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बांग्लादेश : 52 मज़दूरों की हत्या के आरोप में फ़ैक्ट्री मालिक हिरासत में

बांग्लादेश की पुलिस ने रूपगंज में एक खाद्य प्रसंस्करण फ़ैक्ट्री में आग लगने के मामले में हत्या के आरोप में कम से कम आठ लोगों को हिरासत में लिया है।
बांग्लादेश : 52 मज़दूरों की हत्या के आरोप में फ़ैक्ट्री मालिक हिरासत में

8 जुलाई को रूपगंज में हाशीम फूड एंड बेवरेज फैक्ट्री में भीषण आग लग गई जिसके चलते कम से कम 52 कर्मियों की मौत हो गई। 10 जुलाई को बांग्लादेशी पुलिस ने कारखाने के मालिक को हत्या के आरोप और बाल श्रम के लिए हिरासत में लिया। जिसके बाद बाल श्रम के उपयोग की जांच के लिए एक अलग जांच भी शुरू की गई।

साजीब समूह की एक सहायक कंपनी पांच मंजिला हाशीम फूड एंड बेवरेज फैक्ट्री जिसमें आग की घटना हुई थी वह एक औद्योगिक शहर में स्थित है जो राजधानी ढाका से लगभग 25 किलोमीटर दूर है। भीषण आग और घने काले धुएं के बीच रूपगंज की सड़कों पर आग से जले पीड़ितों को एम्बुलेंस में ले जाने की कई ग्राफिक तस्वीरें सामने आई है।

कई एक्टिविस्टों ने इस त्रासदी को "जानबूझकर की गई लापरवाही" और बांग्लादेश में बच्चों को सुरक्षा की कमी का शिकार होने के मामले में आधिकारिक उदासीनता को जवाबदेह ठहराया है। इन आरोपों और व्यापक निंदा के चलते पुलिस कारखाना प्रबंधन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने को मजबूर हुई। कथित तौर पर 10 जुलाई को कारखाने में सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में कम से कम आठ लोगों को हिरासत में लिया गया था।

इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेन एमर्जेंसी फंड्स ने सोमवार को जोर देकर कहा कि इस तरह की दुखद घटना उस खतरनाक स्थिति को उजागर करती है जिसमें बांग्लादेश में बच्चे काम कर रहे हैं। इस भीषण आग की घटना में मरने वालों में कम से कम 16 बच्चे थे।

बांग्लादेश मल्टीपल इंडिकेटर क्लस्टर सर्वे 2019 में कहा गया है, "चार मिलियन से अधिक बच्चे काम कर रहे हैं और इनमें से तीन मिलियन से अधिक बच्चे सबसे खराब बाल श्रम में फंसे हुए हैं जिसमें खतरनाक कामकाजी परिस्थितियां शामिल हैं।"

यह अकेली घटना नहीं है जिसमें बड़े पैमाने पर हताहत होने की सूचना मिली है। इस दक्षिण एशियाई देश में औद्योगिक आपदाओं का इतिहास रहा है। बांग्लादेशी अधिकारियों ने अतीत में राणा प्लाजा की बड़ी घटना के बाद कार्रवाई करने और कानूनों में सुधार करने का वादा किया है। ये घटना साल 2013 में हुई थी जिसमें 1,100 से अधिक कर्मचारियों की मौत हुई थी। लेकिन सुधार और सावधानी बरतने की पुष्टि के बाद भी देश में कई आग की घटनाएं होती रही हैं। कुछ साल पहले यानी 2019 में ढाका में आग की घटनाओं में कम से कम 70 श्रमिकों की मौत हो गई थी।

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