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बीएसएनएल वीमेन कन्वेंशन ने कार्य स्थल पर लैंगिक भेदभाव को ख़त्म करने समेत अन्य मांग की

कन्वेंशन ने केंद्र से केवल कागजों पर रहने वाले पैकेजों की घोषणा करने के बजाय बीएसएनएल को पुनर्जीवित करने के लिए उचित क़दम उठाने का आग्रह किया।
बीएसएनएल वीमेन कन्वेंशन ने कार्य स्थल पर लैंगिक भेदभाव को ख़त्म करने समेत अन्य मांग की
सीटू नेता ए आर सिंधु ने कन्याकुमारी में आयोजित बीएसएनएल वीमेन कन्वेंशन के दूसरे राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन का उद्घाटन किया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कॉर्पोरेट समर्थित नीतियों के कारण देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार इकाइयों में से एक भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) लाभ कमाने वाली कंपनी अब घाटे का सामना करने वाली इकाई बन कर रह गई है। ये बात 10 दिसंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी में आयोजित बीएसएनएल वर्किंग वीमेन कोऑर्डिनेशन कमेटी (डब्ल्यूडब्ल्यूसीसी) के राष्ट्रीय सम्मेलन कही गई।

इस कन्वेंशन में केंद्र सरकार पर निजी क्षेत्र के संगठनों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए बेहतर सेवा देने के लिए उपकरण ख़रीदने की अनुमति से इनकार करके बीएसएनएल को व्यवस्थित रूप से नष्ट करने का आरोप लगाया गया।

इस कन्वेंशन ने बीएसएनएल प्रबंधन पर यौन उत्पीड़न के मामलों में नरमी बरतने का भी आरोप लगाया और कार्यस्थल पर उत्पीड़न के ख़िलाफ़ सख़्त और समय पर कार्रवाई करने के लिए आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के गठन में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को लागू करने की मांग की।

कन्वेंशन के दौरान बीएसएनएल की महिला कर्मचारियों द्वारा सभी कार्यालयों में महिला कर्मचारियों के लिए सुविधाओं की कमी, महिलाओं और बच्चों के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा, लैंगिक भेदभाव में वृद्धि और बीएसएनएल में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को ठेका पर बहाली करने जैसे कुछ मुद्दे उठाए गए।

बाधा समाप्त करना और 4जी/5जी लॉन्च करना

कर्मचारियों ने कहा कि, बीएसएनएल का विज़न स्टेटमेंट कहता है कि, 'उपभोक्ता वर्गों में सस्ती और नवीन दूरसंचार सेवाएं/उत्पाद प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया जाए'। लेकिन, भले ही निजी कंपनियों ने 2015 में 4जी सेवाएं शुरू कीं और 5जी लॉन्च करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, केंद्र सरकार ने 4जी सेवाओं के लॉन्च के लिए बीएसएनएल को अनुमति देने में देरी की है।

कर्मचारी यूनियनों और ग्राहकों की बार-बार मांग के बावजूद बीएसएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ रहा है। इस स्पेक्ट्रम की सिफारिश 2021 में आई और इसकी घोषणा की गई कि इसकी सेवाएं 15 अगस्त 2022 को शुरू की जाएगी। लेकिन, केंद्र सरकार ने केवल 4जी सेवाओं को शुरू करने के लिए उपकरण ख़रीदने की अनुमति दी है।

इस कन्वेंशन ने केंद्र सरकार पर बीएसएनएल को वैश्विक स्तर के विक्रेताओं से उपकरण ख़रीदने से रोकने का आरोप लगाया।

संकल्प पत्र में लिखा है, "हालांकि सरकार ने 5जी स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी शुरू कर दी है, लेकिन बीएसएनएल प्रतिस्पर्धा में कहीं नहीं है।"

बीएसएनएल डब्ल्यूडब्ल्यूसीसी की नवनिर्वाचित संयोजक ज्योति लक्ष्मी के एन ने कहा, “सरकार ने बीएसएनएल के पुनरुद्धार के लिए कुछ पैकेजों की घोषणा की है, लेकिन ये केवल काग़ज़ों पर ही हैं। हम सरकार से बीएसएनएल के पुनरुद्धार के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह करते हैं।"

बीएसएनएल वीमेन कन्वेंशन का उद्घाटन सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) के राष्ट्रीय सचिव ए आर सिंधु ने किया।

'कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करें'

इस कन्वेंशन के दौरान लुधियाना की बीएसएनएल की महिला कर्मचारियों ने बताया कि वे जून 2021 से महाप्रबंधक टेलीकॉम डिस्ट्रिक्ट (जीएमटीडी) द्वारा कथित उत्पीड़न के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रही थीं लेकिन प्रबंधन ने उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की।

बीएसएनएल डब्ल्यूडब्ल्यूसीसी ने प्रबंधन और पंजाब सर्किल प्रशासन पर महिला कर्मचारियों द्वारा की गई बार-बार की शिकायतों पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया।

ज्योति लक्ष्मी ने कहा, “यह उस देश में स्वीकार नहीं किया जा सकता है जहां क़ानून स्पष्ट रूप से अपराधियों पर कार्रवाई का आदेश देते हैं। बीएसएनएल कॉर्पोरेट प्रबंधन की निष्क्रियता चिंताजनक है।"

इस कन्वेंशन में मांग की गई कि दोषी अधिकारियों के ख़िलाफ़ सख़्त और समय पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा लागू की गई विशाखा समिति के दिशानिर्देशों के अनुसार बीएसएनएल प्रबंधन मंडलों सहित संगठन के विभिन्न स्तरों पर आईसीसी का गठन करे।

ज्योति लक्ष्मी ने कहा, “इस कन्वेंशन में महिलाओं और बच्चों के ख़िलाफ़ हिंसा, अधिक भ्रूण हत्या, बढ़ती लैंगिक असमानता पर चर्चा की गई। हमने राज्य और केंद्र सरकार से इस तरह की क्रूर प्रथाओं को समाप्त करने के लिए नीतियां और नियम बनाने का आग्रह करते हुए प्रस्ताव पारित किए।”

एक अन्य प्रस्ताव में 45 वर्ष से ऊपर की महिला कर्मचारियों के लिए विशेष चिकित्सा अवकाश और पूरे वेतन के साथ-साथ प्रति माह तीन दिन का मासिकधर्म संबंधी अवकाश लागू करने की मांग की गई।

'वेतन संशोधन वार्ता में तेज़ी लाया जाए'

जनवरी 2017 से बीएसएनएल कर्मचारियों के लिए वेतन संशोधन वार्ता लंबित है। सरकार और दूरसंचार विभाग ने संगठन द्वारा किए गए नुकसान का हवाला देते हुए वेतन संशोधन के लिए बातचीत करने के लिए कोई क़दम नहीं उठाया है।

हालांकि, कर्मचारी इस नुक़सान के लिए सरकार की नीतियों को दोष देते हैं और वेतन संशोधन पर तत्काल बातचीत की मांग कर रहे हैं।

मूल रूप से अंग्रेज़ी में प्रकाशित रिपोर्ट को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करेंः

BSNL Women's Convention Demands End to Gender Discrimination Practices in Telecom Major

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