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बजरंग दल को नए साल के जश्न से भी परेशानी, काशी की गलियों में नोटिस लगाकर दी धमकी

विश्व हिंदू परिषद हर दिन नई धमकियाँ दे रहा है। इस बार विहिप ने धमकी दी है कि अगर नए साल का जश्न मनाया गया तो ठीक नहीं होगा, साथ ही इस दल ने पब और होटल पर संगीन आरोप मढ़ दिए हैं।
BAJRANG DAL

हिन्दुस्तान को आज़ाद हुए 70 सालों से ज्यादा हो गए, इतने सालों में अंग्रेजों की गुलामी से छुटकारा मिला, ना जाने कितने युद्धों, कितने दंगों को झेलते हुए भी ये देश आगे बढ़ता रहा, इतना सब झेलने के बावजूद इस देश के लोगों ने कभी यहां की सभ्यता और संस्कृति पर आंच नहीं आने दी, लेकिन साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद देश की एक नई तस्वीर सामने आई, इस तस्वीर में हिन्दू ख़तरे में पड़ गया। अपने हक के लिए लड़ने वाले छात्र टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्य हो गए, किसी मुद्दे पर अपनी स्वतंत्र राय रखने वाले लोग देशद्रोही हो गए, भारत की संस्कृति छिन्न-भिन्न होने लगी... और इस संस्कृति को बचाने के लिए निकल पड़े हैं सत्ताधारी पार्टी की शह पर पलने वाले सबसे बड़े योद्धा बजरंग दल।

क्रिसमस पर ईसाईयों के खिलाफ बवाल मचाने के बाद अब बजरंग दल ने नया ड्रामा शुरू कर दिया है, अब इस दल को नए साल के जश्न में भी खोट दिखाई दे रहा है, दरअसल बजरंग दल का ज्ञान कुछ प्रकार है-  "नए साल का जश्न भारतीय सभ्यता के खिलाफ है, नए साल का जश्न भारतीय संस्कृति पर एक प्रहार है, नए साल का जश्न हमारे धार्मिक सिद्धांतों के विरुद्ध है, नया साल ड्रग माफियाओं को उनका धंधा बढ़ाने में मदद करता है।"

ये तमाम ज्ञान की बातें वाराणसी में बजरंग दल के संयोजक निखिल त्रिपाठी रुद्र के द्वारा पेश की गई हैं। इतना ही नहीं बजरंग दल के लोगों ने शहर के मॉल, जिम, क्लब आदि के बाहर नोटिस चस्पा कर धमकी दी है, कि अगर नए साल का जश्न मनाया गया तो वे उसका विरोध करेगें... और इस बात से आप लोग बखूबी वाकिफ़ हैं कि बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन का मतलब क्या होता है।

प्रभात ख़बर की एक रिपोर्ट के मुताबिक निखिल त्रिपाठी रुद्र ने एक बयान में क्लब वालों पर संगीन आरोप लगाया है, उनका कहना है कि ‘’ऐसे आयोजन देश के युवाओं को ग़लत रास्ते पर ले जाते हैं, ऐसे आयोजनों में क्लब के लोग हिन्दू महिलाओं को निशाना बनाकर बार और क्लब में फ्री एंट्री देते हैं।‘’

ख़ैर, बजरंग दल की ऐसी बातें और काशी के गलियों में धमकी भरा नोटिस चस्पा करना, ये बताता है ऐसे दलों को पहले खुद भारतीय संस्कृति, सभ्यता, इतिहास और रहन सहन का सलीका सीखना चाहिए, इसके बाद ही लोगों पर आयोजनों पर या लोगों की खुशियों के कारण पर सवाल उठाना चाहिए।

क्योंकि ये विडंबना ही है कि काशी जैसी ऐतिहासिक नगरी में रहने के बाद भी बजरंग दल के सदस्यों का रवैया बेहद आक्रामक है, और लोगों को परेशान करने वाला है। हालांकि बजरंग दल की इस धमकी पर वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीष गणेश ने लोगों को सांत्वना दी है, कि किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। साथ ही लोगों से अपील की है कि कुछ भी गड़बड़ हो तो पुलिस को सूचना दी जाए ताकि उचित कार्रवाई हो सके।

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