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25 राज्यों में भूजल में आर्सेनिक, 27 राज्यों में फ्लोराइड पाया गया : सरकार

सरकार ने संसद में बताया कि 25 राज्यों के 230 ज़िलों के कुछ हिस्सों में भूजल में आर्सेनिक और 27 राज्यों के 469 ज़िलों में फ्लोराइड पाया गया है।
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प्रतीकात्मक तस्वीर।

नयी दिल्ली: सरकार ने संसद को बताया कि 25 राज्यों के 230 जिलों के कुछ हिस्सों में भूजल में आर्सेनिक और 27 राज्यों के 469 जिलों में भूजल में फ्लोराइड पाया गया है।

जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने राज्यसभा को यह जानकारी देते हुए कहा कि केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) ने भूजल में संदूषण की खबर दी है जिसकी प्रकृति ज्यादातर भूगर्भिक है और पिछले कुछ वर्षों के दौरान इसमें महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं देखा गया है।

उनके अनुसार, इसका अर्थ है कि ये घटक पहले से ही चट्टान या मिट्टी में हैं और विभिन्न रासायनिक प्रक्रियाओं के माध्यम से भूजल में मिल जाते हैं।

उन्होंने कहा कि समय के साथ प्रदूषकों की सांद्रता में वृद्धि होने के संबंध में कोई निर्णायक सबूत नहीं है।

सीजीडब्ल्यूबी जल शक्ति मंत्रालय के तहत आता है और आर्सेनिक तथा फ्लोराइड के भूजल में संदूषण सहित भूजल की गुणवत्ता की नियमित निगरानी और मूल्यांकन करता है।

टुडू ने बताया कि बोर्ड ने अन्य संस्थानों के साथ मिलकर विभिन्न अध्ययन किए हैं जो विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपयोग के लिए भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित अनुमेय सीमा से परे भूजल में आर्सेनिक और फ्लोराइड की उपस्थिति का संकेत देते हैं।

उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 25 राज्यों के 230 जिलों के कुछ हिस्सों में भूजल में आर्सेनिक और 27 राज्यों के 469 जिलों में भूजल में फ्लोराइड पाए जाने की सूचना मिली है।

सीजीडब्ल्यूबी ने राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (एनआईएच) के साथ मिलकर 2010 में ‘‘भारत में भूजल संकट का शमन और समाधान: एक विजन दस्तावेज़’’ पर एक रिपोर्ट तैयार की और इसे मार्गदर्शन और निष्पादन के लिए विभिन्न संबंधित एजेंसियों और विभागों को भेजा गया है।

हाल ही में, सीजीडब्ल्यूबी ने आठ राज्यों – पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और असम – पर ध्यान केंद्रित करते हुए आर्सेनिक और फ्लोराइड सहित भूजल संदूषण के अध्ययन के लिए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

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