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ब्रिटेन : पीएम लिज़ ट्रस के इस्तीफ़े के क्या मायने हैं?

ट्रस का इस्तीफा, सितंबर में अमीर समर्थक "मिनी-बजट" को पेश करने जिसकी कड़ी आलोचना की गई थी और चांसलर क्वासी क्वार्टेंग को बर्खास्त करने के कुछ दिनों बाद आया है। हालांकि टोरी नेतृत्व का चुनाव अगले हफ़्ते होगा, लेकिन आम चुनाव की मांग भी तेज़ी पकड़ रही है।
Liz Truss

ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस ने दफ़्तर में केवल 45 दिन बिताने के बाद इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार, 20 अक्टूबर को 10 डाउनिंग स्ट्रीट से बोलते हुए, ट्रस ने कहा कि वे उस जनादेश को पूरा नहीं कर सकीं जिस के आधार पर उन्हें कंजरवेटिव पार्टी का नेता चुना गया था।

ट्रस ने कहा कि टोरीज़, अगले सप्ताह के भीतर नए नेतृत्व का चुनाव करेंगे, और वे तब तक प्रधानमंत्री बनी रहेंगी। सत्तारूढ़ कंजरवेटिव में लंबे समय से चल रहे राजनीतिक संकट में ट्रस का इस्तीफा एक नई कड़ी है, जबकि देश भर में लाखों लोग एक गंभीर जीवन-यापन के संकट से जूझ रहे हैं।

ट्रस द्वारा गुरुवार के इस्तीफ़े की घोषणा राजकोष के चांसलर क्वासी क्वार्टेंग को बर्खास्त करने के छह दिन बाद हुई। 23 सितंबर को क्वार्टेंग ने सरकार के "मिनी-बजट" से पर्दा उठाया था और तभी से मुसीबत संकेत सामने आने लगे थे, क्योंकि बजट में अमीरों के लिए 45 बिलियन पाउंड की कर-कटौती शामिल थी।

ट्रस की अगुवाई वाली सरकार की योजनाओं में "लड़ाकू ट्रेड यूनियनों" को हड़ताल के दौरान परिवहन जैसे बुनियादी ढांचे को बंद करने से रोकने के लिए कानून भी लाना शामिल है, जिसमें यूनियनों को एक सदस्य वोट के लिए वेतन का प्रस्ताव देने की जरूरत का प्रावधान किया गया और "यह सुनिश्चित करने के लिए कि हड़ताल केवल तभी बुलाई जा सकती है जब बातचीत वास्तव में टूट गई हो।"

इसके अलावा बैंकरों के बोनस पर कैप और निगम के टैक्स में एक निर्धारित वृद्धि को समाप्त करना शामिल है, जबकि सामाजिक सुरक्षा प्रणाली में बदलाव की घोषणा की गई, बेरोजगार लोगों के लाभों में कटौती का इरादा जताया गया यदि वे अपनी नौकरी खोजने की पूरी कोशिश नहीं करते हैं।

इस घोषणा की यूनियनों ने कड़ी निंदा की, ट्रेड यूनियन कांग्रेस ने इसे "रिवर्स रॉबिन हुड" कहा है।

बजट ने एक बड़े आर्थिक संकट को जन्म दिया और ब्रिटिश पाउंड को लगभग 40 वर्षों के इतिहास में सबसे कमजोर स्थिति में ला दिया। मोर्टगेज/गिरवी/कर्ज़ की दरों में भी तेजी से वृद्धि हुई है।

उपरोक्त घोषणाओं के कुछ ही दिनों बाद, सरकार को अपनी योजनाओं के बड़े हिस्सों से पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा, जिसमें सबसे अधिक कमाई करने वालों के लिए 45 प्रतिशत आयकर दर को समाप्त करना भी शामिल था।

ट्रस ने 14 अक्टूबर को क्वार्टेंग को पद से हटा दिया था, उनकी जगह पूर्व विदेश सचिव और स्वास्थ्य सचिव, जेरेमी हंट को नियुक्त किया था। 17 अक्टूबर को, नए चांसलर ने लगभग मिनी-बजट की वापसी की घोषणा की, जिसमें कर कटौती के साथ-साथ ऊर्जा की कीमतों को कम  करने की योजना भी शामिल है।

जैसे-जैसी स्थिति आगे बढ़ी, 19 अक्टूबर को, गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन को इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा, क्योंकि उन्होंने अपने व्यक्तिगत ईमेल खाते के माध्यम से एक सांसद को एक आधिकारिक दस्तावेज भेजा था, जो तय नियमों का उल्लंघन था।

अपने बयान में, ब्रेवरमैन ने कहा कि उन्हें "इस सरकार की दिशा के बारे में चिंता है। इसने न केवल हमारे मतदाताओं से किए गए प्रमुख वादों को छोड़ दिया है, बल्कि घोषणापत्र में दी गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए इस सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में मुझे गंभीर चिंताएं हैं।

ब्रेवरमैन ने 43-दिवसीय संक्षिप्त कार्यकाल में, देश में शरण चाहने वालों, कार्यकर्ताओं और श्रमिकों के अधिकारों को लक्षित करने वाली व्यापक रूप से निंदा की गई नीतियों को आगे बढ़ाने में बिताया है।

विपक्षी सांसदों द्वारा इस्तीफा की मांग के विरुद्ध, ट्रस द्वारा संसद में दिए अपने उस बयान के बाद इस्तीफ़ा दे दिया, कि वे एक "लड़ाकू, न कि अपनी ज़िम्मेदारी से भागने वाली हैं।” जैसे ही लेबर पार्टी के नेता कीर स्टारर ने उन प्रस्तावों की सूची को पढ़ा जिन्हे सरकार को वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा तो सांसद चिल्लाने लगे “ये तो गई”। 

अब चूंकि टोरी पार्टी एक साल के भीतर तीसरे प्रधानमंत्री का चयन करने के लिए तैयार है, तो लेबर पार्टी ने वर्षों से चली आ रही तंगी और हानिकारक नीतियों को समाप्त करने के लिए आम चुनाव कराने की मांग की है।

ऑफिस ऑफ नेशनल स्टैटिस्टिक्स (ONS) के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक सितंबर में 10.1 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो चार दशकों में सबसे अधिक वृद्धि है। पिछले वर्ष की तुलना में खाद्य कीमतों में 14.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई और यूटिलिटी/उपयोगिता और आवास लागत में भी 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।

प्रमुख लेबर सांसद और पार्टी के पूर्व नेता जेरेमी कॉर्बिन ने कहा, "लिज़ ट्रस की अल्पकालिक प्रीमियरशिप एक टूटी हुई आर्थिक व्यवस्था और ढह चुके लोकतंत्र का एक लक्षण है।"

उन्होंने कहा कि, "हम एक संकट से दूसरे संकट में घिरते रहेंगे- और आम लोग इसकी कीमत चुकाएंगे- यह जब तक चलता रहेगा जब तक कि हम चंद अमीरों के बजाय, बहुमत की भलाई वाले समाज का निर्माण नहीं कर लेते हैं।”

ब्रिटेन की कम्युनिस्ट पार्टी ने घोषणा की है कि, "कोई भी टोरी प्रधानमंत्री बने लेकिन शासक वर्ग का एजेंडा वही रहेगा, जब तक हम इसे बदलने के लिए संघर्ष नहीं करते यह जारी रहेगा।" बयान में आगे कहा गया है कि यूके के लोग "वर्षों से नहीं तो महीनों से अपने गिरते जीवन स्तर, बढ़ती गरीबी, बढ़ती बेघर आबादी, ट्रेड यूनियन विरोधी कानून, नस्लवादी बलि का बकरा, सार्वजनिक खर्च में गहरी कटौती और कट्टर सैन्यवाद" का सामना कर रहे हैं। 

पार्टी ने एक वामपंथी कार्यक्रम के तहत "एकजुट राजनीतिक श्रमिक आंदोलन" का आह्वान किया है जो "समृद्धि, सामाजिक न्याय और शांति की ओर" एक नया रास्ता तय कर सकता है।

सौजन्य: पीपल्स डिस्पैच

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