“गौतम को ले गए तो लगा जैसे दिल ही नहीं दिल्ली ख़ाली हो गया”
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता व पत्रकार गौतम नवलखा की भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ़्तारी से कैसे जूझ रही हैं उनकी जीवन साथी सहबा हुसैन, यह जानने के लिए वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह पहुंची उनके घर।
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता व पत्रकार गौतम नवलखा की भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ़्तारी से कैसे जूझ रही हैं उनकी जीवन साथी सहबा हुसैन, यह जानने के लिए वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह पहुंची उनके घर। बातचीत में सहबा ने बताया कि आज UAPA को तमाम एक्विस्टों पर जिस तरह से लगाया जा रहा है, उससे लगता है कि यह एक नया औज़ार मिल गया है असहमति के स्वर को कुचलने का। साथ ही उन्होंने कहा कि गौतम सहित बाक़ी तमाम 11 लोगों की रिहाई के लिए बड़ा आंदोलन करना होगा।
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