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नवाकडाल एनकाउंटर : कई घरों को लूटने के बाद किया आगे के हवाले 

कनिमाज़र क्षेत्र के निवासियों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने कई घरों से नकदी, आभूषण और घर का क़ीमती सामान उस वक़्त लूट लिया जब उन्होंने इलाक़े में आतंकवादियों को पकड़ने देने के लिए 19 मई की सुबह-सुबह कार्रवाई की थी।
नवाकडाल एनकाउंटर

श्रीनगर: 19 मई को डाउनटाउन श्रीनगर के नवाकडाल इलाक़े में हिज़बुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकवादियों को सुरक्षा बालों के एक ऑपरेशन में मार गिराया गया, लेकिन स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि सुरक्षा बलों ने इस अभियाम में एक दर्जन से अधिक घरों को जलाकर खाक कर दिया और कई अन्य को कथित रूप से लूट लिया है।

इलाके के निवासियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कनिमाज़र में कई घरों से नकदी, आभूषण और अन्य कीमती सामान लूट लिया क्योंकि वे इस इलाके में आतंकवादियों को खत्म करने के लिए ऑपरेशन चला रहे थे।

न्यूजक्लिक को एक निवासी ने बताया, कि "उन्होंने पहले हमारे घरों को लूटा और फिर इलाके में आग लगा दी।" उनके पति बिलाल अहमद दिहाड़ी मज़दूर के रूप में अपनी रोजी-रोटी कमाते थे, तालाबंदी के कारण, वे पूरी तरह से उन पैसों पर निर्भर थे जिन्हे उन्होंने ऐसे समयों के लिए बचा कर रखा था। "उन्होंने हमारे घरों में तोड़फोड़ की ... हमारे लॉकर तोड़ दिए और सब कुछ लूट कर ले गए, अब हम ज़िंदा कैसे रहेंगे?," बिलाल की दुखी पत्नी ने अपने आप से सवाल किया।

बिलाल का घर इस मुठभेड़ के स्थल बहुत करीब था जहां सुरक्षा बालों ने कार्यवाही के बाद एक दर्जन से अधिक घरों में आग लगा दी थी। हालांकि, मोहम्मद रफीक जिसका घर अपेक्षाकृत सुरक्षित दूरी पर है, कथित तौर पर उसके घर को भी नहीं बख्शा गया। उसकी पत्नी हुए नुकसान को देख कर रोए जा रही थी। "पुलिस ने हमारे घर में घुसकर न केवल नकदी और आभूषण हड़प लिए, बल्कि, मेरे पति के लैपटॉप को भी ज़ब्त कर लिया है।"

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तारिक़ अहमद, जिसका परिवार भी इस हिंसा से प्रभावित हुआ था, ने कहा कि जघन्य कृत्य को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रात के दौरान अंजाम दिया था।

"वे यानी सुरक्षा बल, किसी चंबल घाटी के डकैतों की तरह आए और कीमती सामान को लूट लिया। कई परिवारों ने अपनी बेटी की शादी के लिए पैसे और गहने बचा कर रखे हुए थे, वे उन्हे भी ले गए।” उन्होंने कहा।

हालांकि, श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉ॰ हसीब मुगल ने इन आरोपों को "निराधार और पुलिस के खिलाफ प्रेरित" बताया है।

मुगल ने न्यूजक्लिक को बताया, कि "पुलिस और सुरक्षा बलों के बारे में दुष्प्रचार न करें ... फिर भी अगर कोई खास शिकायत है, तो हम जांच के लिए तैयार हैं।"

मंगलवार के पुलिस ऑपरेशन को जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त रूप से आधी रात के 2 बजे के आसपास शुरू किया था, जिसमें हिज्ब के दो आतंकवादी, जिन्हें पुलिस ने बाद में श्रीनगर और पुलवामा इलाके से जुनैद अहमद सेहराई और तारिक अहमद शेख के रूप में पहचाना था, को मुठभेड़ में मार गिराया था। जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ का एक-एक जवान इसमें घायल हो गया है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दो आतंकवादियों में से एक को घर के अंदर ही मार दिया गया था जबकि दूसरे को गली के बाहर तब मार दिया गया, जब वह भागने की कोशिश कर रहा था।

हिजबुल के शीर्ष आतंकवादियों में से एक जुनैद सेहराई मार्च 2018 में आतंकवादी धड़े में शामिल हो गया था और इस क्षेत्र में कई आतंकवादी अभियानों या हमलों का हिस्सा था। वे अलगाववादी पार्टी तहरीक-ए-हुर्रियत (टीएच) के मौजूदा अध्यक्ष मोहम्मद अशरफ सेहराई के बेटे थे। जुनैद, जोकि एक एमबीए था और पहले एक निजी कंपनी में काम करता था, जुनैद तुरंत तब हिज्ब के धड़े में तब शामिल हो गया आता जब उसके पिता बड़े अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी से तहरीक-ए-हुर्रियत पार्टी को चलाने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली थी। अशरफ, पूर्व के वर्षों में गिलानी के सबसे भरोसेमंद लेफ्टिनेंटों में से एक थे, वे हुर्रियत नेतृत्व के सबसे शीर्ष के ऐसे नेता है, जिनके बेटे आतंकवादी धड़े में शामिल हो गए थे।

जुनैद की हत्या के तुरंत बाद, अशरफ़ ने श्रीनगर के बाहरी इलाके में अपने घर बागत ई बारज़ुल्ला निवास पर अपने बेटे के जनाज़े की अनुपस्थित में नमाज़ पढ़ी, जिसे ‘नमाज़ ए जनाज़ा’ भी कहा जाता है, जिसमें क़रीबी रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने भाग लिया था।

पिछले दो सालों में डाउनटाउन श्रीनगर में नवाकाडल एनकाउंटर पहली मुठभेड़ है। इससे पहले अक्टूबर 2018 में, एक शीर्ष लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकवादी कमांडर मेहराज बांगरू को फतेह कदल के नजदीकी डाउनटाउन इलाके में एक मुठभेड़ में उनके दो सहयोगियों के साथ मार दिया गया था जिसमें  सीआरपीएफ का एक जवान भी मारा गाया था।

मंगलवार की मुठभेड़ से नवाकडाल के निवासियों को गहरा सदमा लगा है क्योंकि वे अपने और पड़ोसियों के घरों को आग की लपटों में जलते और ढहते हुए देख रहे थे। पूरे इलाका आग और धुएँ की चपेट में आ गया था, स्थानीय लोगों की मदद से दमकल विभाग ने आग की लपटों को भुजाने की पुरजोर कोशिश की।

मुठभेड़ स्थल से सुरक्षा बालों के हटने के तुरंत बाद, इलाके में झड़पें शुरू हो गईं, जिसके बाद पुलिस और सीआरपीएफ ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले और पेलेट गन का इस्तेमाल किया। अधिकारियों ने मुठभेड़ के मद्देनजर दिन में मोबाईल सेवाओं को बंद कर दिया था जिन्हे बाद में शाम को बहाल कर दिया गया था। हालांकि, श्रीनगर में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बहाल नहीं किया गया, और एक सप्ताह बाद ही इन्हे बहाल किया गया था। इससे पहले 6 मई को हिजबुल के शीर्ष कमांडर रियाज़ नाइकू की हत्या के बाद इन्हे बंद कर दिया गया था।

सुरक्षा बलों ने बावजूद कोविड-19 के प्रसार और उसके लिए दुनिया भर में चल रहे लॉकडाउन के  कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान को तेज कर दिया है, इस माहामारी यानि कोविड-19 से क्षेत्र के एक हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।

अंग्रेजी में लिखी गई इस मूल स्टोरी को आप नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं-  

Over Dozen Homes Burned, More Looted During Nawakadal Encounter, Allege Residents

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