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इस हफ़्ते तमिलनाडु : 'राज्य कर रहा है नीट को रद्द करने की मांग, नए बीजेपी प्रमुख चाहते हैं मीडिया पर नियंत्रण'

तमिलनाडु सरकार ने 16 जुलाई को कोरोना लॉकडाउन 31 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया। हालांकि इस दौरान सरकार ने कई नई छूटें भी दी हैं।
इस हफ़्ते तमिलनाडु : 'राज्य कर रहा है नीट को रद्द करने की मांग, नए बीजेपी प्रमुख चाहते हैं मीडिया पर नियंत्रण'

पिछले एक हफ़्ते में तमिलनाडु में कोविड-19 के मामले और भी कम हो गए हैं। 17 जुलाई को आए नए मामलों की संख्या गिरकर 2,312 हो गई, इस दौरान 46 लोगों की मौत भी हुई। फिलहाल 29,230 लोग संक्रमण के लिए इलाज़ करवा रहे हैं।

राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के मुद्दे पर तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच तनातनी चल रही है, लेकिन इस हफ़्ते इस मुद्दे पर कुछ चीजें हुई हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मुलाकात की और नीट को रद्द करने की मांग रखी। 

तमिलनाडु में 'के अन्नामलाई' जब बीजेपी अध्यक्ष भी नहीं बने थे, तभी उनकी एक टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया। अन्नामलाई ने ऐलान करते हुए कहा कि राज्य में अगले 6 महीनों में मीडिया को नियंत्रण में लाया जाएगा।

नीट को रद्द करने की मंशा नहीं रखता केंद्र

कोविड-19 की स्थिति और वैक्सीन से जुड़े मुद्दों पर, राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंस में CM स्टालिन ने प्रधानमंत्री मोदी से नीट कराने पर पुनर्विचार करने के लिए कहा। 

मुख्यमंत्री द्वारा यह अपील तमिलनाडु के स्वास्थ्यमंत्री एम ए सुब्रमण्यण की केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से 15 जुलाई को बेनतीज़ा रही मुलाकात के बाद की गई। सुब्रमण्यण ने स्वास्थ्य मंत्री से, महामारी के दौरान राज्यों को 12वीं के अंकों के आधार पर छात्रों को पेशेवर पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने की अनुमति दिए जाने की अपील की थी। 

लेकिन जवाब में मंत्री प्रधान ने कहा कि तमिलनाडु के छात्रों की सहूलियत के लिए चार नए शहरों- चेंगालपट्टू, विरुधुनगर, डिंडिगुल और तिरुप्पुर को नीट परीक्षा कराने के लिए जोड़ दिया गया है। अब तमिलनाडु में 18 शहरों में यह परीक्षा आयोजित की जाएगी। 

इस बैठक के एक दिन पहले ही, मद्रास हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज ए के राजन के नेतृत्व वाली एक समिति ने, तमिलनाडु में नीट परीक्षा कराए जाने के प्रभाव और इस फ़ैसले से जुड़े मुद्दों पर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को सौंपी थी। 

इससे पहले 13 जुलाई को मद्रास हाईकोर्ट ने बीजेपी के प्रदेश सचिव के नागराजन की उस याचिका को खारिज़ कर दिया था, जिसमें उन्होंने जस्टिस राजन की अध्यक्षता वाली समिति को रद्द करने की अपील की थी। कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा कि समिति बनाना "सुप्रीम कोर्ट के किसी आदेश के खिलाफ़ उठाया गया कदम नहीं है।"

बीजेपी अध्यक्ष के शब्दों ने खड़ा किया विवाद

तमिलनाडु बीजेपी के नए अध्यक्ष के अन्नामलाई ने अपनी टिप्पणी में मीडियो को 6 महीनों में नियंत्रण लाने की बात कहकर विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा था कि पूरा मीडिया उनके पूर्ववर्ती और केंद्र सरकार में सूचना एवम् प्रसारण मंत्रालय में राज्यमंत्री एल मुरुगन के तहत लाया जाएगा।

अन्नामलाई ने यह टिप्पणी 14 जुलाई को नामक्कल में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए की थी। अन्नामलाई कोयंबटूर से शुरू कर, तीन दिन के रोड शो पर निकले थे, जिसके तहत चेन्नई में उन्होंने यह बात कही थी। 

अन्नामलाई के शब्दों की निंदा करते हुए राज्य के सूचना एवम् तकनीकी मंत्री मानो थंगाराज ने कहा था कि मीडियो को स्वतंत्र तरीके से काम करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि अन्नामलाई मीडियो को एक पार्टी के पक्ष में लाने के लिए दबाव बना रहे हैं।

16 जुलाई को बीजेपी से जुड़ा एक और विवाद सामने आया था। दरअसल चेन्नई पुलिस बीजेपी सदस्यों से जुड़े एक फर्जीवाड़े की जांच कर रही है, जिसमें हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में टिकट देने के नाम पर धोखाधड़ी की गई थी। 

दिग्गज कम्यूनिस्ट नेता 100 साल के हुए

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (मार्क्सिस्ट) के नेता एन शंकरैया 15 जुलाई को 100 साल के हो गए। वे NS के नाम से मशहूर हैं।

मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, CPI(M) के महासचिव सीताराम येचुरी, राज्य सचिव के बालाकृष्णन, CPI के वरिष्ठ नेता आर नल्लाकन्नू और दूसरे नेताओं ने इस मौके पर शंकरैया से उनके घर पर मुलाकात की और उन्हें शुभकामनाएं दीं।

स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान अंग्रेजों ने कई बार शंकरैया को गिरफ़्तार कर जेल भेजा। वे 1967, 1977 और 1980 में विधानसभा के लिए भी चुने गए। जब 1964 में CPI में दो हिस्से हुए, तो शंकरैया CPI(M) में शामिल हो गए थे। वे 1995 में पार्टी के राज्य सचिव भी बने। शंकरैया 2002 तक इस पर रहे। 

कोविड-19: वैक्सीन की आपूर्ति पर्याप्त नहीं

तमिलनाडु सरकार ने 16 जुलाई को लगाए लॉकडाउन को 31 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया था। हालांकि प्रशासन ने इस दौरान कई छूट भी दी हैं।

भले ही संक्रमण के आंकड़े बहुत कम हो गए हों, लेकिन तीसरी लहर के डर से राज्य अब भी कोविड-19 प्रोटोकॉल (जैसे मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बनाए रखना) पर लगातार जोर दे रहा है। 

डॉयरेक्टोरेट ऑफ़ पब्लिक हेल्थ (DPH) द्वारा जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि तमिलनाडु ने अपनी वैक्सीन उपयोग दर को सुधारा है। लेकिन पर्याप्त आपूर्ति ना होने की वज़ह से टीकाकरण अभियान धीमा हो रहा है। इसके चलते लोगों को वैक्सीन का स्लॉट मिलने में दिक्कत जा रही है। यहां आगे पढ़िए।

नर्सों ने की सरकारी नौकरी की मांग

13 जुलाई को चेन्नई के तेयनामपेट में पूरे राज्य सैकड़ों सहायक नर्स DMRHS (डॉयरेक्टोरेट ऑफ़ मेडिकल एंड रूरल हेल्थ सर्विस) के आसपास जमा हुईं और सरकारी नौकरी की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। 

जिन्होंने अपने नर्सिंग असिस्टेंट कोर्स को पूरा कर लिया था, उन्हें 2008 तक सरकारी नौकरी दिए जाने का वायदा किया गया था। लेकिन अब भी उन्हें स्थायी नहीं किया गया है। 

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

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