येचुरी गुरुवार को जाएंगे कश्मीर, पूर्व विधायक तारिगामी से मिलने की इजाज़त
उच्चतम न्यायालय की अनुमति मिलने के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी अपने पार्टी सहयोगी एवं पूर्व विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी से मुलाकात करने के लिए बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर जाएंगे। माकपा ने यह जानकारी दी। न्यायालय ने येचुरी को उनके पार्टी सहयोगी मोहम्मद यूसुफ तारिगामी से मिलने के लिए जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत दे दी है।
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद प्राधिकारियों ने तारिगामी को हिरासत में ले लिया था। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की एक पीठ ने येचुरी को निर्देश दिया कि जम्मू-कश्मीर जाने के बाद वह सिर्फ तारिगामी से मिलें और अपनी यात्रा का इस्तेमाल किसी भी ‘‘राजनीतिक उद्देश्य’’ के लिए न करें। पीठ ने कहा कि अगर येचुरी किसी भी तरह की राजनीतिक गतिविधि में शामिल होते हैं तो अधिकारी इस बारे में उच्चतम न्यायालय को बताने के लिए स्वतंत्र हैं।
माकपा ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया है कि सीताराम येचुरी को कश्मीर में यूसुफ तारिगामी से मिलने की अनुमति दी जाए। इसी के अनुसार कॉमरेड सीताराम येचुरी कल, 29 अगस्त को श्रीनगर जाएंगे। वह इस उम्मीद के साथ जम्मू-कश्मीर प्राधिकारियों को यह सूचना देंगे कि कम से कम इस बार वे उनकी मुलाकात का प्रबंध करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि येचुरी वहां से लौटने के बाद उच्चतम न्यायालय में शपथपत्र दायर करेंगे। येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने मुझे श्रीनगर जाकर कॉमरेड यूसुफ तारिगामी से मिलने की अनुमति दे दी है। न्यायालय ने मुझे उनके स्वास्थ्य के बारे में उसे ‘‘बताने’’ को कहा है। मैं उनसे मिलने, लौटने और अदालत को इसकी जानकारी देने के बाद ही विस्तृत बयान दूंगा।’’
The Supreme Court has permitted me to go to Srinagar and see Com Yousuf Tarigami and “report” back to them on the condition of his health. Once I meet him, return and report to the Court, I will make a more detailed statement.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) August 28, 2019
माकपा नेता इस महीने जम्मू-कश्मीर जाने की दो बार कोशिश कर चुके हैं। उन्होंने एक बार भाकपा महासचिव डी राजा और एक अन्य बार विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल के साथ वहां जाने का प्रयास किया था। उन्हें जम्मू-कश्मीर प्रशासन के आदेश पर दोनों बार श्रीनगर हवाईअड्डे से लौटना पड़ा था। उन्हें सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए प्रवेश नहीं करने दिया गया था।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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