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बिहारः विश्वविद्यालयों-कॉलेजों के 25 हज़ार कर्मियों को चार माह से नहीं मिला वेतन, करेंगे आंदोलन

बिहार के विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों के क़रीब 25 हज़ार से ज़्यादा कर्मचारियों को पिछले चार महीने से वेतन नहीं मिला है जिसको लेकर बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं कॉलेज कर्मचारी महासंघ की बैठक में राज्यव्यापी आंदोलन की योजना बनाई गई है।
बिहारः विश्वविद्यालयों-कॉलेजों के 25 हज़ार कर्मियों को चार माह से नहीं मिला वेतन, करेंगे आंदोलन
प्रतीकात्मक तस्वीर, साभारः हिंदुस्तान

बिहार के विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों के 25 हजार से अधिक कर्मचारियों को पिछले चार माह से वेतन और पेंशन नहीं मिला है जिसको लेकर इन कर्मचारियों ने राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने की योजना बनाई है। ये आंदोलन जनवरी के पहले सप्ताह में शुरू करने की संभावना है। ज्ञात हो कि कॉलेज कर्मचारी महासंघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द अगर उनके बकाए वेतन और पेंशन का भुगतान नहीं हुआ तो कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। 

सितंबर से वेतन का भुगतान नहीं 

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा प्रसाद झा की अध्यक्षता में रविवार को पटना में हुई बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं कॉलेज कर्मचारी महासंघ की बैठक में अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने का निर्णय भी ले लिया गया है। महासंघ ने हाल ही में चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण कई कर्मचारियों की मौत पर गहरी चिंता व्यक्त की। राज्य के लगभग सभी विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों को इस साल सितंबर से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। सबसे ज्यादा नुकसान सेवानिवृत्त कर्मचारियों को हुआ है जिन्हें पिछले चार महीने से पेंशन का भुगतान नहीं किया गया है।

विधानसभा के सामने करेंगे प्रदर्शन

महासंघ ने विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों के कर्मचारियों के प्रति राज्य सरकार के उदासीन रवैये की निंदा की और कार्यरत तथा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वेतन व पेंशन के भुगतान के लिए राशि तत्काल जारी करने की मांग की। महासंघ ने फैसला लिया कि आंदोलनरत कर्मचारीआगामी जनवरी को अपने-अपने संस्थानों में धरना देंगे और सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर चले जाएंगे तथा 18 व 19 जनवरी को कुलपति का घेराव भी करेंगे। फिर वो से फरवरी तक हड़ताल पर रहेंगे और बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे। महासंघ ने कहा कि इस दौरान बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान विधानसभा के सामने भी प्रदर्शन किया जाएगा। महासंघ ने कहा कि अगर फरवरी महीने की उक्त तारीख तक भी उनकी मांगों को नहीं माना गया तो कर्मचारी अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

मौजूदा विसंगतियों को दूर किया जाए

उधर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदार नाथ पांडे तथा महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने शिक्षा मंत्री से वेतन तय करने का आग्रह भी किया है। पहले वेतन निर्धारण में मौजूदा विसंगतियों को दूर करने के बाद 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि वाले शिक्षकों के वेतन निर्धारण के लिए कैलकुलेटर तैयार किया गया है। अब वेतन मेट्रिक्स के अनुसार वेतन तय किया जाएगा। इसलिएयह आवश्यक है कि नए वेतन निर्धारण से पहले मौजूदा विसंगतियों को दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री और विधान परिषद के अध्यक्ष दोनों पहले ही इस आशय का आश्वासन दे चुके हैं। 

उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक को लिखा पत्र 

बता दें कि इस साल के नवंबर महीने में बिहार राज्य विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष शंकर यादव ने उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक को पत्र लिखकर तीनों महीने का प्रदेश के सभी परंपरागत विश्वविद्यालय के वेतन भुगतान की मांग की थी। साथ ही यह भी मांग की गई थी कि गत महीने का वेतन प्रत्येक महीने की पांच तारीख के अंदर भुगतान किया जाए। पत्र में इस बात का भी जिक्र किया गया था कि दुर्गा पूजादीपावली एवं छठ जैसे पर्व पर कर्मचारियों एवं शिक्षकों के भुगतान नहीं होने के कारण कर्मचारियोंशिक्षकों एवं पेंशनर समाज में काफी नाराजगी है।

पहले भी नहीं मिला समय पर वेतन

ज्ञात हो कि वेतन न मिलने से नाराज कर्मचारियों और सेवानिवृत कर्मियों ने अपने-अपने संस्थानों के संबंधित विभाग से लगातार मांग की थी लेकिन उन्हें अब तक बकाया वेतन नहीं मिला पाया है जिससे वे नाराज हैं।

इस महीने की शुरूआत में बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं कॉलेज कर्मचारी महासंघ की सीएम साइंस कॉलेज इकाई की आपात बैठक हुई थी और इस बैठक में कर्मचारियों और संघ के पदाधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की थी।

बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं कॉलेज कर्मचारी महासंघ प्रक्षेत्र दरभंगा के प्रक्षेत्र मंत्री विनय कुमार झा ने कहा इस साल पर्व-त्यौहार के बीत जाने के बाद भी वेतन व पेंशन का भुगतान नहीं किए जाने को लेकर आक्रोश व्यक्त किया था। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था 'कि जब छठ जैसे महापर्व में भी वेतन व पेंशन का लाला पड़े तो नौकरी का क्या औचित्य है। उन्होंने कहा था कि सरकार की इस गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार से कर्मचारी हैरान हैं। विवि एवं कॉलेज के कर्मी राज्य सरकार और विश्वविद्यालय के बीच पिस रहा है। राज्य सरकार संवेदना शून्य हो गई है। सरकार तरहतरह की बहानेबाजी कर कर्मी को आक्रोशित कर रही है।'

ज्ञात हो कि वर्ष 2018 में भी राज्य के विश्वविद्यालय और कॉलेज के कर्मचारियों को कई महीनों का समय पर वेतन नहीं मिला था जिससे कर्मचारी काफी नाराज थें। अखिल भारतीय विवि एवं महाविद्यालय शिक्षक महासंघ(एआईफुक्टोके अनुसार भागलपुर विवि और जेपी विश्वविद्यालय में पांच-छह माह का वेतन समय पर नहीं मिला था जिससे कर्मचारी परेशान थें। वेतन नहीं मिलने से सबसे ज्यादा परेशान चतुर्थ और तृतीय वर्गीय कर्मचारी थें। इनकी रोजमर्रा की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हो रही थी। कर्मचारी संघ की माने तो मोकामा के एक कॉलेज में इलाज के अभाव में एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी की भी मौत हो गई थी।

 

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