Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

श्रीलंका : संसद में राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित

कोलंबो टेलीग्राफ की रपट के मुताबिक, संसद अध्यक्ष कारू जयसूर्या ने कहा कि 225 सदस्यीय सदन ने बहुमत से पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे के खिलाफ प्रस्ताव का समर्थन किया। राजपक्षे को रानिल विक्रमसिंघे की जगह अक्टूबर में प्रधानमंत्री बनाया गया था।
mahinda-rajapakse
Image Courtesy: ndtv

श्रीलंका की संसद ने बुधवार को नए प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और विवादित रूप से नियुक्त उनकी सरकार के खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव पारित किया। संसद ने यह प्रस्ताव सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रपति के संसद भंग करने के निर्णय पर रोक लगाने के एक दिन बाद पारित किया है।

कोलंबो टेलीग्राफ की रपट के मुताबिक, संसद अध्यक्ष कारू जयसूर्या ने कहा कि 225 सदस्यीय सदन ने बहुमत से पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे के खिलाफ प्रस्ताव का समर्थन किया। राजपक्षे को रानिल विक्रमसिंघे की जगह अक्टूबर में प्रधानमंत्री बनाया गया था।

राजपक्षे व उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव जनता विमुक्ति पेरमुना (जेवीपी) के सांसद अनुरा कुमारा दिसानायका ने प्रस्तुत किया और इसका जेवीपी सांसद विजेता हेराथ ने समर्थन किया।

विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी), जेवीपी, मुख्य विपक्ष तमिल नेशनल अलायंस, तमिल प्रोग्रेसिव अलायंस, श्रीलंका मुस्लिम कांग्रेस व ऑल केलोन मक्कल कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।

राजपक्षे की पार्टी के सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के दौरान विरोध प्रदर्शन किया और उन्हें सदन छोड़कर जाने के लिए मजबूर किया। हंगामे के बीच संसद को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

सदन के स्थगन के बाद सांसदों ने मतदान के परिणाम को लेकर विरोधाभासी दावे किए।

राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की अगुवाई वाले यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम अलायंस (यूपीएफए) ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।

दैनिक समाचार पत्र के अनुसार, राजपक्षे के खिलाफ 122 सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए। 

आपको बता दें कि बीते शुक्रवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने एक विशेष राजपत्र अधिसूचना पर हस्ताक्षर कर संसद को भंग कर दिया था और संसदीय चुनाव के लिए पांच जनवरी 2019 की तारीख घोषित की थी। लेकिन श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति के इस फैसले पर रोक लगाते हुए संसद को बहाल कर दिया था।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest