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उमर, महबूबा ने विपक्षी गठबंधन को ‘गुपकर गैंग’ कहने पर अमित शाह को लताड़ा

दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने ट्वीट कर कहा कि लगता है गृह मंत्री अमित शाह विपक्षी गठबंधन द्वारा संयुक्त रूप से डीडीसी चुनाव लड़ने के निर्णय से हताश हो गए हैं। साथ ही उन्होंने अमित शाह को बेरोज़गारी और मुद्रास्फ़ीति के ज्वलंत मुद्दों पर बात करने की सलाह दी है।
जम्मू-कश्मीर

श्रीनगर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए उनके गठबंधन को घाटी में "उथल-पुथल" के दौर को वापस लाने वाला "गिरोह" बताया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने इस तरह की हताशा भरी टिप्पणी करने पर उनकी तीखी आलोचना की है।

शाह ने अपनी कई ट्वीट्स के माध्यम से आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर में क्षेत्रीय पार्टियां  "विदेशी ताकतों" से हस्तक्षेप करने की मांग कर रही हैं और उन्होने कांग्रेस पार्टी से इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है।

गुपकर गैंग अब वैश्विक हो रहा है! वे जम्मू और कश्मीर में विदेशी ताकतों का हस्तक्षेप चाहते हैं। गुपकर गैंग भारत के तिरंगे का भी अपमान करता है। क्या सोनिया जी और राहुल जी गुपकर गैंग की ऐसी चालों का समर्थन करते हैं? उन्हें भारत के लोगों के सामने अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए,” शाह ने उक्त बयानबाजी माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर की है।

अपनी दूसरी ट्वीट में, शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और "गुपकर गैंग" जम्मू-कश्मीर को "आतंक और उथल-पुथल" के उस युग में वापस ले जाना चाहते हैं, जिसे लोगों ने "अस्वीकार" कर दिया था।

भाजपा के वरिष्ठ नेता की इस तरह की टिप्पणी की, जबकि उनकी पार्टी आगामी 28 नवंबर से होने वाले जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनावों में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के साथ टक्कर में आमने-सामने है, जम्मू-कश्मीर के दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला, महबूबा सहित क्षेत्रीय राजनेताओं ने उनकी जमकर आलोचना की है।

"मैं माननीय गृह मंत्री के इस हमले के पीछे की हताशा को समझ सकता हूं।" क्योंकि उन्हें बताया गया था कि पीपुल्स अलायंस चुनावों का बहिष्कार करने की तैयारी कर रहा है। इससे  बीजेपी और राजा की नवगठित पार्टी को बिना किसी चुनौती के जम्मू-कश्मीर में जीत का परचम लहराने का मौका मिल जाता। उमर ने भाजपा मंत्री को जवाब देते हुए लिखा कि “हमने चुनाव न लड़ने की मेहरबानी नहीं की है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता ने भारतीय जनता पार्टी पर उनके गठबंधन को "गिरोह" करार देने के खिलाफ भाजपा के पूर्वाग्रह की जमकर आलोचना की है।

केवल जम्मू और कश्मीर ही एक ऐसा राज्य है जिसमें राजनैतिक पार्टियों के नेताओं को हिरासत में लिया जा सकता है और उनके चुनाव में भाग लेने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बढ़ावा देने पर राष्ट्र-विरोधी कहा जाता सकता है। यद्द्पि सच्चाई यह है कि भाजपा की विचारधारा का विरोध करने वालों को असल में "भ्रष्ट और देशद्रोही" करार दिया जाता है। उमर ने कहा, अमित शाह जी ''''हम गैंग नहीं हैं, हम एक जायज राजनीतिक गठबंधन हैं जो चुनाव लड़ रहा हैं और आपकी आशा के विपरीत चुनाव लड़ रहे हैं।

उमर, पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर घोषणा (PAGD) का अंतरंग हिस्सा है, जो जम्मू-कश्मीर में  धारा 370 और राज्य के दर्जे की बहाली की मांग करने वाले सात दलों का गठबंधन है, एक ऐसा दर्जा जिसे 5 अगस्त 2019 को समाप्त कर दिया गया था। पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर घोषणा (PAGD) कश्मीर के "विशेष दर्जे" निरस्त करने के भाजपा सरकार के एकतरफा निर्णय का विरोध कर रहा है और तबसे भाजपा ने इसे सेंसर कर दिया है। पिछले साल अगस्त महीने से  राज्य के सभी वरिष्ठ राजनेताओं को साल भर के लिए नजरबंद कर दिया अब जब वे बाहर आए है तो उन्होने इस गठबंधन को बनाया है।

"पुरानी आदतें मुश्किल से जाती हैं। इससे पहले भी भाजपा विपक्ष को या उसका विरोध करने वालों को टुकड़े-टुकडे गिरोह कहती रही कि जो भारत की संप्रभुता को खतरे में डालना चाहते हैं और अब भाजपा जम्मू-कश्मीर के विपक्ष को गुपकर गैंग कहकर राष्ट्र विरोधी ताक़त के रूप में पेश कर रही हैं। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा कि, ''झूठ लाखों मौत मरता है इसलिए वह भाजपा है जो खुद संविधान का उल्लंघन करती है।  

कई ट्वीट्स के माध्यम से महबूबा, जिन्हे नज़रबंदी से सबसे बाद में रिहा किया गया था ने भाजपा पर देश के विभाजन करने वाली दक्षिणपंथी पार्टी होने का आरोप लगाया है।

“भाजपा की देश को विभाजित करने वाली नीति जिसमें वे खुद को उद्धारक और राजनीतिक विरोधियों को आंतरिक और काल्पनिक शत्रु के रूप में पेश करते हैं वह भारत को विभाजित करने की बड़ी रणनीति का हिस्सा है। महबूबा ने कहा कि राजनीतिक चर्चा में बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई पर बात करने के बजाय टुकड़े-टुकड़े, लव जिहाद और अब गुप्कर गैंग प्रवचन पर अधिक हावी है।

कई लोगों ने उम्मीद जताई थी कि गुपकर गठबंधन के हस्ताक्षरकर्ता आगामी डीडीसी चुनावों में विरोध के रूप में भाग नहीं लेंगे, कुछ ऐसा जो चुनावी प्रक्रिया को नाजायज ठहरा देता।  हालांकि, राजनीतिक दलों ने यह कहते हुए इस चुनाव में शामिल होने की इच्छा जताई कि गठबंधन बीजेपी को "कोई खुली जगह नहीं देगा", भाजपा को ऐसी चुनौती जो पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर घोषणा (PAGD) के मुताबिक "प्रतीकात्मक" है।

पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर घोषणा (PAGD) या गुपकर आलायंस में फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस, महबूबा के नेतृत्व वाली पीडीपी और सजाद लोन के नेतृत्व वाली  पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (PC), अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस (ANC), जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM), कांग्रेस पार्टी और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) शामिल हैं। ये सभी दल आगामी डीडीसी चुनावों में बीजेपी से टक्कर लेंगे, पिछले साल धारा 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बड़ी चुनावी प्रक्रिया है जिसे विपक्ष सीट साझा कर लड़ रहा है।

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