NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
कोविड-19 चिकित्सा उत्पादों पर ट्रिप्स छूट की मांग को लेकर जन आंदोलनों, ट्रेड यूनियनों और वाम दलों ने हाथ मिलाया
ओमिक्रॉन वैरिएंट के सामने आने के बाद 12वें विश्व व्यापार संगठन के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को रद्द कर दिया गया है और ट्रेड यूनियन, नागरिक समाज संगठन और वामपंथी पार्टियां कोविड-19 चिकित्सा उत्पादों को लेकर ट्रिप्स से जुड़ी इस छूट के पक्ष में कार्रवाई के सिलसिले में लामबंद हो गये हैं।
पीपुल्स डिस्पैच
02 Dec 2021
Geneva
जिनेवा में ट्रिप्स छूट के समर्थन में विरोध प्रदर्शन।

विभिन्न ट्रेड यूनियन, प्रगतिशील दल और नागरिक समाज समूह ने 30 नवंबर की सुबह जिनेवा में एक साथ बैठक की, जिसमें कोविड-19 चिकित्सा उत्पादों के लिए उस बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार-संबंधित पहलुओं पर समझौता (Agreement on Trade-Related Aspects of Intellectual Property Rights-TRIPS) के छूट प्रस्ताव के पक्ष में अपना समर्थन जताया, जिसे पिछले साल दक्षिण अफ़्रीका और भारत की सरकारों की ओर से विश्व व्यापार संगठन से सामने प्रस्तुत किया गया था।

कार्यकर्ताओं ने विश्व व्यापार संगठन के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (MC12) के आसपास आयोजन की योजना बनायी थी, जो 30 नवंबर से 3 दिसंबर तक होने वाला था। जहां कई यूरोपीय देशों की ओर से कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट के चलते यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के बाद MC12 को रद्द कर दिया गया है, वहीं नागरिक समाज ने टीकों और अन्य चिकित्सा उत्पादों को सभी के लिए सुलभ बनाने को लेकर ज़बरदस्त प्रतिबद्धता दिखाते हुए अपनी योजनाओं के साथ आगे बढ़ने का विकल्प चुना है। 

वैक्सीन रंगभेद: नये वैरिएंट की बड़ी वजह

कार्रवाई का यह दिन जिनेवा में मौजूदा संगठनों और विभिन्न देशों में विकेंद्रीकृत विरोधों की एक श्रृंखला में बदल जाने वाली कार्रवाइयों की एक श्रृंखला जारी रखने वाले उन संगठनों की ओर से संयुक्त प्रेस कॉन्फ़्रेंस के साथ शुरू हुआ, जिन्हें यात्रा प्रतिबंध के कारण घर पर रहने के लिए मजबूर किया गया था।

इस यात्रा प्रतिबंध और वैक्सीन रंगभेद के बीच के सम्बन्ध के सिलसिले में बोलते हुए हेल्थ जस्टिस इंटरनेशनल की फ़ातिमा हसन ने कहा, “जहां अफ़्रीका की कई जगहों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने में अमीर देशों को महज़ चंद घंटों का समय लगा, वहीं ट्रिप्स छूट प्रस्ताव का समर्थन करने में उन्हें एक साल से ज़्यादा का समय लगा है, जबकि यह एक ऐसा प्रस्ताव है, जो हमें वैक्सीन उत्पादन में तेज़ी लाने और कोविड-19 टीकों को उन सभी के लिए सुलभ बना देगा, जिन्हें इन टीकों की ज़रूरत है।”

इस कार्रवाई दिवस के समन्वयक ओमिक्रॉन की मौजूदगी को अमीर देशों के इस छूट के समर्थन से बचने के सीधे-सीधे नतीजे तौर पर देखते हैं। आवर वर्ल्ड इज़ नॉट फ़ॉर सेल नेटवर्क की ओर से बोलते हुए डेबोरा जेम्स ने चेतावनी दी कि यह टीके से जुड़े रंगभेद की मौजूदा स्थिति है, जो नये वैरिएंट के बढ़ने को आसान बना रही है, और ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए कि "डब्ल्यूटीओ सभी के लिए टीकों को सुलभ बनाने की हमारी क्षमता को निर्धारित करे।"

यूरोपीय संघ, यूनाइटेड किंगडम, नॉर्वे और स्विट्ज़रलैंड ने इस ट्रिप्स छूट का विरोध करना जारी रखा है, लेकिन यूरोपीय संसद में वामपंथी मार्क बोटेन्गा और स्विस वामपंथी दल एन्सेम्बल ए गौचे (इंग्लैंड टुगेदर ऑन लेफ्ट) के स्टेफ़नी प्रीज़ियोसो के मुताबिक़, अब ये देश अंतर्राष्ट्रीय और अपने-अपने घरेलू स्तर पर बढ़ते प्रतिरोध का सामना कर रहे हैं। बोटेन्गा के अनुसार, लोगों ने इस छूट के पक्ष में मतदान करने के लिए यूरोपीय संसद पर दबाव बनाने में कामयाबी हासिल की है, जिससे कि यह साबित होता है कि अगर हम एक साथ मिलकर लड़ते हैं, तो सत्ता समीकरणों को बदला जा सकता है।

प्रीज़ियोसो ने बताया कि मौजूदा स्थिति ज़्यादा समय तक नहीं चल सकती, और यह समय अमीर देशों के लिए महामारी के फ़ौरी समाधान की ज़िम्मेदारी लेने का है।

#covid19 vaccine apartheid must be brought to an end. Rich countries will be held accountable for further needless deaths! History is watching!! #tripswaiver now! pic.twitter.com/L0Ho5JfKny

— Stefanie Prezioso (@Prezioso2) November 30, 2021

इस छूट का समर्थन करते कामगार

पीपल्स हेल्थ मूवमेंट (PHM) के नये ग्लोबल कोऑर्डिनेटर रोमन वेगा ने चेतावनी दी कि ग्लोबल नॉर्थ, यानी बेहद विकसित देशों में महामारी को लेकर अपनायी गयी प्रतिक्रिया के चलते दुनिया भर में कई लोग मर रहे हैं। जहां हमें निश्चित रूप से इसे रोकने के लिए ट्रिप्स छूट की ज़रूरत है, वहीं हमें स्वास्थ्य प्रणालियों के उन अन्य तत्वों को नहीं भूलना चाहिए, जो हमें कोविड-19 के ख़ात्मे के क़रीब ले आयेंगे। वेगा ने कहा, "हमें सार्वजनिक और सार्वभौमिक स्वास्थ्य प्रणालियों को लेकर एकजुट होकर लड़ते रहना चाहिए, और उस पूरी प्रणाली के लिए खड़ा होना चाहिए, जिसने हमें स्वास्थ्य सेवा का निजीकरण और बिग फ़र्मा की सज़ा से मुक्ति दिलायी है।"

ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता बाबा ऐ (पब्लिक सर्विसेज इंटरनेशनल) और रॉबर्ट जॉनस्टन (इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट फेडरेशन) ने कहा कि पिछले महीनों में इस छूट को लेकर समर्थन को सिर्फ़ श्रमिकों के बीच मज़बूती मिली है। आज की स्थिति में सभी क्षेत्रों के 200 मिलियन से ज़्यादा कामगार इस ट्रिप्स छूट प्रस्ताव के समर्थन में खड़े हैं, और सरकारों से महामारी के काम में अग्रणी लोगों के साथ लामबंद होने को लेकर खड़े होने के लिए कह रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय और इंटरनेशनल फ़ेडरेशन ऑफ़ फ़र्मास्युटिकल मैन्युफ़ैक्चरर्स एंड एसोसिएशन के सामने कार्यकर्ताओं के विरोध कार्रवाई के आगे बढ़ने से पहले कोविड-19 पर सामूहिक स्टॉप पेटेंट के फ़्रैंक प्राउहेट ने कहा, “यह समय यात्रा पर प्रतिबंध लगाने का नहीं है; यह सड़कों पर मार्च करने और यह सुनिश्चित करने का समय है कि कोविड-19 के टीके, उपचार और निदान सबके लिए सुलभ हो।”

बिग फ़र्मा प्रभुत्व के विकल्प

We joined other orgs in front of @UNGeneva to demand urgent @wto #TRIPSWaiver so we can ramp up vaccine production to tackle dangerous new variants.

UK, Germany, Switzerland + @EU_Commission must stop putting pharma profits ahead of people's lives! pic.twitter.com/ttGxg1igFk

— Public Services International (@PSIglobalunion) November 30, 2021

मेडिक्यूबा और फोरम अल्टरनेटिवो के फ़्रेंको कैवल्ली ने कहा, "मौजूदा स्थिति से निराश होना आसान है, लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि यूरोपीय सरकारों से हम जो कुछ भी महसूस कर रहे हैं, उसके व्यावहारिक विकल्प पहले से ही मौजूद हैं।" उन्होंने ज़ोर देकर कहा, "महामारी की शुरुआत से ही क्यूबा ने हमें यह विकल्प दिखा दिया है कि ज्ञान, प्रौद्योगिकी और टीकों को साझा करने वाला आधारित नज़रिये को अमल में ले आना मुमकिन है और यह ग्लोबल साउथ, यानी बेहद अविकसित देशों के लिए यही सच्ची उम्मीद है।"

एहतियात और एकजुटता पर आधारित दुनिया के लिए यही वह वैकल्पिक नज़रिया है, जिसने इस मौक़े पर इंडोनेशिया, फ़्रांस, बेल्जियम, नॉर्वे, यूके, आयरलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका, स्विट्जरलैंड और कई दूसरे देशों के लोगों को सड़कों पर उतार दिया है। ब्रसेल्स में प्रदर्शनकारियों ने वैक्सीन के सिलसिले में अपनाये जा रहे इस रंगभेद के चलते अपनी जान गंवाने वाले उन सभी लोगों के सिलसिले में चौकसी बरती है, जो यूरोपीय नागरिकों के इलाज के अधिकार से जुड़े थे। अन्य देशों में रास्ते में आने-जाने वालों को यह समझाते हुए लोग सरकारी कार्यालयों और बिग फ़र्मा मुख्यालयों के सामने इकट्ठा हुए कि कैसे मौजूदा व्यापार नियम महामारी को लम्बा खींच रहे हैं।

केंद्रीय कार्यक्रम जिनेवा में हुआ, जहां तक़रीबन 200 लोगों ने मार्च किया और अमीर देशों से आख़िरकार कोविड-19 चिकित्सा उत्पादों पर पेटेंट को हटाने का आह्वान किया। उनके लिए अमीर देशों को महामारी की शुरुआत में दिये गये वैश्विक एकजुटता के वादों के अनुरूप आचरण करने का सही समय आ गया है।

जैसा कि थर्ड वर्ल्ड नेटवर्क की संगीता शशिकांत कहती हैं, “यह (कोविड-19) वैश्विक वित्तीय संकट के बाद का सबसे ख़राब संकट है, और यह महामारी जबतक जारी रहेगी, यह संकट भी तबतक बना रहेगा। जब महामारी उभरकर सामने आयी थी, तो वैश्विक एकजुटता के वादे किये गये थे। लेकिन, हमने जो कुछ देखा है, वह यह कि वही अमीर देश इस रास्ते में वैश्विक बाधा बनकर खड़े है, जिन्होंने अपनी ज़्यादातर आबादी को टीका लगवा दिया है। हमें एक सार्थक नतीजे की ज़रूरत है, ताकि हम टीकों, परीक्षणों, उपचारों और चिकित्सा उत्पादों के उत्पादन को बढ़ा सकें, और ऐसा करने का एकमात्र तरीक़ा कोविड-19 की रोकथाम, नियंत्रण और उपचार के लिए पेटेंट, व्यापार गोपनीयता, कॉपीराइट और औद्योगिक मंसूबे से निजात पाना है।”

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Ensemble à gauche
Health Justice International
Marc BotengaMC12OmicronOur World Is Not For Sale
Patent waiver on COVID-19 vaccine
People’s Health Movement
Third World Network
World Trade Organization
WTO

Related Stories

जेनेवा में भारत का फ्लॉप-शो

एनजीओ ने विश्व व्यापार संगठन द्वारा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध को अलोकतांत्रिक बताया

TRIPS वेवर समझौते : बिग फ़ार्मा और विकसित देश ख़ुश, भारत अभी भी ख़ामोश!

साम्राज्यवाद अब भी ज़िंदा है

यूरोपीय संघ दुनियाभर के लोगों के स्वास्थ्य से बढ़कर कॉर्पोरेट मुनाफे को प्राथमिकता देता है 

स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को डब्ल्यूटीओ के एजेंडे की परवाह क्यों करनी चाहिए?

एमएसपी भविष्य की अराजकता के ख़िलाफ़ बीमा है : अर्थशास्त्री सुखपाल सिंह

पेगासस प्रोजेक्ट: अंतर्राष्ट्रीय खुलासे 

लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों में वैक्सीन तक पहुंच दूभर

एक अरब ख़ुराक दान में देने की जी-7 की घोषणा महज़ एक ‘पब्लिक रिलेशन्स तमाशा'


बाकी खबरें

  • संजय सोलोमन
    विशेष: स्त्री अस्मिता की वो साहित्यिक जंग, जिसने पितृसत्ता को घुटनों के बल ला दिया!
    15 Aug 2022
    सावित्री बाई फुले, पंडिता रमाबाई, एक अज्ञात हिन्दू औरत, रुकैया सख़ावत हुसैन, ताराबाई शिंदे समेत कुछ अन्य महिलाओं ने आगे आकर पितृसत्ता के विरुद्ध स्त्री मुक्ति की जंग छेड़ दी।
  • भाषा
    स्वतंत्रता दिवस पर गूगल ने पतंग उड़ाने की परंपरा से प्रेरित डूडल पेश किया
    15 Aug 2022
    यह आकर्षक डूडल गूगल आर्ट्स एंड कल्चर द्वारा हाल ही में शुरू की गई ‘इंडिया की उड़ान’ परियोजना के बाद पेश किया गया है, जो इन 75 वर्षों के दौरान भारत की उपलब्धियों का जश्न मनाता है और ‘देश की अटूट और…
  • प्रमोद कपूर
    जब भारत के आम लोगों ने अपनी जान ज़ोखिम में डालकर आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी
    15 Aug 2022
    1946 में स्वतंत्रता की खातिर अंतिम जंग, रॉयल इंडियन नेवी म्युटिनी द्वारा लड़ी गई थी, उस आईएनए से प्रेरित युवा रॉयल इंडियन नेवी के नौसैनिकों के ऐतिहासिक विद्रोह की घटना को प्रमोद कपूर एक बार फिर से…
  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    15 अगस्त 1947 को क्या हुआ था?
    14 Aug 2022
    आज़ादी के 75 साल बाद, 'इतिहास के पन्ने' की इस ख़ास श्रंखला में नीलांजन बताते हैं की हम आज़ादी की तरफ कैसे बढे.
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    दलित छात्र इंद्र मेघवाल  को याद करते हुए: “याद रखो एक बच्चे की हत्या... सम्पूर्ण राष्ट्र का है पतन”
    14 Aug 2022
    दलित छात्र इंद्र मेघवाल  को याद करते हुए— “याद रखो एक बच्चे की हत्या/ एक औरत की मौत/ एक आदमी का गोलियों से चिथड़ा तन/  किसी शासन का ही नहीं/ सम्पूर्ण राष्ट्र का है पतन”
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें