Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

पुणे में भावनाएँ भड़काने के आरोप में मेवानी, खालिद पर मामला दर्ज

शिकायत में छात्र ने 31 दिसम्बर को पुणे के शनिवारवाड़ा में मेवानी और खालिद द्वारा दिए गए भाषण पर आपत्ति जताई है। 
umar khalid
Image Courtesy: The New Indian Express

पुणे, 4 जनवरी (आईएएनएस) पुलिस ने गुजरात के दलित नेता व विधायक जिग्नेश मेवानी और जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ कथित रूप से समुदायों के बीच भावनाओं को भड़काने आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। यह प्राथमिकी पुणे के 22 वर्षीय छात्र अक्षय जी. बिक्कड़ की शिकायत पर बुधवार देर रात दर्ज की गई। शिकायत में छात्र ने 31 दिसम्बर को पुणे के शनिवारवाड़ा में मेवानी और खालिद द्वारा दिए गए भाषण पर आपत्ति जताई है। 

अपनी शिकायत में बिक्कड़ ने कहा कि उस दिन आयोजित 'यलगार परिषद' में दोनों वक्ताओं ने भड़काऊ भाषण दिए, जो सुमदायों के बीच गलतफहमी को बढ़ा सकते हैं।

शिकायत में मेवानी के भाषण के अंश दिए गए है, जिसमें मेवानी ने कहा कि '(एक जनवरी 1881) कोरेगांव-भीमा का युद्ध भविष्य की जंग हो सकती है। अगर वे हमला करते हैं तो यह समय उनको जवाब देने का होगा और इस जंग में जीत हासिल कर हम अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देंगे। 'नई पेशवाई' को कुचल देना कोरेगांव-भीमा युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि हो सकता है।'

शिकायत में खालिद के भाषण के भी अंश हैं जिसके मुताबिक खालिद ने कहा, 'अगर हम इस नई पेशवाई के खिलाफ जंग को जीतना चाहते हैं तो हमें कोरेगांव-भीमा की जंग को आगे ले जाना होगा। अगर हमें इस संघर्ष को आगे ले जाना है तो यह सब केवल चुनावी राजनीति से हासिल नहीं किया जा सकता।"

खालिद ने कथित रूप से कहा, "मेरा मानना है कि जो लोग सार्वजनिक हित के लिए लड़ते हैं, उन्हें गुजरात, महाराष्ट्र के साथ साथ संसद में तो जगह बनानी होगी लेकिन जाति प्रथा को केवल सड़कों पर उतरकर ही जड़ से उखाड़ा जा सकता है। एक जाति का दूसरी जाति पर प्रभुत्व सड़कों पर उतरकर ही खत्म ही किया जा सकता है।"

शिकायत में कहा गया है कि यह 'भड़काऊ भाषण समुदायों के बीच दुश्मनी और खाई को बढ़ा सकते हैं' और 'इसी उकसावे के कारण कोरेगांव-भीमा स्थित विजय स्तंभ पर कुछ अज्ञात बदमाशों ने हमला कर दिया, नतीजन एक जनवरी को दंगे और आगजनी हुई।'

पुणे पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने के कुछ घंटों बाद, मुंबई पुलिस ने विले पार्ले में गुरुवार सुबह निर्धारित छात्र भारती द्वारा समर्थित अखिल भारतीय राष्ट्रीय छात्र सम्मेलन को इजाजत देने से मना कर दिया। 

यह कदम महाराष्ट्र में फैली अशांति के बाद उठाया गया। इस अशांति की शुरुआत 29 दिसम्बर को वाधु बुद्रुक में एक स्मारक के अपवित्र करने से हुई, जिसके बाद कोरेगांव-भीमा में एक जनवरी को दंगे हुए जिसमें एक की मौत हो गई। उसके बाद महाराष्ट्र बंद के कारण राज्य भर में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की गई और बंद के दौरान भी एक युवक की मौत हो गई। 

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest