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अफ़ग़ानिस्तान की घटनाओं पर एक नज़र – भाग 5

काबुल हवाईअड्डे पर आपस में मिलकर काम करने के सबंध में यूएस-तालिबान में निश्चित रूप से न्यूनतम विचार पैदा हो रहा है। क़तर इसमें अहम भूमिका निभा रहा है।
अफ़ग़ानिस्तान की घटनाओं पर एक नज़र – भाग 5
अमेरिकी वायु सेना का सी-27 ग्लोबमास्टर III परिवहन विमान अफ़ग़ानों को काबुल से कतर ले जा रहा है फोटो में अंदर का नज़ारा दिखाया गया है (फाइल फोटो)।

5. पुतिन: तालिबान एक हक़ीक़त है

जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की मॉस्को यात्राएं हमेशा बहुत ध्यान आकर्षित करने वाली होती हैं क्योंकि उन्होंने अपने 16 वर्षों के शासन काल में पश्चिमी दुनिया और रूस के बीच मध्यस्थ होने की एक अनूठी भूमिका निभाई है। रूस के साथ यूरोप के सबसे कठिन संबंधों के दौर में भी, मर्केल ही थी जो पुतिन से बातचीत कर सकती थी, और पश्चिमी देश तनाव को कम करने के मामले में हमेशा मर्केल की ओर देखते थे। 

पुतिन ने भी मर्केल को हमेशा एक अपूरणीय वार्ताकार के रूप देखा है, जो यूरोपीय नेताओं में से सबसे अधिक आधिकारिक नेता हैं और रूसी दृष्टिकोणों को भी पटल पर रखने में मदद करती हैं। इसलिए, उनकी बातचीत के माध्यम से आदान-प्रदान अनिवार्य रूप से वैश्विक राजनीति की चुनौतियों के प्रति आपसी समन्वय का अवसर बन गया है।

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पुतिन और मर्केल ने शुक्रवार को क्रेमलिन में मुलाक़ात के दौरान अफ़ग़ानिस्तान के मुद्दे को प्राथमिकता दी, यह मुलाक़ात मर्केल के अगले महीने राजनीति से सेवानिवृत्ति होने से पहले रूस में एक विदाई यात्रा भी थी। वार्ता के बाद, अपने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में, पुतिन ने अफ़ग़ानिस्तान में नाटकीय विकास के बारे में बात की। जाहिर है, वह पश्चिमी दुनिया को संबोधित कर रहे थे। पुतिन के अनुमान के अनुसार:

1. तालिबान अब काबुल सहित अफ़ग़ानिस्तान के "लगभग पूरे क्षेत्र" को नियंत्रित कर रहा है। यही वह हक़ीक़त है जो अफ़ग़ान राष्ट्र के बने रहने के लिए महत्वपूर्ण है।

2. अफ़ग़ान की ऐतिहासिक, राष्ट्रीय या धार्मिक विशेषताओं को देखते हुए पश्चिमी लोकतांत्रिक मूल्यों को लागू करने का निर्देशात्मक दृष्टिकोण "गैर-जिम्मेदाराना" है। सोवियत संघ ने अफ़ग़ानिस्तान के "आधुनिकीकरण" करने की कोशिश की थी लेकिन असफल रहा और यह "उल्टा" साबित हुआ।

3. तालिबान का व्यवहार कुछ उम्मीद पैदा करता है। सशस्त्र शत्रुता समाप्त हो गई है, सामाजिक व्यवस्था बहाल की जा रही है और अफ़ग़ानों की व्यक्तिगत सुरक्षा और राजनयिक मिशनों की सुरक्षा की गारंटी दी जा रही है। पश्चिम को ध्यान देना चाहिए कि इसमें संयुक्त राष्ट्र "समन्वय की भूमिका" निभा सकता है।

4. पश्चिमी अभिजात वर्ग यह महसूस कर रहा है कि देश की जातीय और धार्मिक संरचना और ऐतिहासिक परंपराओं की अनदेखी करते हुए अफ़ग़ानिस्तान पर राजनीतिक मानकों और व्यवहार के मानदंडों को लागू नहीं किया जा सकता है। उम्मीद है कि यह समझ वास्तविक राजनीति की ओर ले जाएगी।

5. अफ़ग़ानों को "अपना भविष्य तय करने का अधिकार" दिया जाना चाहिए और भले ही कुछ घटनाक्रम बाहरी लोगों की पसंद न हों, एक-दूसरे के हितों के सम्मान के साथ अच्छे-पड़ोसी संबंध बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए।

6. रूस, अफ़ग़ान स्थिति को सामान्य बनाने और अच्छे-पड़ोसी संबंध स्थापित करने में मदद करने के प्रयासों को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ एक "टीम" बन कर काम करने का इच्छुक है।

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पुतिन ने अफ़ग़ान युद्ध में अमेरिका की हार पर चर्चा करने से इनकार करते हुए कहा, "इस पर बहुत लंबे समय तक ध्यान केंद्रित करना और इसकी विफलता पर जोर देना हमारे हितों की पूर्ति नहीं कर सकता है।" तालिबान के नेतृत्व वाले इस्लामिक अमीरात के साथ बेहतर व्यवहार करना और समझ बनाना और उसके प्रति पश्चिमी राय तैयार होने के बारे में पुतिन सतर्क रूप से आशावादी थे। रूस शायद यह महसूस कर रहा है कि अमेरिका का तालिबान के सीधे संपर्क में होना एक रचनात्मक भावना आका स्रोत हैं।

दरअसल, अफ़ग़ानिस्तान के संबंध में शनिवार को राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा की गई लंबी टिप्पणी में तालिबान के खिलाफ़ कोई निंदात्मक संदर्भ नहीं था। बाइडेन ने बताया कि "हम लोगों को वहाँ से निकालने के लिए रसद मुहैया कराने के काम को जारी रखे हुए हैं, हम तालिबान के साथ लगातार संपर्क में हैं, और इसके माध्यम से यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आम नागरिकों को हवाई अड्डे तक लाने का सुरक्षित मार्ग मुहैया कराया जा सके।"

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बाइडेन ने यह भी कहा कि "हवाई अड्डे पर या उसके आसपास संभावित आतंकवादी खतरा, जिसमें अफ़ग़ानिस्तान में आईएसआईएस से जुड़े लोग भी शामिल हो सकते हैं" चिंता का विषय बना हुआ है, और उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आईएसआईएस "तालिबान का कट्टर दुश्मन भी है।"

बाइडेन ने दोहराया: “हम काबुल में तालिबान नेतृत्व के साथ-साथ दोहा में भी तालिबान नेतृत्व के साथ लगातार संपर्क में हैं, और हम इस बात को लेकर समन्वय कर रहे हैं कि हम क्या कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, इस वार्ता के जरिए हम सक्षम रहे कि हम सभी दूतावास कर्मियों को बाहर निकाल पाए, और कैसे हमने सभी को दूतावास से सुरक्षित रूप से बाहर निकाल लिया जोकि काफी दूरी पर थे। 

"इसी तरह हमने फ्रांसीसियों को उनके दूतावास से बाहर निकालने में मदद की ... हमारी सर्वोत्तम जानकारी के हिसाब से तालिबान चौकियों से अमेरिकी पासपोर्ट दिखाने वाले लोगों को जाने दिया जा रहा है ... हमारे बीच एक समझौता है कि वे [तालिबान] अपनी उन चौकियों से हमें गुजरने देंगे जहां भी तालिबान का नियंत्रण है। और इसलिए उन्होंने अमेरिकियों को जाने दिया।”

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आज तालिबान के राजनीतिक प्रमुख मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत बनाने का प्रस्ताव दिया। बरादर ने ट्वीट किया, "अफ़ग़ानिस्तान का इस्लामी अमीरात सभी देशों के साथ राजनयिक और व्यापारिक संबंध चाहता है, खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ।" बरादर ने मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया कि तालिबान का संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ राजनयिक और व्यापारिक संबंध रखने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा, 'हम कभी भी किसी भी देश के साथ व्यापारिक संबंध खत्म करने की बात नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, इस खबर को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है जो सच नहीं है।“

गौरतलब है कि बाइडेन ने शनिवार को कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी से फोन पर बात की। व्हाइट हाउस के रीडआउट में कहा गया है कि बाइडेन ने दोनों देशों के बीच "लंबे समय से चली आ रही दोस्ती" की पुष्टि की और अन्य बातों के साथ, "अमीर को उस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए धन्यवाद दिया जो कतर ने लंबे समय से अफ़ग़ानिस्तान के भीतर आपसी  वार्ता को सुविधाजनक बनाने के लिए निभाई है। दोनों नेताओं ने अफ़ग़ानिस्तान के घटनाक्रम पर निरंतर घनिष्ठ समन्वय बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया है।

काबुल हवाईअड्डे पर आपस में मिलकर काम करने के सबंध में यूएस-तालिबान में निश्चित रूप से न्यूनतम विचार पैदा हो रहा है। इसमें कतर की अहम भूमिका है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Reflections on Events in Afghanistan – 5

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