुलिस को दी हैं, अब तक हमने 70 हज़ार से ज़्यादा गोवंश बचाये हैं।"

नूह में, गौ रक्षा दल पर लगातार मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसक घटनाओं को अंजाम देने, गौ रक्षा के नाम पर मुसलमानों को पीटने के आरोप लगते रहे हैं।

मोनू मानेसर की सोशल मीडिया पर व्यापक मौजूदगी है। फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर उसके चैनल हैं जहां वह कथित गौ तस्करों का पीछा करते हुए वीडियोज़ अपलोड करता है, पकड़े गए गौ तस्करों के साथ बंदूक लेकर खड़ा होकर तस्वीरें पोस्ट करता है। मोनू ने बताया, "हमारे पास एक गांव में 15 लोग रात की ड्यूटी के लिए हैं। गुरुग्राम, मानेसर, भिवाड़ी, नूह, मेवात तक हमारे पास क़रीब 4 हज़ार लड़के हैं।"

मोनू मानेसर के यूट्यूब पर 2 लाख से ज़्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। इंस्टाग्राम पर क़रीब 27 हज़ार लोग उसे फॉलो करते हैं। यूट्यूब और इंस्टा पर कथित गौ तस्करों को पीटने वाली तमाम विडियोज़ पर कमेंट करने वाले लोग इसका समर्थन करते हैं, इसे देख कर ख़ुश होते हैं।

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आसिफ़ मुजतबा एक वकील हैं जो miles2smiles नाम का संगठन चलाते हैं। न्यूज़क्लिक से बात करते हुए उन्होंने बताया, "मेवात के क्षेत्र में मुसलमानों की आबादी ज़्यादा है। यहां के लोग आज़ादी के पहले से ही मवेशी ट्रांसपोर्ट करने के व्यापार में लगे थे। 2015 में खट्टर सरकार द्वारा क़ानून लाने के बाद से उनके इस काम को रोकने की कोशिश तो की गई, मगर उन्हें वैकल्पिक रोज़गार नहीं दिया गया। पिछले 3 दशकों से यहां स्कूलों की हालत बेहद ख़राब है। कई स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, कई में सिर्फ़ 1 शिक्षक है। यहां शिक्षा नहीं है, रोज़गार के मौक़े नहीं हैं।"

गौ रक्षा दल के बारे में बात करते हुए आसिफ़ ने बताया, "इन लोगों को सरकार और पुलिस का साथ है, तभी तो यह किसी को घर से अगवा कर लेते हैं, किसी को पीट देते हैं और पुलिस कुछ नहीं करती। 2 साल पहले आसिफ़ नाम के शख़्स को लिंच किया गया था, उनके परिवार पर भी गौ हत्या गौ तस्करी से जुड़ा आरोप लगा था। मगर आप पुलिस से उम्मीद नहीं कर सकते कि ऐसे मामलों में कुछ करे क्योंकि पुलिस पूरी तरह से इन गुंडों का समर्थन करती है इनके साथ मिल कर काम करती है। जब तक इनपर हिन्दुत्व का नशा चढ़ा हुआ है यह ऐसे ही करते रहेंगे।"

22 अप्रैल 2022 की एक वीडियो वायरल हुई थी जिसमें फ़िरोज़पुर झिरका गांव में एक एसयूवी गाड़ी मुसलमानों के घर के सामने बंदूक की नोक दिखाते हुए, और उन्हें धमकाते हुए निकल रही थी। इस घटना के बाद मेवात विधायक समेत मुस्लिम समुदाय के कई लोगों ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को ज़िले में न घुसने की धमकी दी थी। इसके बाद बजरंग दल ने सांगेल गांव में एक महापंचायत करके सरकार को गौ तस्करी को ख़त्म करने के लिए एक महीने का 'अल्टीमेटम' दिया था।

"वह गौतस्करी बन्द कर दें, हम मेवात जाना बंद कर देंगे।" मोनू ने कहा।

मोनू मानेसर का कहना है कि उसने या उनकी टीम ने कभी किसी पर फ़ायरिंग नहीं की वह सिर्फ़ पुलिस को सूचना देता है और उसके पास मौजूद सभी हथियार लाइसेंसी हैं।

हालांकि सोशल मीडिया पर वह वीडियो भी हैं जिनमें कथित गौ तस्करों की गाड़ी का पीछा करते हुए गाड़ियों पर फ़ायरिंग की जा रही है।

जुलाई 2022 में बजरंग दल ने एक महापंचायत का आयोजन किया था जिसमें "मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार" की बात की गई थी।

देश में गौ रक्षा के नाम पर हिंसा और हत्या की घटनाएं 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद से बढ़ी हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच के आंकड़े के मुताबिक 2015 से 2018 तक इन हमलों में 44 लोगों की हत्या हुई है, जिनमें से 36 मुसलमान थे।

मार्च 2022 में, केंद्र सरकार ने संसद में कहा था कि एनसीआरबी लिंचिंग पर कोई अलग आंकड़ा नहीं रखता है।

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