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सुरक्षा इंतज़ाम के बिना होती रहेगी आग से बर्बादी

पश्चिमी दिल्ली के नारायणा में चार रसायन कारखानों में सोमवार को भीषण आग लग गयी| सोमवार को ही उत्तर प्रदेश में भी ऐसी ही एक दूसरी घटना हुई। पिछले एक दो साल में लगातर आग लगने की घटना में वृद्धि आ रही है , पिछले साल 2018 में ही सिर्फ दिल्ली राज्य की बात करे तो तकरीबन 30 से अधिक लोगो ने अपनी जान फैक्ट्री में आग लगने के कारण गँवा दी
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पश्चिमी दिल्ली के नारायणा में चार रसायन कारखानों में सोमवार को भीषण आग लग गयी| दिल्ली दमकल सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घटना में अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। उन्होंने बताया कि सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर आग लगने की सूचना मिलने के बाद दमकल की 30 गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया। अधिकारी ने बताया कि आग से चार फैक्टरी प्रभावित हुई हैं और आग बुझाने का काम जारी है। आग नारायणा औद्योगिक इलाके में पायल सिनेमा के पीछे स्थित फैक्टरियों में लगी। अब जाकर स्थित सामान्य हो गई है

सोमवार को ही उत्तर प्रदेश में भी ऐसी ही एक दूसरी घटना हुई। इसमें उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक कागज मिल में आग लग गई। आग ने दो और मिलों को अपनी चपेट में ले लिया। इस वजह से करीब छह करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति और कच्चा माल जल कर खाक हो गया।

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एक अधिकारी ने बताया कि यहां भोपा रोड पर स्थित औद्योगिक इलाके में रविवार शाम को हुई घटना में किसी के हताहत होने की कोई रिपोर्ट नहीं है।अग्निशमन अधिकारी अंतराम सिंह ने बताया कि पहले आग टिहरी पेपर मिल में लगी और इसने कच्चे माल से भरे दो ट्रकों को जलाकर खाक कर दिया। आग ने फैलते-फैलते अपनी चपेट में पड़ोस की बिंदल पेपर फैक्ट्री और शकुम्भरी पेपर मिल को ले लिया।

उन्होंने बताया कि दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया तथा आग को बुझाने के लिए पड़ोसी जिलों से भी दमकल की गाड़ियों को बुलाया गया।अधिकारी ने बताया कि आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है और आग को अब तक पूरी तरह से बुझाया नहीं गया है।

पिछले एक दो साल में लगातर आग लगने की घटना में वृद्धि आ रही है , पिछले साल 2018  में ही सिर्फ दिल्ली राज्य की बात करे तो तकरीबन 30  से अधिक लोगो ने अपनी जान फैक्ट्री में आग लगने के कारण गँवा दी | हर बार जब ऐसी कोई घटना होती है तो कहा जाता है कि आग लगने के कारणों की जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी लेकिन हर बार एक दो- दिन दिन बीत  जाने के बाद सब भुल जाते हैं |

 मज़दूर संघठन ने कई बार मज़दूरों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं | उनका कहना है कि  इस तरह की आग एक बड़ा कारण सुरक्षा इंतजाम का पुख्ता न होना होता है। 

कई फैक्ट्रियां अवैध तरीके से स्थानीय प्रशासन और पुलिस के गठजोड़ से चलती रहती है। जिनमे सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम ना होने के बाद भी कोई ध्यान नन्हीं दिया जाता है | इस तरह की फैक्ट्रियां बिना किसी फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के चल रही हैं | यहाँ काम करने की परिस्थितियाँ भी बहुत ही खराब होती हैं। मजदूर यहाँ अमानवीय माहौल में काम करते हैं।

यूनियनों की लंबे समय से मांग है कि , “यह गैरकानूनी फैक्ट्रियाँ या तो बंद कर दी जानी चाहिए या इन्हें कहीं और शिफ्ट कर दिया जाना चाहिए। राज्य सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी फैक्ट्री अधिकृत औद्योगिक क्षेत्र के बाहर नहीं चल रही हो।

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