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क्यूबा ने 68वां राष्ट्रीय विद्रोह दिवस मनाया

ग्लोबल "लेट क्यूबा लिव" अभियान के एक हिस्से के रूप में दुनिया भर के लोग क्यूबा के नागरिकों, सरकार और क्रांति के साथ एकजुटता दिखाते हुए इकट्ठा हुए और अमेरिकी नाकाबंदी को तत्काल समाप्त करने की मांग की।
क्यूबा ने 68वां राष्ट्रीय विद्रोह दिवस मनाया

26 जुलाई को क्यूबा के राष्ट्रीय विद्रोह दिवस की 68वीं वर्षगांठ है। आज ही के दिन 1953 में, कमांडर फिदेल कास्त्रो ने सौ से अधिक युवा क्रांतिकारियों के साथ अमेरिका समर्थित तानाशाह फुलगेन्सियो बतिस्ता को उखाड़ फेंकने के अपने आंदोलन में सैंटियागो डी क्यूबा में मोंकाडा आर्मी बैरक पर हमला कर दिया था।

हालांकि ये हमले असफल रहे, इस तरह विद्रोहियों ने क्यूबा की क्रांति की शुरुआत माना और साम्राज्यवाद-विरोधी आंदोलन की नींव रखी जिसने अंततः 1 जनवरी 1959 को बतिस्ता की सैन्य तानाशाही को हरा दिया।

सुबह-सुबह, हमले होने के समय पर सीमित संख्या में नागरिकों ने सांता इफिगेनिया पैट्रिमोनियल कब्रिस्तान में इन हमलों के नायकों और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने उस मोनोलिथ के सामने माल्यार्पण किया जहां राष्ट्रीय नेताओं फिदेल कास्त्रो और जोस मार्टी के शव दफनाए गए थे।

सुबह के समय बाद में, स्मरणोत्सव के एक भाग के रूप में क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज़-कैनेल ने हवाना में ग्रासरुट बिजनेस यूनिट एम्प्रेसा एग्रोपेक्यूरिया मेट्रोपोलिटाना के यूईबी ग्रांजा बॉयरोस में सब्जियों की फसल की कटाई का समर्थन करने के लिए एक स्वैच्छिक कार्य के रुप इलाके के 100 छात्रों और श्रमिकों के साथ भाग लिया।

अपने ट्विटर अकाउंट पर उन्होंने क्रांतिकारी नेता फिदेल कास्त्रो को याद किया, इस ऐतिहासिक घटना की सालगिरह के मौके पर सभी नागरिकों को बधाई दी और जीत की इच्छा और क्यूबा के रचनात्मक कार्यों को सलाम किया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की एकजुटता के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया और शांति, कार्य और एकता के अपने आह्वान को दोहराया।

इसके अलावा, ग्लोबल"लेट क्यूबा लिव" अभियान के एक हिस्से के रूप में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लोग क्यूबा के नागरिकों, सरकार और क्रांति के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इकट्ठा हुए। क्यूबा पर अमेरिकी नाकेबंदी को तत्काल समाप्त करने की मांग करते हुए अंगोला, अर्जेंटीना, अजरबैजान, बारबाडोस, बेलारूस, बोलीविया, कोलंबिया, चिली, चीन, ग्वाटेमाला, इटली, मैक्सिको, रूस, स्पेन, यूके, यूएस, वेनेजुएला और वियतनाम जैसे देशों में रैलियां निकाली गई, कार्यक्रम, सम्मेलन और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए।

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