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संकट दर संकट: यूपी में आंधी-बारिश से 43 लोगों की मौत, बड़े पैमाने पर फ़सलें बर्बाद

“पहले करोना ने बहुत नुकसान कर दिया अब रही-सही कसर ये आंधी-तूफान पूरी कर रहा है। इस साल क्या खाएंगे और क्या बचाएंगे पता नहीं। थोड़ा बहुत फल और सब्जी से उम्मीद थी क्योंकि लॉकडाउन अब खुल रहा है लेकिन अब वो भी बेकार है।”
संकट दर संकट
प्रतीकात्मक तस्वीर

देशभर में कोरोना का कहर अपने चरम पर है तो वहीं उत्तर प्रदेश में आंधी और बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में शनिवार, 30 मई को आई आंधी-बारिश और ओलाबारी से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में 43 लोगों की मौत हो गई। राजधानी लखनऊ समेत विभिन्न क्षेत्रों में घर ढहने से लेकर आकाशीय बिजली गिरने की तमाम घटनाएं सामने आई हैं।

उन्नाव में 8 लोगों की मौत

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक उन्नाव में आए भीषण आंधी-तूफान ने जान-माल को भारी नुकसान पहुंचाया है। उन्नाव के बीघापुर, हसनगंज, पुरवा और बांगरमऊ क्षेत्र में सबसे ज्यादा तबाही मची है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले के विभिन्‍न तहसील क्षेत्रों में शनिवार शाम आंधी, बिजली गिरने और भारी बारिश से अलग-अलग घटनाओं में आठ लोगों की मौत हो गई है। करीब 6 लोग घायल हुए हैं।

तूफान के बाद उन्नाव जिला प्रशासन ने सभी तहसील के एसडीएम को निर्देश दिया है कि वे रिपोर्ट सौंपें, जिससे प्राकृतिक आपदा में सहायता राशि दी जा सके।

उन्नाव के डीएम रविन्द्र कुमार ने कहा है कि हादसे में मारे गए सभी लोगों का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा। पीड़ित परिवारों तक 24 घंटे के भीतर सहायता राशि पहुंचाने की कोशिश की जाएगी।

शनिवार रात कानपुर-रायबरेली राजमार्ग पर रावतपुर गांव के सामने तेज़ आंधी के चलते 11,000 हाईटेंशन लाइन का पोल उखड़ कर गिर जाने से आवागमन बाधित हो गया। इस दौरान करीब 1 घंटे तक मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं।

कन्नौज में 5 लोगों की मौत

उन्नाव के बाद सबसे प्रभावित जिला कन्नौज रहा। यहां ठठिया क्षेत्र में शनिवार दोपहर आंधी, बारिश और ओलावृष्टि से जुड़े हादसों में पांच लोगों की मौत हो गई।

अपर जिलाधिकारी गजेंद्र कुमार ने बताया कि छतरपुर गांव मे बने इंडेन गैस सर्विस की गोदाम की छत ढहने से वाहन चालक विद्यासागर (45) की मौत हो गयी। वहीं दूसरी घटना ठठिया थाना क्षेत्र के सुरसा गांव मे हुई। यहां तूफान और बारिश से दिनेश पाल (30) के घर की दीवार गिर गयी जिसमें दिनेश पाल की मौके पर ही मौत हो गयी।

गजेंद्र कुमार के अनुसार तीसरी घटना ठठिया के ही भिखनीपुरवा में हुई। यहां रामआसरे (80) के सिर पर भारी ओला गिरने से उनकी मौत हो गई। तूफान के कारण तिजलापुर गांव मे चंदन कठेरिया और उनके आठ साल का पुत्र अभिषेक की मौत टैक्टर के ट्राली पलट जाने से हो गई।

कुमार ने बताया कि पांचवीं घटना रमईपुर में हुई जहां नीलू (18) यूकेलिप्टस के पेड़ के नीचे खड़ा था। इसी दौरान आंधी के कारण पेड़ गिर गया और वह उसके नीचे दब गया जिससे उसकी मौत हो गयी।

ठठिया थानाध्यक्ष विजय बहादुर वर्मा ने बताया कि क्षेत्र में दर्जनों पेड़ गिरे हैं तथा सैकड़ों घरों को नुकसान हुआ है। प्रशासन राहत-बचाव कार्य कर रहा है। अभी मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है।

क्या कहना है स्थानीय लोगों का?

उन्नाव और कन्नौज के स्थानीय लोगों ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा कि ऐसा दुखद और भयानक मंज़र उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। तूफान के कारण जगह-जगह बड़े पेड़ उखड़ गए हैं, बिजली के खंभे गिर गए हैं। खेती को भारी नुकसान तो हुआ ही है साथ ही कई घर और वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

उन्नाव के परशुराम पुरवा गांव के निवासी राम कृष्ण ने बताया, “हमारे ही गांव के 22 साल का लड़का गुड्डू अपने खेत से वापस आ रहा था, तभी आंधी और बारिश के कारण एक नीम के पेड़ के नीचे खड़ा हो गया। उसी वक्‍त पेड़ की डाल उस पर जा गिरी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।”

वो आगे कहते हैं कि जिनके कच्चे घर थे वो पूरी तरह से तबाह हो गए हैं, कई घरों की टीन शेड उड़ गए, बिजली के तार जहां-तहां बिखरे पड़े हैं। कई लोगों के जानवर यहां-वहां भटक गए हैं। इलाके में बहुत नुकसान हुआ है जिससे गरीबों पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है, आज-कल हर जगह भुगतना पड़ रहा है।

कन्नौज के ठठिया क्षेत्र के निवासी लक्ष्मण सिंह का कहना है कि खतों में लगी सब्जियों को भारी नुकसान पहुंचा है, इसके अलावा प्याज की रुपाई के लिए जो बीज लगाए थे वो भी बर्बाद हो गए हैं। आम, जामुन और अमरूद तो आंधी में टूट ही गए, उनके कई पेड़ भी जड़ों से उखड़ गए हैं।

लक्ष्मण बताते हैं, “पहले करोना ने बहुत नुकसान कर दिया अब रही-सही कसर ये आंधी-तूफान पूरी कर रहा है। इस साल क्या खाएंगे और क्या बचाएंगे पता नहीं। थोड़ा बहुत फल और सब्जी से उम्मीद थी क्योंकि लॉकडाउन अब खुल रहा है लेकिन अब वो भी बेकार है।”

सरकार का क्या कहना है?

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, राहत आयुक्त ने सूचित किया है कि 30 मई को बारिश, आंधी-तूफान की वजह से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में 43 लोगों की मौत हुई है। उन्नाव में 8 और कन्नौज में पांच लोगों की मौत हुई है। अधिकारियों ने बताया कि लखनऊ में घर गिरने से दो लोगों की मौत हुई है और अलग-अलग जगहों पर 6 लोग घायल भी हुए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन मृत्यु पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने दिवंगतों के परिवारीजन को चार-चार लाख रुपये की राहत राशि तत्काल वितरित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के शोकसंतप्त परिवारीजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

विपक्ष का सवाल

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए आंधी-बारिश और ओलावृष्टि से हुई लोगों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों को जल्द मुआवज़ा देने की बात कही है।

राजस्थान पत्रिका के मुताबिक अखिलेश यादव ने रविवार, 31 मई को प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी को बताना चाहिए कि कितने किसानों को फ़सल बीमा का कितना भुगतान किया है? सरकार को यह ब्यौरा भी सार्वजनिक करना चाहिए कि पीड़ित किसान परिवारों की कहाँ और कितनी मदद की है?

उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों, कामगारों की जान की इस सरकार में कोई कीमत नहीं है। उनके प्रति संवेदना भी शून्य है। प्राकृतिक आपदा के शिकार किसानों को 10 लाख रूपये की आर्थिक मदद दी जानी चाहिए।

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग के अधिकारी ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, “प्रदेश सरकार को पहले ही शनिवार के तेज़ आंधी और बारिश की चेतावनी दे दी गई थी। इसके साथ ही रविवार के लिए भी चेताया गया था कि अगले 24 घंटे में राज्य के अलग-अलग इलाकों में 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी चल सकती है। आने वाले कुछ दिनों में पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम कई तरह की करवट ले सकता है।”

गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 13 लोगों की मौत हो गई थी। तेज हवाओं के कारण आगरा स्थित विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताजमहल के एक दरवाजे को भी नुकसान पहुंचा था।

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