Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

‘’बलात्कारी अगर ब्राह्मण समाज से हैं, तो संस्कारी होंगे’’... वाह रे भाजपा!

गुजरात से भाजपा के विधायक ने अजीबोगरीब और बेहद शर्मनाक बयान दिया है, जिसमें वो बिलक़ीस के साथ रेप करने वाले दोषियों को संस्कारी बता रहे हैं।
bilkis

अभी ज्यादा दिन नहीं बीते.. जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम पर भारतीय जनता पार्टी कैसे अति पिछड़ा समाज को साधने में जुट गई थी। प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री तक ख़ुद को आदिवासियों का सबसे बड़ा मसीहा बताने में जुट गए थे। टीवी पर बैठ-बैठ कर भाजपा प्रवक्ताओं ने शायद इतनी बार ‘’आदिवासी’’ शब्द का इस्तेमाल कर लिया होगा, जितनी उनकी संख्या इस देश में नहीं होगी।

चलिए ये याद कर लीजिए... 15 अगस्त को जब देश आज़ादी के जश्न में डूब गया तब लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री महिला सुरक्षा और उनके सम्मान के लिए बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे, मतलब प्रधानमंत्री भावुक तक हो गए, विलाप तक करने लगे।

लेकिन झूठ और झूठी कलाकारी कितने दिनों तक छुपती है। इन सारी कलाकारियों का भंडा भाजपा के ही एक विधायक ने फोड़ दिया। और अपने कृत्यों का चिट्ठा जनता के सामने खोलकर रख दिया।

मतलब आप फूहड़ता और ग़ैर ज़िम्मेदाराना टिप्पणी की हद देखिए... गुजरात के गोधरा से भाजपा विधायक सीके राउलजी, बिलक़ीस बानों के सभी अपराधियों के लिए कह रहे हैं, कि वे सभी ब्राह्मण परिवार से आते हैं इसलिए उनके संस्कार अच्छे थे।

आगे बात करने से पहले एक चीज़ तो साफ कर दी जाए, कि भाजपा भले ही दलितों और मुसलमानों के हित के लिए भाषणों में चिल्ला-चिल्ला कर वाहवाही लूटती हो, लेकिन हितैशी वो सिर्फ राजनीतिक लाभ तक ही है।

और दूसरी तरफ ब्राह्मण समाज का सहारा लेकर भाजपा विधायक इन अपराधियों को जिस तरह से कंधा दे रहे हैं, ये हर तरह से ब्राह्मण समाज का तो अपमान है ही, साथ में बिलक़ीस बानो के साथ हुए बेहद घिनौने कृत्य को भी संतुलित करने की बड़ी साज़िश है।

गोधरा से भाजपा विधायक के कहे हिसाब से चला जाए, तो कानपुर में कई पुलिसवालों को मौत के घाट उतारने वाला विकास दुबे भी किसी मसीहा से कम नहीं था, यानी राउलजी के हिसाब से भले ही विकास दुबे अपराधी था, लेकिन वो था संस्कारी, क्योंकि ब्राह्मण समाज से आया था।

विकास दुबे वाले मामले के बाद चुनाव हुए, तब भाजपा के नेता उसे अपराधी कहने से हमेशा डरते रहे, कि कहीं उनका वोट बैंक न कम हो जाए।

इसके अलावा एक और उदाहरण याद कीजिए.. लखीमपुर के तिकुनिया में हुए किसानों के नरसंहार का.. जहां देश के गृह राज्य मंत्री अमित मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने कई किसानों को अपनी थार से कुचल कर मार डाला था। बाद में आशीष मिश्रा को तो गिरफ्तार किया गया लेकिन मंत्री जी देश के गृह मंत्री अमित शाह के साथ मंच साझा करते हुए दिखते रहे।

यानी ब्राह्मणों का वोट कहीं छिटक न जाए, इसके लिए भारतीय जनता पार्टी हर वक्त अपराधियों के गले में फूल मालाएं पहनाती रही है। लेकिन सही मायने में किसी समाज का सहारा लेकर राजनीतिक रोटियां सेंकना उस समाज का अपमान है।

ये तो भाजपा विधायक राउलजी के बयान का सिर्फ एक भाग था, दूसरे भाग में उन्होंने इन अपराधियों को फूल माला पहनाकर स्वागत करने वालों का भी समर्थन किया है। आप ख़ुद ही समझ सकते हैं भाजपा के नेताओं और विधायकों का चाल चरित्र क्या है।

भाजपा विधायक राउलजी की टिप्पणी खास तौर से इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार वह गोधरा कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट, सुजल मायात्रा की अध्यक्षता वाली उस समिति के सदस्य थे, जिन्होंने सर्वसम्मति से इन 11 दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की थी। इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि गुजरात के कलोल से भाजपा विधायक सुमन बेन चौहान भी उसी समिति का हिस्सा थीं जिसने दोषियों की रिहाई की सिफारिश की थी।

वैसे कोई नई बात नहीं है... कि भाजपा के नेता या विधायकों ने ऐसा अपराध किया हो फिर उनका स्वागत न किया गया हो। याद कीजिए शाहजहांपुर की एलएलएम की छात्रा से दुष्कर्म को लेकर जब पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर आरोप लगा था। इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत के बाद जब छूटे तब ऐसे स्वागत हुआ, जैसे महिलाओं के सम्मान समारोह में पुरस्कार वितरण करके आए हों।

आपको याद होगा जब उत्तर प्रदेश के उन्नाव से विधायक कुलदीप सेंगर ने महिला के साथ दुष्कर्म किया था, और देश के लोगों में उसके प्रति आक्रोश था। तब तत्कालीन मंत्री संतोष गंगवार ने कहा था कि एक या दो बलात्कार की घटनाओं का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।

ऐसे उदाहरणों की लंबी फेहरिस्त हैं, जिसके ज़रिए भाजपा कटघरे से बाहर निकल ही नहीं पाएगी। लेकिन सत्ता में रहकर और उसका नाजायज़ फायदा उठाकर उनके नेता हमेशा बचते आए हैं।

ये विडंबना ही तो है, जिस दिन देश आज़ादी का 75वां साल मना रहा था, उसी दिन गर्भवती महिला से सामूहिक बलात्कार करने वाले 11 दोषियों को रिहा कर दिया जाता है। ये सभी आरोपी 2004 से जेल में बंद थे, सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में दोषिय़ों को 2008 में उम्रकैद की सज़ा दी गई थी।

आपको बता दें कि गोधरा कांड के बाद गुजरात में साल 2002 में हुए दंगों के दौरान लीमखेड़ा तहसील में बिलक़ीस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी। इस दौरान उनके परिवार के 7 सदस्यों की भी हत्या कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मामले की जांच की और 2004 में 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर मुंबई ले जाया गया था। सीबीआई की अदालत ने सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

आरोपियों को पहले मुंबई की आर्थर रोड जेल और इसके बाद नासिक जेल में रखा गया था। करीब 9 साल बाद सभी को गोधरा की जेल में ट्रांसफर कर दिया था।

दरअसल 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एस-6 डिब्बे में आग लगा दी गई थी। आग लगने से 59 लोग मारे गए थे। ये सभी कारसेवक थे, जो अयोध्या से लौट रहे थे। गोधरा कांड के बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क उठे। इन दंगों में 1,044 लोग मारे गए थे। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

बिलक़ीस बानो के साथ बलात्कार करने वाले दोषियों की रिहाई के बाद विपक्षी पार्टियां लगातार सवाल खड़े कर रही हैं, जिसमें टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा था कि देश को तय करना होगा कि बिलक़ीस बानो महिला हैं या मुसलमान?

ऐसे सवाल खड़े करना लाज़मी भी है, क्योंकि पिछले दिनों दिल्ली का जहांगीरपुरी, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में जिस तरह से बुलडोजर नीति अपनाई गई, फिर बड़े-बड़े मीडिया चैनलों पर बैठकर एक धर्म के प्रति अपशब्द बोले गए, ऐसे में ये सवाल पूछना बहुत लाज़मी है।

इसके अलावा ग़ौर करने वाली बात ये है कि बिलक़ीस बानो के साथ बलात्कार करने वाले अपराधियों को ऐसे वक्त पर रिहा किया गया है, जब गुजरात के चुनाव बेहद नज़दीक हैं। और फिर भाजपा विधायक का ऐसा बयान गुजरात के साथ-साथ देश के सवर्ण समाज को एकजुट करने का तरीका भी है। हालांकि भाजपा को ये समझना बेहद ज़रूरी है, कि अपराधियों को किसी समाज से ज़ोड़ना उस समाज का अपमान होता है सत्कार नहीं।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest