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सोनिया विहार और घोंडा गुजराना में लैंडफिल साइट बनाने के पक्ष में भाजपा शासित नगर निगम

निगम में प्रस्ताव पास होने के बावजूद, पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने नहीं बदला कोर्ट में अपना रूख DDA भी यहीं लैंडफिल बनाने के पक्ष में है |
NGT

पूर्वी दिल्ली में लैंडफिल साईट का मुद्दा अभी कुछ और समय के लिए लटक गया है और ये मामला अब उच्चतम न्यायालय में पहुँच गया है | पूर्वी दिल्ली में लैंडफिल साईट का ये विवाद कोई नया नहीं है ये काफी समय से चल रहा है | इसमें सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी राजनीति कर रहें और ये समस्या जस की तस बनी हुई है |

सोनिया विहार और घोंडा गुजरान में प्रस्तावित लैंडफिल साइट पर एनजीटी में 21 मई को सुनवाई के दौरान दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA)ने कोर्ट से कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही सुनवाई कर रहा है लिहाज़ा जब तक वहाँ पर अगली सुनवाई न हो तब तक मामले की सुनवाई को रोक दिया जाए |

जिस पर एनजीटी ने सहमती जताते हुए कहा कि मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी | इसके बाद एनजीटी ने निगम को 23 जुलाई से पहले पूरे तथ्य रखने के निर्देश दिए | साथ ही 16 जुलाई को उच्चतम न्यायालय क्या दिशा निर्देश देता है उस पर भी नज़र रहेगी क्योंकि इसी के आधार पर एनजीटी अपनी अगली सुनवाई करेगा |

ये मामला पूर्वी दिल्ली में यमुना नदी के पास गोंडा गुजराना और सोनिया विहार नामक जगह का हैI जब से डीडीए  ने ईस्ट एमसीडी को लैंडफिल साइट बनाने के लिए जगह दी है तभी से इस प्रस्ताव का विरोध हो रहा है | ये मामला एक बार पहले भी उठा था, 2015 चुनाव से पहले, लेकिन स्थानीय लोगो के विरोध के कारण ये लागू नही हो पाया था | क्योंकि इस फैसले से लाखों की आबादी प्रभावित हो रही है |

हमने अपनी पिछली रिपोर्ट बतया था की किस तरह से नगर निगम और दिल्ली सरकार का दोहरा रैवया है |  वो भर तो कुछ और कहते है और कोर्ट में कुछ और कहते है | बाहर निगम में काबिज़ भाजपा इसका सड़क पर विरोध कर रही है साथ ही उसने निगम में एक प्रस्ताव पास कर इस पर रोक लगाने की बात कर रही  हैं | परन्तु सोमवार को सुनवाई के दौरान निगम की तरफ से उनके वकील प्रस्तावित जमीन पर ही लैंडफिल साईट बनाने की बात कर रहे है | 

कपिल मिश्रा विधयक करवाल नगर जो की इसमें याचिकाकर्ता भी है,उन्होंने मिडिया को बतया की “पूर्वी दिल्ली नगर निगम के वकील ने उच्चतम न्यायालय में दाख़िल किया हलफनामा घोंडा गुजरान और सोनिया विहार में लैंडफिल बनाने के लिए नगर निगम ने एफिडेविट दाख़िल किया है | निगम में प्रस्ताव पास होने के बावजूद, पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने नहीं बदला कोर्ट में अपना रूखDDA भी यहीं लैंडफिल बनाने के पक्ष में है | दिल्ली सरकार के बाढ़ विभाग, जल विभाग और पर्यावरण विभाग ने भी लैंडफिल के  खिलाफ कोर्ट में कोई आपत्ति नहीं की”|

सामजिक कार्यकर्ता ने कहा की “ये जो लैंडफिल है वो ग्रीन बेल्ट है साथ ही ये नदी के पास है जिससे पर्यावरण को भरी नुकसान होगा,साथ ही  यमुना फल्डप्लेन से संबंधित किसी भी सवाल का एनजीटी कोर्ट में DDA या नगर निगम या दिल्ली सरकार द्वारा कोई जवाब जमा नहीं करवाया दिया है” ।

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