तेजबहादुर ने उम्मीदवारी रद्द करने के चुनाव आयोग के फैसले को दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
]सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने निर्वाचन आयोग के उस फैसले को सोमवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जिसमें वाराणसी लोकसभा सीट से यादव की उम्मीदवारी रद्द कर दी गई थी।
वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं।
तेज बहादुर यादव ने जवानों को दिए जाने वाले भोजन के बारे में शिकायत करते हुए एक वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया था। इसके बाद 2017 में यादव को बल से बर्खास्त कर दिया गया था। सपा ने तेज बहादुर को वाराणसी संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया था।
तेज बहादुर यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि आयोग का निर्णय भेदभावपूर्ण और अतार्किक है तथा इसे रद्द किया जाना चाहिए।
सपा ने शुरू में मोदी के खिलाफ शालिनी यादव को टिकट दिया था लेकिन बाद में उसने प्रत्याशी बदल कर, बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर को वाराणसी संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाया।
चुनाव आयोग ने बुधवार को यादव का नामांकन रद्द कर दिया था।
वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी (आरओ) ने यादव द्वारा दाखिल नामांकन के दो सेटों में विसंगति को लेकर नोटिस जारी किया था।
यादव ने 24 अप्रैल को दाखिल दस्तावेजों में कहा था कि उसे सीमा सुरक्षा बल से बर्खास्त किया गया है।
लेकिन 29 अप्रैल को सपा उम्मीदवार के तौर पर दाखिल दूसरे सेट में इस सूचना का जिक्र नहीं किया गया था।
इसके साथ ही यादव को सीमा सुरक्षा बल से अनापत्ति प्रमाण (एनओसी) भी जमा करना था, जिसमें बर्खास्तगी के कारण बताए जाने थे।
यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि उसने चुनाव लड़ने से रोकने के लिए ‘‘तानाशाही कदम’’ का सहारा लिया।
यादव ने दावा किया था, ‘‘मेरा नामांकन आज खारिज कर दिया गया जबकि मैंने सीमा सुरक्षा बल से एनओसी जमा किया था जिसे आरओ ने जमा करने को कहा था।’’
यादव ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘मैं एक किसान का बेटा हूं और मैं यहां किसानों तथा जवानों की आवाज उठाने के लिए था।’’
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