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लैंडफिल:कचरा प्रवंधन का स्थाई समाधान है ?

एक तरफ पूरी दुनिया कचरा प्रबंधन की ओर बढ़ रही है-हमारी सरकारे अभी कचरे तात्कालिक उपयों के इंतेज़ाम में लगी हुई है | यह कितना खतरनाक और भयावह हो सकता हम जानते है |
Landfill
Image Courtesy: Haryana - Punjab Kesari

दिल्ली में लैंडफिल को लेकर सभी राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं, परन्तु इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं ले रहा है, न कोई वहाँ रह रहे लोगो और वहाँ के पर्यावरण के बारे में सोच रहा है | ये सभी केवल इस मुद्दे को अपने राजनीतिक उत्थान के लिए प्रयोग कर रहे हैं | भाजपा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर आरोप लागा रही है और आम आदमी पार्टी इसके लिए भाजपा को इसके लिए ज़िम्मेदार बता रही, इसके साथ ही कांग्रेस इन सब के लिए भाजपा और आम आदमी पार्टी को ज़िम्मेदार ठहरा रही है|

ये मामला पूर्वी दिल्ली में यमुना नदी के पास गोंडा गुजराना और सोनिया विहार नामक जगह का हैI जब से डीडीए ने ईस्ट एमसीडी को लैंडफिल साइट बनाने के लिए जगह दी है तभी से इस प्रस्ताव का विरोध हो रहा है | ये मामला एक बार पहले भी उठा था, 2015 चुनाव से पहले, लेकिन स्थानीय लोगो के विरोध के कारण ये लागू नही हो पाया था | क्योंकि इस फैसले से लाखों की आबादी प्रभावित हो रही है |

इसमें सभी पार्टी विरोध कर रही परन्तु इन्हीं दलों के नेताओं और उनके विभागों ने यह फैसला लिया है | सबसे महत्वपूर्ण है कि इसमें भाजपा बड़े आक्रमक तरीके से विरोध कर रही और धरना प्रदर्शन कर रही है परन्तु ऐसा लगता है कि वो इस निर्णय से होने वाले राजनीतिक नुक्सान की भरपाई की कोशिश कर रही या फिर वो लोगों को ये दिखाना चाहती है कि उसे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी | जबकि वास्तविकता इससे बिलकुल उलटी है क्योंकि जिस विभाग और संस्था द्वारा ये तैयार किया गया है और लागू किया जाना है, दोनों ही भाजपा शासित है | नगर निगम जिसे शहर के कचरे को ठिकाने लगाना है, डीडीए जो की केंद्र के अधीन है दिल्ली के ज़मीन पर अधिकार है, दोनों ही भाजपा के अधीन है इस क्षेत्र से सांसद भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी है |

इससे साफ है की भाजपा की सहमति के बिना ये फैसला संभव ही नहीं है, इस फैसले में भाजपा का विरोध केवल अपनी क्षेत्रीय राजनीति में साख बचाने के लिए कर रही है |   

आम आदमी पार्टी भी इसका विरोध कर रही जबकि विरोधियों का इन्हीं पर आरोप है कि सरकार ने समय रहते कोई वैकल्पिक जगह नहीं दी है | यही कारण है कि इस जगह का चुनाव किया गया है | जबकि इनका  कहना है कि ये सब भाजपा की देन है क्योंकि भाजपा की केंद्र और निगम में सत्ता  है | ये ही इसे लागू कर रही और आप की इसमें कोई भूमिका नहीं है |

इस पूरे मसले में कांग्रेस सबसे आक्रमक तरीके से विरोध कर रही है | उनके नेता कहा रहे हैं कि भाजपा जानबूझकर यमुना पार के क्षेत्र को कूड़ाघर बनाना चाहती है | इससे पर्यावरण को भरी नुकसान  होगाI जहाँ लैंडफिल साइड के लिए जिस जगह प्रस्तावित है वो ग्रीन बेल्ट है इससे सैकड़ो पड़े पौधों को नुकसान होगा |

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए यहाँ के पूर्व सासंद और कांग्रेस नेता जेपी अग्रवाल ने कहा कि “ये दोनों दलों की मिली भगत से हुआ है | ये दोनों मिलकर पूर्वी दिल्ली को कूड़ेदान बनाना चाहता है | भाजपा मगरमच्छ के आँसू बहा रही जबकी ये सब भाजपा का किया धरा है” |

इन सबसे हटकर वहाँ की जनता के हालात को देखें तो समझ में आता है कि ये सभी केवल इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं | वास्तव में वो इसका हल चाहते ही नहीं क्योंकि कोर्ट के आदेश के अनुसार उन्हें वैकल्पिक लैंडफिल बनना है | ये दल जानते है की इससे उपयुक्त दूसरी जगह नही है हो सकती है क्योंकि यहाँ की अधिकांश आबादी निम्न मध्यम वर्ग और गरीब तबके के हैं | जहाँ वो आराम से इस तरह की परियोजना को लागू कर सकते है |

एक तरफ पूरी दुनिया कचरा प्रबंधन की ओर बढ़ रही है- हमारी सरकारे अब तक कचरे के तात्कालिक उपयों के इंतेज़ाम में लगी हुई है | यह कितना खतरनाक और भयावह हो सकता हम जानते हैं | अभी कुछ समय पहले ही गाजीपुर लैंडफिल जो कि अब एक कचरे के पहाड़ा में बदल चुका है उसके एक हिस्से के ढ़हने से कई गाड़ियाँ नाले में बह गयी थीं और कई लोगों की मौत हो गई थी | क्या इस तरह के रिहायशी इलाकों में नये लैंडफिल बनाकर ये सरकारे आने वाले समय में किसी अनहोनी को आमंत्रित नहीं कर रहीं?

हम देखते है की गर्मी के मौसम में इस तरह के कचरे के ढ़ेरों में आग लगना सामन्य बात है, इसका कारण है कचरे के ढेरो में से कई रासयनिक गैसे निकलती जिसके हवा में मौजूद ऑक्सीजन के संपर्क में आने से आग लगने जैसी घटना घटित होती है जो कि रिहायशी इलाके में लैंडफिल के होने से लोगों की जान-माल को हमेशा ही खतरा बना रहेगा|

हमारी सरकारों को समझना होगा की स्व्च्छ भारत कचरे को अलग-अलग जगहों से इक्कट्ठा कर एक जगह जमा करने से नही होगा | इसके स्थाई समाधन करना चाहिए नहीं तो इस तरह की समस्या समय-समय पर आती रहेंगी, लोगों के जीवन को खतरे में ला सकती हैं |

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