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भाजपा ईडी के जरिए अपनी राजनीति करना चाहती है: स्टालिन

ईडी ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता एवं बिजली मंत्री बालाजी को कथित ‘नौकरी के बदले नकदी’ घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में 14 जून को गिरफ्तार किया था।
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चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मंत्रिमंडल के अपने सहयोगी वी सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी के बाद बृहस्पतिवार को एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ‘जनविरोधी’ राजनीति में लिप्त है और वह ‘प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जरिए अपनी राजनीति’ करना चाहता है।

ईडी ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता एवं बिजली मंत्री बालाजी को कथित ‘नौकरी के बदले नकदी’ घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में 14 जून को गिरफ्तार किया था।

स्टालिन ने अपने आधिकारिक ट्विटर खाते पर एक वीडियो साझा करते हुए बालाजी के साथ ईडी के व्यवहार को लेकर एजेंसी पर भी हमला बोला और आरोप लगाया कि द्रमुक नेता पर इतना ‘मानसिक दबाव’ डाला गया कि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा।

स्टालिन ने कहा, ‘‘ईडी द्वारा बालाजी को कैसे अनुचित तरीके से परेशान किया जा रहा है, इससे आप सभी वाकिफ हैं। यह खुल्लमखुल्ला राजनीतिक प्रतिशोध है और इसमें किसी को कोई संदेह नहीं है। करीब 10 साल पुराने मामले का फिर से निकाला गया, उन पर मानसिक दबाव डाला गया। ईडी की वजह से वह मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर पड़ गए और यहां तक कि उन्हें दिल की गंभीर बीमारी भी हो गई।’’

उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रतिशोध भरी राजनीतिक का इससे बड़ा कोई दूसरा उदाहरण हो सकता है?

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि बालाजी से किसी शिकायत या फिर संबंधित मामले में अदालत के आदेशानुसार पूछताछ की जाती तो वह गलत नहीं है लेकिन वह कोई ऐसे व्यक्ति नहीं है जो फरार हो सकते हैं।

स्टालिन ने कहा कि वह एक निर्वाचित तथा पांच बार के विधायक और दूसरी बार के मंत्री हैं। वह बहुत सारे सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ऐसे व्यक्ति को आतंकवादी की तरह कैद करके पूछताछ करने की क्या जरूरत है। ईडी के अधिकारियों के आने पर उन्होंने उनका पूरा सहयोग किया और कहा कि वह हर बात का स्पष्टीकरण देने को तैयार हैं। इसके बावजूद उन्हें 18 घंटे तक कैद में रखा गया और किसी को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई। जब उनकी हालत काफी बिगड़ गई, तब वे उन्हें अस्पताल ले गए। अगर वे उन पर ध्यान न देते तो यह उनके जीवन के लिए गंभीर खतरा हो सकता था।’’

भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की जांच की क्या जल्दबाजी है। क्या देश में कोई अघोषित आपातकाल लगा है। ईडी की कार्रवाई देखकर तो ऐसा ही लगता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो भाजपा नेतृत्व ईडी के जरिए अपनी राजनीति करना चाहता है, वह लोगों से मेल-मिलाप बढ़ाकर राजनीति नहीं करना चाहते हैं। वे (लोग) भी भाजपा पर विश्वास करने को तैयार नहीं है। लोगों को उन पर तभी विश्वास होगा अगर वह उनके लिए राजनीति करे। भाजपा की राजनीति जन विरोधी है।’’

ईडी ने मंत्री पर 2014-15 में राज्य के परिवहन उपक्रमों में कथित ‘नौकरी के बदले नकदी’ घोटाले में अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। बालाजी पहले अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) में थे और दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की सरकार में परिवहन मंत्री थे।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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