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भाजपा का प्रचारः पोस्टर एक, फ़र्ज़ी फ़ोटो चार

क्या ये तस्वीरें सचमुच मध्य प्रदेश की हैं या मध्य प्रदेश से कोई संबंध भी है? आइये, एक-एक करके इन तस्वीरों की पड़ताल करते हैं।
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भारतीय जनता पार्टी, मध्य प्रदेश इकाई ने एक  पोस्टर ट्वीट किया है जो मध्य प्रदेश में सड़कों के विस्तार के प्रचार के लिए है। पोस्टर में भाजपा नेताओं के अलावा हाइवे की पांच तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है। ट्वीट में लिखा है “सड़कों का जाल बिछाने वाली भाजपा सरकार फिर से। भाजपा सरकार में हुआ सड़कों का विस्तार। ” पोस्टर में पांच तस्वीरें हैं जिन पर बकायदा लिखा हुआ है कि वो नर्मदा प्रगति पथ, विंध्य एक्सप्रेस-वे, मालवा-निमाड़ विकास पथ, बुंदेलखंड विकास पथ और मध्य भारत विकास पथ की हैं। लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या ये तस्वीरें सचमुच मध्य प्रदेश की हैं या मध्य प्रदेश से कोई संबंध भी है? आइये, एक-एक करके इन तस्वीरों की पड़ताल करते हैं।

तस्वीर एकः विंध्य एक्सप्रेस-वे

भाजपा जिस तस्वीर को विंध्य एक्सप्रेस-वे बता रही है असल में वो तस्वीर दिल्ली-आगरा यमुना एक्सप्रेस-वे की है। यमुना एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन वर्ष 2012 में अखिलेश यादव ने किया था। इंडिया टुडे की 9 अगस्त 2012 की रिपोर्ट में इसी जगह का फोटो छपा है। ये नोएडा के जीरो प्वाइंट की तस्वीर है। इस गूगल लोकेशन पर आप इसे जूम करके देख सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार, यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की वेबसाइट पर भी ये तस्वीर मौजूद है। ये तस्वीर न तो विंध्या एक्सप्रेस-वे की है और न ही मध्य प्रदेश की है।

तस्वीर दोः मध्य भारत विकास पथ

जिस तस्वीर को मध्य भारत विकास पथ बताकर मध्य प्रदेश के चुनावी प्रचार में इस्तेमाल किया जा रहा है वो तस्वीर सेलम-कोयंबटूर राजमार्ग, चितोड की है। ये तस्वीर 10 नवंबर 2011 को ली गई है और इस फोटो को आर. श्रीकांत ने क्लिक किया है। ज्यादा जानकारी के लिए इस लिंक को क्लिक करें। इस तस्वीर का मध्य प्रदेश से कोई संबंध नहीं है, ये तस्वीर मध्य प्रदेश की नहीं बल्कि तमिलनाडु की है। तस्वीर का कैमेरा लोकेशन इस लिंक पर देख सकते हैं।

तस्वीर तीनः मालवा-नीमाड़ विकास पथ

जिस तस्वीर को मालवा-निमाड़ विकास पथ की बताया जा रहा है असल में वो तस्वीर दुर्गापुर एक्सप्रेस-वे की है। 6 जुलाई 2010 को अविक हालदार ने इस तस्वीर को क्लिक किया था। ज्यादा जानकारी के लिए इस लिंक को देखें। दुर्गापुर एक्सप्रेस-वे दिल्ली को कोलकाता से जोड़ता है और उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार और प. बंगाल राज्यों से गुजरता है।

तस्वीर चारः नर्मदा प्रगति पथ

इस तस्वीर को एक नहीं बल्कि कई सर्च इंजन की मदद से इंटरनेट पर खोजा गया। लेकिन इस तस्वीर का मूल स्रोत नहीं मिल पाया। ये तस्वीर कई मीडिया रिपोर्ट में नर्मदा एक्प्रेस-वे की खबरों के साथ ही प्रकाशित है। लेकिन इस तस्वीर का नर्मदा एक्सप्रेस-वे और मध्य प्रदेश से कोई संबंध नहीं है। अगर आप तस्वीर को जूम करके देखेंगे तो पाएंगे कि हाइवे के बिल्कुल बीच में रेलवे ट्रैक है। भारत में ऐसा कोई हाइवे नहीं है जिसके बीचों-बीच रेलवे ट्रैक हो। वर्जिनिया, इजरायल और तुर्की आदि देशों में इस तरह के हाइवे हैं। दूसरी महत्वपूर्ण बात, अगर आप जूम करके कार को देखेंगे तो पाएंगे कि ये कार सड़क की लेफ्ट साइड है और जा नहीं रही बल्कि आ रही है। दोनों तरफ के ट्रैफिक को देखा गया तो पाया कि ये ऐसे देश की तस्वीर है जहां रोड़ पर लेफ्ट साइड नहीं बल्कि राइट साइड ड्राइविंग की जाती है। आप जानते हैं कि भारत में लेफ्ट साइड ड्राइविंग होती है। ये बातें स्पष्ट कर रही हैं कि ये तस्वीर मध्य प्रदेश तो क्या भारत की भी नहीं है। किसी विदेशी तस्वीर को मध्य प्रदेश की बताया जा रहा है।

तस्वीर पांचः बुंदेलखंड विकास पथ

ये तस्वीर बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की ही है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की  वेबसाइट पर प्रोजेक्ट डॉक्युमेंटेशन सेक्शन में ये तस्वीर मौजूद है।

पूरी पड़ताल से पता चलता है कि पांच में से चार तस्वीरें फर्जी हैं। जबकि बकायदा तस्वीरों पर हाइवे के नाम लिखकर प्रचार किया जा रहा है। चुनावी प्रचार में इस तरह के भ्रामक प्रचार पर रोक लगनी चाहिए। कायदे से तो चुनाव आयोग को इसका नोटिस लेना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रचार में फर्जी तस्वीरों का इस्तेमाल बंद हो। आफ भी जागरूक रहिये और फर्जी प्रोपेगेंडा सावधान रहिये।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

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