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ब्रिटेन : जूलियन असांजे को नहीं मिली जमानत

न्यायाधीश ने बुधवार को कहा कि असांजे के “फरार होने का जोखिम” है और यह यकीन करने की वाजिब वजह हैं कि रिहा करने पर वह अदालत में वापस नहीं आएगा।
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 अमेरिका प्रत्यर्पित किये जाने के खिलाफ कानूनी जंग के दौरान 2019 से ही ब्रिटेन की जेल में बंद विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे की जमानत याचिका एक ब्रिटिश न्यायाधीश ने बुधवार को खारिज कर दी। हालंकि इससे पहले की सुनवाई में ऐसा लग रहा तह जैसे उनको ज़मानत मिल सकती है। 
आपको बता दें यूनाइटेड किंगडम के एक न्यायाधीश ने  असांजे के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका की अपील को खारिज कर दिया। संयुक्त राज्य अमेरिका में जेल की बदतर स्थिति के कारण असांजे के आत्महत्या करने के अधिक जोखिम का हवाला देते हुए न्यायाधीश वैनेसा बैरिस्टर ने सोमवार 4 जनवरी को अपने फैसले को सुनाया था । हालंकि इसे चुनौती दी गई है। 

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 डिस्ट्रिक्ट जज वेनेसा बाराएत्सर ने असांजे को जेल में ही रखने का आदेश देते हुए अमेरिकी अधिकारियों की उस अपील को भी विचारार्थ रखा जिसमें असांजे को प्रत्यर्पित नहीं किये जाने के फैसले पर फिर से विचार का अनुरोध किया गया है।

करीब एक दशक पहले गोपनीय सैन्य दस्तावेजों के विकीलीक्स द्वारा प्रकाशन को लेकर जासूसी के आरोपों का सामना करने के लिये असांजे को अमेरिका भेजे जाने संबंधी वहां के अधिकारियों की याचिका को न्यायाधीश ने सोमवार को खारिज कर दिया था।

न्यायाधीश ने स्वास्थ्य आधार पर प्रत्यर्पण से इनकार करते हुए कहा कि अमेरिका में जेल की सख्त परिस्थितियों के दौरान 49 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई के अपनी जान लेने की भी आशंका है।

न्यायाधीश ने बुधवार को कहा कि असांजे के “फरार होने का जोखिम” है और यह यकीन करने की वाजिब वजह हैं कि रिहा करने पर वह अदालत में वापस नहीं आएगा।

असांजे पर क्या है आरोप 

असांजे पर इस समय एस्पियोनेज एक्ट के तहत अफगानिस्तान और इराक में अमेरिकी युद्ध अपराधों पर लीक हुए दस्तावेजों को प्रकाशित करने के लिए अमेरिका में मुकदमा चलाया जा रहा है। वह एस्पियोनेज और साइबर क्राइम सहित संघीय अपराधों के कुल 18 आरोपों का सामना कर रहे है जिसके तहत अधिकतम 175 साल की सजा का प्रावधान है। साल 2020 में एक सुपरसीडिंग इंडिक्टमेंट दायर किया गया था। इस मामले को दुनिया भर में प्रेस की स्वतंत्रता के लिए काफी महत्वपूर्ण माना गया था। हालांकि, न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष के तर्कों से काफी हद तक सहमति व्यक्त की और आत्महत्या के जोखिम के कारण प्रत्यर्पण की इस अपील को खारिज कर दिया। परन्तु आज बुधवार की सुनवाई में ज़मानत देने से भी इंकार कर दिया। 

सोमवार को प्रत्यर्पण रोकते हुए तर्क दिया था कि संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के बीच जो प्रत्यर्पण संधि उसके तहत यह उस समय प्रत्यर्पण प्रक्रिया को रोकती है जब प्रतिवादी के आत्महत्या सहित शारीरिक नुकसान का खतरा बना रहता है। बैरिस्टर ने असांजे की रक्षा टीम के इस तर्क को स्वीकार किया कि उन्हें "फिजिकल कंटेक्ट से दूर करने और सामाजिक संपर्क को कम करने और बाहरी दुनिया के साथ संपर्क को कम करने के लिए तैयार किए गए गंभीर रूप से प्रतिबंधात्मक हिरासत की शर्तों की कठोर संभावना का सामना करना पड़ा।"

न्यायाधीश ने सोमवार को कहा था कि अमेरिकी जेल में कठोर परिस्थितियों में “असांजे का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ जाएगा जिससे वह अपने ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार के "सिंगल माइंडेड डिटर्मिनेशन" के चलते आत्महत्या कर सकते है। ‘363.आई' ने पाया कि असांजे की मानसिक स्थिति ऐसी है कि उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका प्रत्यर्पित करना अत्याचार करने वाला होगा।”

 

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