बांग्लादेश के छात्रों ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का विरोध किया
26 मार्च से शुरू होने वाली प्रधानमंत्री मोदी की दो दिवसीय यात्रा से पहले बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरु हुआ। पुलिस द्वारा गैस के गोले दागने और लाठीचार्ज के बाद गुरुवार को कम से कम 20 प्रदर्शनकारी घायल हो गए। इस कार्रवाई में घटनास्थल से बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए गए।
25 मार्च को छात्र ओधिकार परिषद (छात्र संगठन) के कार्यकर्ताओं के साथ साथ सैकड़ों छात्रों ने सुबह ढाका में एक लंबा जुलूस निकाला और शापिया चत्तर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका।
छात्र ओधिकार परिषद के महासचिव अब्दुल्ला हिला बाकी के अनुसार प्रदर्शनकारी नाराज हैं और वे नहीं चाहते हैं कि पीएम मोदी बांग्लादेश की स्वतंत्रता के स्वर्ण जयंती समारोह का हिस्सा बनें। बाकी ने आगे कहा कि "पुलिस की कार्रवाई में 13 कार्यकर्ता घायल हो गए।"
पिछले हफ़्ते से वामपंथ समर्थक छात्रसंघ और मुस्लिम समूहों के साथ नागरिक समाज के सदस्यों ने शेख हसीना की अगुवाई वाली सरकार का विरोध करते हुए पीएम मोदी के आगमन की निंदा की और कहा कि उनके नेतृत्व में भारत अधिक सांप्रदायिक हो गया है और बांग्लादेश से जुड़े मुद्दों का भी समाधान नहीं हुआ है।
24 मार्च को पीएम मोदी के आगमन के खिलाफ नारा लगाते हुए हाथों में काला झंडा लिए छात्र ढाका विश्वविद्यालय परिसर में बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए। प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी को ''फासीवादी शासक'' और ''सांप्रदायिक आतंकवादी '' कहा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें 26 मार्च को बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस की स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल होने की अनुमति नही दी जानी चाहिए।
इन प्रदर्शनकारियों ने असम में नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर का मुद्दा भी उठाया है जिसके बारे में उन्होंने कहा कि ये बांग्लादेश पर दबाव बनाने के लिए एक चाल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हसीना की भारत की अधीनस्थ सरकार ने मोदी को आमंत्रित किया है, हम यहां इसका विरोध करने के लिए हैं।"
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