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सांप्रदायिक दंगों के बाद श्रीलंका में आपातकाल की घोषणा

मुस्लिम दुकानों और संस्थानों पर बौद्ध कट्टरपंथियों के हमलों पर सरकार की प्रतिक्रिया।
sri lanka

केन्द्रीय हाइलैंड्स में कैंडी के पास सप्ताहांत में मुस्लिम विरोधी अपील और हमलों के बाद, 6 मार्च को श्रीलंका सरकार ने 10-दिवसीय राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की और अशांति वाले  क्षेत्र में भारी सशस्त्र कमांडो और सेना की तैनाती की।

5 मार्च को बौद्धों ने मुस्लिम दुकानों, घरों और मस्जिदों पर हमला किया जिसके बाद से ही कथित तौर पर केंद्रीय ज़िले में कर्फ्यू है ।यह पिछले हफ्ते एक घटना की प्रतिक्रिया में था जिसमें कुछ विवाद होने पर, एक बौद्ध लॉरी चालक को कथित तौर पर तीन लोगों ने मारा था , जो कि मुस्लिम थे |

हाल के वर्षों में मुस्लिम और बौद्ध समुदायों के बीच तनाव पैदा होने के बाद से ही नई –नई  घटनाएं बार-बार सामने आती रहती हैं। पिछले हफ्ते भीड़ ने मुस्लिम व्यवसायों और पूर्वी श्रीलंका में Ampara में एक मस्जिद पर हमला किया था।

श्रीलंका में 21 मिलियन आबादी बौद्ध है ,जो कि आबादी का लगभग 70% है, मुख्य रूप से थिवड़ा(Theravada) वंश के  हैं । लगभग 9% मुसलमान और 10% ईसाई हैं, इनके अलावा 13% हिंदुओं है ।

आपातकाल की घोषणा सुरक्षा बलों को व्यापक शक्तियां देती है, जिसमें वो संदिग्धों  लंबी अवधि के लिए गिरफ्तार और नज़रबंद या हिरासत में रख सकती है। यह सात साल के अंतराल के बाद है कि, फिर से श्रीलंका में आपातकाल की स्थिति घोषणा हुई है। देश के उत्तरी हिस्सों में तमिल विद्रोह के कारण श्रीलंका में 30 साल तक राष्ट्रीय आपातकाल लागु रहा था,पर तमिल विद्रोहियों को 2009 में एक सैन्य हमले में कुचलने के बाद, अगस्त 2011 में आपातकाल को समाप्त कर दिया गया था।

हाल के वर्षों में कट्टरपंथी बौद्ध समूहों के बीच तनाव बढ़ रहा है, मुख्य रूप से इसकी अगुवाई बोदु बाला सेना (बीबीएस) कर रही है, जिसने हलाल खाद्य (2013-14) के उत्पादन के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है, इन्होने(2014) में  बुरका पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया था,और कथित रूप से ये मुसलमानों पर हुए विभिन्न हमलों में शामिल रहे है I  2014 में Aluthgama-Dhargar और ग्रैंडपास और 2013 में Mahiyangana  में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई हैं।

Galagoda Aththe Gnanasara जो कि बीबीएस  महासचिव हैं , के नेतृत्व में, बीबीएस श्रीलंका में एक बढ़ती ताकत के साथ-साथ एक कट्टरपंथी और हिंसक संगठन के रूप में उभरा है। इसके कई  नेता पिछले साल की हुई सांप्रदायिक घटनाओं में मुकदमो का सामना कर रहे हैं। बीबीएस म्यांमार में चल रहे कट्टरपंथी 969 आन्दोलन का समर्थक है और उनके इस आन्दोलन के साथ रिश्ते भी स्थापित किये हैं I

2014 में, Galagoda Aththe Gnanasara ने संवाददाताओं से कहा कि बीबीएस इस्लामिक उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए  दक्षिण एशिया में एक "बौद्ध-हिंदू शांति क्षेत्रबनाने के लिए भारत के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस)  से बातचीत कर रहा है ।

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