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राजनीति
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अमेरिका
क्यों USA द्वारा क्यूबा पर लगाए हुए प्रतिबंधों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं अमेरिकी नौजवान
एक युवा ब्राजीलियाई-अमेरिकी आयोजक गेब्रिएला सिल्वा, क्यूबा में यूथ ब्रिगेड में हिस्सा लेने के अपने अनुभव को बता रही हैं।
नताली मार्केज़
21 May 2022
USA
100 उत्तरी अमेरिकी युवाओं की ब्रिगेड अंतरराष्ट्रीय कामग़ार दिवस पर क्यूबा में जुलूस निकालती हुई।

क्यूबा एक द्वीपीय देश है, जहां 1959 में समाजवादी क्रांति हुई थी, जिसने अमेरिकी साम्राज्यवाद की श्रृंखला को तोड़ा था, जो 20वीं सदी की शुरुआत से ही देश में अपने पैर मजबूती से जमा चुका था। क्रांति के तुरंत बाद ही अमेरिका ने क्यूबा का ब्लॉकेड लगा दिया था, जो आज 60 साल बाद भी जारी है। अमेरिका में बढ़ते जनवादी आंदोलन ने व्यापक तौर पर इस ब्लॉकेड की आलोचना की है, जुलूस में निकलते हुए लोग नारे में कह रहे हैं, "क्यूबा को जीने दिया जाए"। हाल में बाइडेन प्रशासन ने घोषणा में कहा है कि अमेरिकी सरकार क्यूबा पर लगाए गए कुछ बेहद कड़े प्रतिबंधों को खत्म करेगी, जिसमें क्यूबा में परिवारों को अधिकतम एक हजार डॉलर तक ही भेज सकने का नियम भी शामिल है। 

गेब्रिएला सिल्वा युवा ब्राजीलियाई-अमेरिकी आयोजक और कलाकार हैं। वे न्यूयॉर्क राज्य के क्वीन्स में रहती हैं। एक आंदोलन नेतृत्वकर्ता के तौर पर उन्होंने कई जन आंदोलनों में हिस्सा लिया है, जैसे न्यूयॉर्क शहर में अभिजात्यकरण के खिलाफ़ संघर्ष, खासतौर पर क्वीन्स में प्रस्तावित अमेजन टेक मुख्यालय के खिलाफ़ संघर्ष। वे क्यूबा पर लगाए गए ब्लॉकेड और वेनेजुएला के ऊपर लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ़ चलने वाले आंदोलनों का हिस्सा भी रही हैं। सिल्वा, अमेरिका में महिला और एलजीबीटीक्यू आंदोलनों में भी सक्रिय रही हैं।

"पार्टी फॉर सोशलिज़्म एंड लिबरेशन" दल का हिस्सा रहते हुए सिल्वा ने "यूथ ब्रिगेड टू क्यूबा" में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने विशेष सत्र में क्यूबा के राष्ट्रपति से बात की। ब्रिगेड की राजनीतिक घोषणा यहां पढ़िए। सिल्वा ने यहां उन अनुभवों को साझा किया है और पीपल्स डिस्पैच से बातचीत में बताया है कि कैसे अमेरिका के आंदोलन क्यूबा से सीख ले सकते हैं?

पीपल्स डिस्पैच: क्यूबाई राष्ट्रपति के साथ सत्र में बातचीत करना कैसा लगा? आपने किस बारे में बातचीत की?

गेब्रिएला सिल्वा: पृष्ठभूमि के लिए बता दूं कि यह अंतरराष्ट्रीय एकजुटता की बैठक थी। वहां दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से आए प्रतिनिधि मंडल मौजूद थे, साथ में कई दूसरे क्यूबाई नेता भी आए हुए थे। पहले वहां उद्बोधन वक्तव्य हुआ, उसके बाद तीन अलग-अलग सत्र हुए: जनता के न्यायपूर्ण कार्यों के साथ एकजुटता; विश्व आर्थिक संकट, कोविड-19 और जीने का अधिकार; जनता के साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष में विविधता के बीच एकता।

मैं वहां हमारी ब्रिगेड- इंटरनेशनल पीपल्स असेंबली यूथ ब्रिगेड के छोटे से समूह के साथ थी। मैंने कोविड-19 के सत्र में जाने का फ़ैसला किया, क्योंकि जिस न्यूयॉर्क शहर मे रह रही थी, वह इसका केंद्र था। उसके भी भीतर, जिस हिस्से में मैं रहती थी, उस पर कोविड-19 का ज्यादा बुरा असर पड़ा था। क्वीन्स क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्रवासी समुदाय के लोग रहते हैं और हमारे कई पड़ोसियों को पहले मोर्चे पर काम करना पड़ रहा था। उनमें से कई लोग क्वारंटीन नहीं हो पाए थे और उन्हें बिना किसी सुरक्षा, बेहद कम वेतन, यहां तक कि बिना सरकारी मदद के ही कोविड महामारी में अपना गुजारा करना पड़ रहा था, क्योंकि उनमें से कई अपंजीकृत प्रवासी हैं। मैं सत्र में इसलिए जाना चाहती थी कि जान सकूं कि क्यूबा ने कोविड-19 से अपने लोगों को ब्लॉकेड के बावजूद कैसे बचाया।

क्यूबा में इंसानी जीवन को बचाने की प्रतिबद्धता और कैसे ब्लॉकेड के बावजूद क्यूबाई लोगों ने जरूरी सामग्री के निर्माण के तरीके निकाल लिए, यह देखकर मेरी आंखों में आंसू आ गए। हमने क्यूबा द्वारा बनाई गई तीन वैक्सीन के बारे में जाना, उनके पास अभी दो वैक्सीन और आनी हैं। हमने जाना कि कैसे क्यूबा ने अपने ज़्यादातर लोगों का टीकाकरण कर लिया है। 90 फ़ीसदी से ज़्यादा क्यूबाई लोगों का टीकाकरण हो चुका है। यहां तक कि 2 साल की उम्र तक के क्यूबाई बच्चों का टीकाकरण हो चुका है।

मेरे लिए वहां सबसे हैरानी भरी चीज अंतरराष्ट्रीय एकजुटता थी। आप इसे दवाईयों पर क्यूबा पर रवैये से समझ सकते हैं कि एकजुटता वह नहीं होती, जो आपके पास अतिरिक्त हो। एकजुटता का मतलब होता है, उस चीज को साझा कर लेना जो आपके पास मौजूद है, या कई बार आपके पास मौजूद तक नहीं है। ब्लॉकेड के चलते उपजीं इन सारी चुनौतियों के बावजूद क्यूबा पूरी दुनिया में मेडिकल ब्रिगेड भेज रहा था। क्यूबाई लोगों ने बताया कि कैसे उन्होंने वैक्सीन बनाने के लिए शोध की शुरुआत की, वे लोग दुनिया में हर उस जगह वैक्सीन का निर्यात करने के लिए तैयार थे, जहां भी वैक्सीन की जरूरत थी, वह भी बेहद कम कीमत पर और कई गरीब़ देशों के मामले में तो कोई भुगतान की मांग भी नहीं की जा रही थी। 

मेरे भाषण में, मैं यह दर्शाना चाहती थी कि; अमेरिका में लोग ब्लॉकेड के खिलाफ़ संघर्ष कर रहे हैं, मतलब अमेरिका में ऐसे लोग मौजूद हैं, जो क्रांति का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और तमाम पूंजीवादी प्रोपेगेंड के बावजूद; हम मानते हैं कि क्यूबा दुनिया के लिए एक उदाहरण है; अमेरिका में ऐसे लोग हैं, जो क्यूबा को मित्र मानते हैं और उसकी सुक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं; हम ऐसी कई और ब्रिगेडों के साथ क्यूबा जाएंगे, जहां उन्हें क्यूबाई लोगों से सीखने का मौका मिलेगा, जहां वो खुद देख सकेंगे कि समाजवाद कैसे काम करता है।

राष्ट्रपति ने अंतिम वक्तव्य दिया और उनके द्वारा कही गई एक बात मेरे दिमाग में बैठ गई; "आप एकजुटता को नहीं रोक सकते।" मुझे लगता है कि यह ब्रिगेड इस चीज की पुष्टि करती है। 


सवाल(People dispatch): आपने, बाकी की ब्रिगेड के साथ मिलकर हवाना में वार्षिक अंतरराष्ट्रीय कामगार दिवस में हिस्सा लिया था। वह कैसा जुलूस था और जुलूस में चल रहे लोगों का मिजाज कैसा था?

जीएस: वहां एक प्रसिद्ध नारा है: उच्च अनुशासन, उच्च नैतिकता। हम ब्रिगेड के तौर पर अपने दिन की शुरुआत करने के लिए अक्सर इस नारे को कहते थे। मुझे लगता है कि इसी नारे के हिसाब से क्यूबाई लोग जीते हैं। हम सुबह तीन बजे जुलूस के लिए उठ गए थे और हम जब तक वहां पहुंचते, लोग पहले ही जुलूस की पंक्तियां बनाने लगे थे। जब लोग तैयारी कर रहे थे, तब उजाले की किरण तक नहीं आई थी। लोग जश्न के मूड़ में थे। 

यह पूरी तरह एक ऐसा अनुभव था, जिसमें सभी पीढ़ियां शामिल थीं। लोग हाई स्कूल की यूनिफॉर्म में थे। वहां कामगार भी अपने यूनिफॉर्म में आए हुए थे, फिर वहां बुजुर्ग लोग भी मौजूद थे। ऐसा लग रहा था जैसे पूरा हवाना सड़कों पर आ गया है। जैसे ही जुलूस शुरु हुआ, वह बेहद खुशी देने वाला था। 

मैं बहुत खुश थी कि हमारी यात्रा की शुरुआत में ही इस जुलूस का आयोजन पड़ गया। क्योंकि हममें से कई ने बहुत सारे हैरान करने वाले दावे जुलूस के बारे में सुने थे, जैसे लोगों को कैसे इस जुलूस में आने के लिए जबरदस्ती तैयार किया जाता है, फिर कुछ दावों में कहा गया था कि मई दिवस और दूसरे प्रदर्शनों की तस्वीरें सहीं नहीं हैं, लेकिन यह सारी बातें खोखली थीं। हमने अपनी आंखों से देखा, हमने अपने कानों से सुना कि कैसे लोग मई दिवस पर सड़कों पर गहरे गर्व और बेहद खुशी के साथ जुलूस निकालते हैं।

पीडी: आपको क्या लगता है कि अमेरिकी आयोजकों को क्यूबाई लोगों से क्या सीखने की जरूरत है?

जीएस: ब्रिगेड में शामिल हम सभी लोगों को क्यूबा के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी थी, लेकिन हमने वहां जो देखा उससे हमारी आंखें खुली रह गईं, हमने देखा कि कैसे समाजवाद वहां व्यवहार में लाया जा रहा है और कैसे समाज के हर स्तर पर लोग समाजवादी योजनाओं में भागीदार बन रहे हैं।

वह ऐसा लोकतंत्र है, जैसा हमने कभी अमेरिका में महसूस ही नहीं किया। उदाहरण के लिए, लाखों आम लोग, आपके और मेरे जैसे यात्री नई परिवार संहिता पर विमर्श कर रहे हैं। यह पूरे देश में हो रहा है और वहां बेहद सक्रिय व उत्साही भागीदारी देखने को मिल रही है।

हम वहां एक नए समुदाय ला लीसा गए। इस इलाके के रहने वाले लोगों का इस समुदाय को बनाने में सीधी भूमिका है। सरकार ने इलाके के लोगों का सर्वे किया और उनसे पूछा कि वे अपने इलाके में क्या देखना चाहते हैं, तब समुदाय ने क्लीनिक की मांग की। तो एक क्लीनिक बना दिया गया। इसमें एक डॉक्टर और नर्स लाए गए, जो ब्लॉकेड द्वारा पैदा की गई चुनौतियों से जूझने के लिए सृजनात्मक तरीके खोज रहे हैं। 

यहां अमेरिका में हम जानते हैं कि कामग़ार वर्ग में हमारी समस्याओं के समाधान को लेकर कुछ समझ है। हममें से जो लोग आयोजक हैं, अक्सर हम कामग़ार वर्ग के लोगों से सीधे सुनते हैं कि उन्हें किस चीज की जरूरत है और वे अपने समुदाय में क्या चाहते हैं। लेकिन इस मांग से कुछ नतीज़ा हासिल करने के लिए उनके पास कोई जगह नहीं है।

हममें से कई यह जानते ही नहीं होंगे कि हम एक भूखंड पर हक जता सकते हैं और उसे किसी शहर खेत में बदल सकते हैं, या फिर हम किसी वीरान पड़ी इमारत पर दावा कर सकते हैं और उसे सुंदर बहुउद्देशीय कला केंद्र में बदल सकते हैं, जैसे हवाना में स्थित फैब्रिका डे आर्टे। वहां ऐसे कई अलग-अलग तरीके हैं, जिसमें कामगार वर्ग के लोग समाजवादी योजनाओं में सीधे हिस्सेदारी ले रहे हैं। 

क्रांति इतिहास में गुजर गया कोई पल नहीं होती। हमने वहां एक अभिव्यक्तियुक्त, सांस्कृतिक और प्रदर्शनकारी कला- मिस्टिका का प्रदर्शन किया। जिसका मक़सद क्रांतिकारी जोश को पैदा करना होता है। हमने वहां सांटा क्लारा में पेड़ लगाया और पेड़ लगाने के पहले हमने अलग-अलग उद्धरण पढ़े और उन्हें अपने पेड़ के साथ धूल में मिला दिया। एक उद्धरण जो मेरे भीतर अच्छी तरह से दर्ज हो गया, वह था, "क्रांति कभी खत्म ना होने वाला गाना है।" इस यात्रा से यह एक अहम सीख थी कि क्रांति इतिहास में गुजर गया कोई पल नहीं होता, यह ऐसी चीज होती है जिसे लोग सतत् बनाना जारी रखते हैं, हर एक दिन इसमें योगदान देते हैं।

पीडी: अमेरिका में लोगों को क्यूबा के ढांचे के बारे में बहुत गलत जानकारियां दी गई हैं। फिर ब्लॉकेड के चलते भी लोग सीधे यात्रा कर सीख नहीं पाते। आपको क्यों लगता है कि मास मीडिया और सरकार अमेरिका में लोगों को क्यूबा के बारे में जानने से रोकने के लिए इतना आतुर हैं?

जीएस: मुझे लगता है कि अमेरिकी सरकार जानती है कि अगर उत्तरी अमेरिका और दुनिया के बाकी हिस्से के लोग खुद ही क्यूबा में समाजवाद को देखने में कामयाब रहे तो उससे कितनी उथल-पुथल मचेगी। उस अनुभव को लेने के बाद लोग स्वाभाविक तौर पर क्यूबाई क्रांति का बचाव तो करेंगे ही, बल्कि खुद की समाजवादी क्रांति की तरफ भी काम करना शुरु कर देंगे, क्योंकि बुनियादी तौर पर हमारा वर्ग भी क्यूबा के लोगों की ही तरह की कई चीजें चाहता है।

हमें मुफ़्त आवास चाहिए। हमें मुफ़्त स्वास्थ्य सेवाएँ चाहिए। हमें मुफ़्त कॉलेज शिक्षा चाहिए। हमें स्वच्छ समुदाय चाहिए। हम पुलिस क्रूरता का खात्मा करना चाहते हैं। यह वह मांगें हैं जो अमेरिका और दुनिया के कामग़ार वर्ग की मांगें हैं, जबकि इन लोगों से इनकी पूंजीवादी सरकार हमेशा कहती आई है कि ऐसा नहीं हो सकता। जबकि क्यूबा हमें बता रहा है कि ऐसा हो सकता है। बल्कि आर्थिक प्रतिबंधों के बावजूद ऐसा हो सकता है। 

क्यूबाई लोगों का दिल, उनकी क्रांतिकारी सकारात्मकता, उनका जागरुकता का स्तर सबकुछ काफ़ी संक्रमणकारी है। यह अमेरिकी प्रभुत्व के लिए असली ख़तरा बन सकता है। इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि क्योंकि अमेरिका इस ब्लॉकेड को लगाने के लिए इतना प्रतिबद्ध है। 

बाइडेन प्रशासन भी क्यूबा को "समिट ऑफ अमेरिकाज़” में हिस्सा लेने से रोकने की कोशिश कर रहा है। अमेरिकी राज्यों का संगठन खुद समाजवाद और जनआंदोलनों से लड़ने के लिए बनाया गया था। यह अमेरिकी विदेश नीति का विस्तार है। हमारी सरकार क्यूबा को दूर रखने की बहुत कोशिश कर रही है, ताकि अमेरिकी लोगों को गलत जानकारी देना जारी रखा जा सके। 

हमारी मीडिया सरकार के प्रवक्ता की तरह बर्ताव करती है। मीडिया डर पैदा करती है, पागलपन पैदा करती है, यह साम्यवाद-विरोधी भावनाओं को तेज करने का काम करती है। हमने ना केवल क्यूबा के साथ ऐसा बर्ताव देखा है, बल्कि चीन, वेनेजुएला और ऐसे सभी देशों के साथ हमारे मीडिया का यह व्यवहार देखा है, जो अपनी समाजवादी परियोजनाओं के निर्माण और उनकी रक्षा करने के लिए मौका बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हमें अमेरिकी लोगों को बताने की जरूरत है कि हमें इस ब्लॉकेड से कुछ हासिल नहीं होगा। हमें बस कुछ नया सीखने का मौका गंवाएंगे और क्यूबा में होने वाले नवाचार से फायदा उठाने का मौका खोएंगे। 


पीडी: अमेरिका में कैसे सामाजिक कार्यकर्ता ब्लॉकेड के खिलाफ़ आंदोलन को मजबूत कर सकते हैं?

जीएस: हमारी सरकार ने ही ब्लॉकेड लगाया हुआ है। इस ब्लॉकेड को लगाने वालों को हम चुनते हैं। जैसा हम कई दूसरे आंदोलनों में कहते भी हैं कि हमें यह याद रखना चाहिए कि राजनेता हमारे लिए काम करते हैं। उन्हें हमारे हितों का प्रतिनिधित्व करना होता है, इसके बावजूद वे नहीं करते। 

इसलिए साल दर साल यह उन्हें अवैध बनाता जा रहा है। खासतौर पर उनके द्वारा उठाए गए नुकसानदेह कदमों के चलते, जिनसे वे लगातार कामग़ार वर्ग को नुकसान पहुंचाते हैं। अब इस क्यूबाई भाईचारे के काम के लिए सही समय है। महामारी में ज़्यादातर अमेरिकियों ने किसी ना किसी को खोया है, या नौकरी या घर खोया है। हम सभी को अपनी लापरवाह सरकार के चलते खोने का और दर्द का, बहुत प्रबल सामूहिक भाव है। और यह चीज इन राजनेताओं को जनता की नज़र में अवैध बनाना जारी रखेगी। तो इसलिए यह अमेरिका के लोगों को यह समझाने का बिल्कुल सही वक़्त है कि हमारे साथ स्थितियां ऐसी नहीं होनी चाहिए थीं।

पिछले साल इस ब्लॉकेड को खत्म करने की वकालत करने वाले हज़ारों लोग थे। इस साल मुझे लगता है कि यह संख्या लाखों में हो सकती है, क्योंकि हम युवा पीढ़ी के साथ इस आंदोलन को बनाने का काम शुरु कर चुके हैं। मेरा मतलब है कि इस ब्रिगेड में 19 साल की उम्र तक के युवा हैं। हमारी यात्रा के दौरान हमने ऐसे लोग देखे जो अलग-अलग देशों में पिछले 20, 30 या 40 साल से क्यूबाई एकजुटता का काम कर रहे हैं। वे अब हमें मशाल सौंप रहे हैं और हम पूरे मन से इसे ले रहे हैं और आगे ले जा रहे हैं।

साभार: पीपल्स डिस्पैच

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