Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

'मेरे नाम पर नहीं'… न CAB, न NRC; जंतर-मंतर पर गूंजा नारा

दिल्ली में शनिवार शाम जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन किया गया, जिसमें संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ आवाज उठाई गई। 'नॉट इन माइ नेम' शीर्षक से हुए इस प्रदर्शन में हज़ारों लोग शामिल हुए।
jantar mantar protest

दिल्ली: 'नॉट इन माइ नेम'…'मेरे नाम पर नहीं', न औरतों पर हिंसा, न मॉबलिंचिंग, न CAB, न NRC… सिविल सोसाएटी के आंदोलन में एक के बाद एक विषय जुड़ते जा रहे हैं या कहिए देश में समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, और नागरिक समाज की ज़िम्मेदारी और चुनौतियां दोनों बढ़ती जा रही हैं।

इसी कड़ी में बुद्धिजीवियों, कलाकारों, लेखकों, छात्र संगठनों, नागरिक संस्थाओं ने संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ शनिवार शाम को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। 'नॉट इन माइ नेम' शीर्षक से हुए इस प्रदर्शन में हजारों लोग शामिल हुए। नॉर्थ ईस्ट खासकर असम से आए लोगों ने 'संशोधित नागरिकता कानून वापस लो' जैसे नारे लगाए।

प्रदर्शन में शामिल होने आए असम के गुवाहाटी के रहने वाले तिनसुंग ने न्यूज़क्लिक को बताया, 'संशोधित नागरिकता कानून असम के साथ गद्दारी है। यह असम समझौते का साफ साफ उल्लंघन है। यह हमारी पहचान को मिटाने वाला है। यह संविधान की आत्मा के खिलाफ है।

सिर्फ असम नहीं पूरे देश में इसका विरोध हो रहा है। असम में हमारी दूसरी लड़ाई है लेकिन वह धार्मिक किसी भी कीमत पर नहीं है। यह कानून हमारे भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि को भी चोट पहुंचाता है। ऐसे कानून को तत्काल खत्म कर देना चाहिए।'

वहीं, अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली अनु कहती हैं, 'मेरा प्रदेश इस कानून के दायरे से बाहर है लेकिन मैं असम और बाकी नार्थ ईस्ट के राज्यों के लोगों के समर्थन में जंतर मंतर आई हूं। असम में प्रदर्शन होने से हमारे राज्य पर भी असर पड़ रहा है। वहां जरूरी सामान की कमी होती जा रही है। इसके अलावा हमारी लड़ाई अपनी पहचान बनाए रखने की है। हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है। मुझे लगता है इस कानून के लागू होने से मुस्लिम धर्म के साथ भेदभाव हो रहा है और मैं इसका विरोध करती हूं।'

आपको बता दें कि नागरिकता कानून के खिलाफ असम समेत पूर्वोत्तर भारत में विरोध जारी है। इसके चलते कई इलाकों में कर्फ्यू लगाना पड़ गया है।

शनिवार को जंतर-मंतर पर हुए प्रदर्शन को सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर, शायर गौहर रज़ा समेत तमाम बुद्धिजीवियों और गणमान्य लोगों ने संबोधित किया। इन सभी लोगों ने एक सुर में संशोधित नागरिकता कानून का विरोध किया।

प्रदर्शन में आए दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र रोहित ने कहा, 'इस कानून के चलते देश के बड़े हिस्से में प्रदर्शन हो रहा है। इसके कारण भय का माहौल है। यह कानून अल्पसंख्यकों और गरीबों को डराने वाला है। नोटबंदी और जीएसटी के बाद सरकार अब नागरिकता के बहाने देश की जनता को परेशान करने वाली है।'

वहीं, डीयू की एक छात्रा रेशमा ने कहा, 'सरकार द्वारा लाया गया ये बिल नफरत फ़ैलाने का काम करेगा। देश के गृहमंत्री ने कहा है कि इससे डरने की जरूरत नहीं है लेकिन क्या आपको लगता है कि इससे नहीं डरना चाहिए। अभी इसकी सीधी चपेट में मुसलमान हैं। बाद में सभी गरीब आ जाएंगें, क्योंकि डॉक्यूमेंट उन्हीं के पास नहीं होते हैं।'

गौरतलब है कि इस कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। जंतर-मंतर पर ही इस कानून के विरोध में अनशन भी जारी है।

IMG-20191214-WA0010.jpg

इसके अलावा शुक्रवार को दिल्ली के जामिया के छात्र-छात्राओं ने भी प्रदर्शन किया, जो शनिवार को भी जारी रहा। शुक्रवार के प्रदर्शन में छात्रों की पुलिस से झड़प भी हुई और पुलिस ने लाठियां और आंसू गैस के गोले चलाए। 

शनिवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के सागरदीघी इलाके में महिषासुर स्टेशन पर तोड़फोड़ की खबर मिली। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी और अमित शाह के पुतले भी फूंके। इसके अलावा हावड़ा में प्रदर्शनकारियों ने हाइवे को बंद कर दिया। इसके अलावा असम, त्रिपुरा, मेघालय समेत नार्थईस्ट के कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहा है।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ मुंबई में भी जमकर प्रदर्शन किया जा रहा है। बड़ी संख्‍या में प्रदर्शनकारी मुंबई के आजाद मैदान में इकट्ठा हुए। प्रदर्शनकारियों में असम और नार्थ ईस्‍ट के काफी लोग शामिल थे। उन्होंने इस कानून को वापस लेने की मांग की।

मुंबई के अलावा उत्तर प्रदेश, केरल और बंगाल तक में सड़कों पर उतरकर लोगों ने इस नए कानून का विरोध किया है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ यूपी के अलीगढ़ में विरोध जारी है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ महापौर को प्रदर्शन की इजाजत नहीं मिली और शुक्रवार को पूरे जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।

जिस तरह के आह्वान है उससे साफ है कि आने वाले दिनों में नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध और तेज़ होगा। वाम दलों समेत अन्य संगठनों ने 19 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन और बंद का आह्वान किया है। 

जंतर-मंतर का नज़ारा

IMG-20191214-WA0007 (1)_0.jpg

IMG-20191214-WA0013.jpg

IMG-20191214-WA0015.jpg

IMG-20191214-WA0014.jpg

IMG-20191214-WA0009.jpg

IMG-20191214-WA0012.jpg

IMG-20191214-WA0011.jpg

IMG-20191214-WA0008.jpg

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest