NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu
image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
मिस्र: रिहाई के तुरंत बाद सामाजिक कार्यकर्ता को किया गिरफ़्तार
2011 में होसनी मुबारक की सत्ता के ख़िलाफ़ हुई बग़ावत में अला अब्दल फ़तह अहम नामों में से एक थे।
पीपल्स डिस्पैच
21 Feb 2020
Egypt

20 फरवरी को ईजिप्ट के अला अब्दल फ़तह समेत 2 अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं को एक कोर्ट ने रिहा किया था। जिसके तुरंत बाद पुलिस ने उन्हें काहिरा से दोबारा गिरफ़्तार कर लिया।

काहिरा के एक क्रिमिनल कोर्ट ने अला अब्दल फ़तह और दो अन्य कार्यकर्ताओं को रिहा करने का आदेश दिया। वे पिछले साल के सितंबर से बग़ैर इजाज़त प्रदर्शन करने के इल्ज़ाम में जेल में बंद थे। बाद में जब राजकीय उत्पीड़न सुरक्षा ने एक अपील दायर की तो कोर्ट ने अपना आदेश रद्द कर के इन्हें फिर से 45 दिनों की हिरासत में भेज दिया है।

38 साल के ब्लॉगर और सॉफ्टवेयर इंजीनियर अला अब्दल फ़तह 2011 में हुई बग़ावत का एक अहम चेहरा थे। इस बग़ावत को "अरब स्प्रिंग" के नाम से भी जाना जाता है जिसने होसनी मुबारक को इस्तीफ़ा देने प्पर मजबूर किया था और नए चुनाव के लिए रास्ते खोले थे। 

वह ईजिप्ट में सैन्य न्यायाधिकरणों के नागरिकों के प्रति व्यवहार के मुखर विरोधी रहे हैं। उन्होंने 2013 में सैन्य तख़्तापलट का भी विरोध किया था।

हालाँकि, 2013 में हुए तख़्तापलट और जनरल अब्दल फ़तह अल-सीसी के सत्ता में आने के बाद, अला अब्दल को बिना अनुमति के विरोध करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था और जेल में डाल दिया गया था। 5 साल की सज़ा काटने के बाद, उन्हें पिछले साल मार्च में रिहा किया गया और सितंबर में फिर से गिरफ़्तार किया गया। उनके वकील मोहम्मद बकर को भी गिरफ़्तार किया गया था।

मिडिल ईस्ट आइ के अनुसार, बक़र और अला अब्दल पर "ग़ैर-क़ानूनी संगठन में शामिल होने" , "विदेशी फ़ंड लेने" , और "सोशल मीडिया पर फ़ेक न्यूज़ फैलाने" के आरोप हैं।

सितंबर में उनकी गिरफ़्तारी के बाद से उन्हें काहिरा की जेल में बिना सुविधाओं के और अमानवीय स्थिति में रखा गया है।

सत्ता में आने के बाद से जनरल अब्दल फ़तह अल-सीसी ने कानून और व्यवस्था के अधिकांश संस्थानों के साथ राजनीतिक विरोधों पर भारी कार्रवाई शुरू कर दी है। 

अब हज़ारों कार्यकर्ताओं को जेलों में डाल दिया गया है। पिछले हफ़्ते एक्टिविस्ट पैट्रिक जॉर्ज ज़की को इसी तरह के आरोपों में तब गिरफ़्तार किया गया था जब वह अपने माता-पिता से मिलने गए थे।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

egypt
Hosni Mubarak
social workers
Socialist
Alaa Abdel Fattah

Trending

अर्नब प्रकरण पर चुप्पी क्यों?
'ज़मीन हमारी माँ है और यह लड़ाई उसके लिए है'
मध्यप्रदेश: महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध का लगातार बढ़ता ग्राफ़, बीस दिन में बलात्कार की पांच घटनाएं!
सांप्रदायिक दंगों के ज़रिये किसान आंदोलन से ध्यान भटकाने की कोशिश
शहरों को रहने लायक बनाने के लिए शहरीकरण पर राष्ट्रीय आयोग गठित करने की ज़रूरत
26 जनवरी परेड: एक तरफ़ जवान और एक तरफ़ किसान

Related Stories

MeToo
पीपल्स डिस्पैच
#MeToo आंदोलन के बाद दायर मामले में पहली बार ईजिप्ट में सज़ा का ऐलान
31 December 2020
काहिरा की अमेरिकन यूनिवर्सिटी के 22 वर्षीय पूर्व छात्र अहमद बासम ज़की को काहिरा आर्थिक न्यायालय ने यौन अपराधों के लिए मंगलवार 29 दिसंबर को दोषी ठहर
यूपी
गौरव गुलमोहर
यूपी: हिरासत, गिरफ़्तारी, नज़रबंदी के बाद भी बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे
09 December 2020
केंद्र की मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और यूपी समेत कई राज्यों के किसान आज 14वें दिन भी दिल्ली बार्डर पर डेरा जमाये बैठे
कोलंबिया
पीपल्स डिस्पैच
कोलंबिया में सामाजिक कार्यकर्ताओं की लगातार हो रही हत्या
08 December 2020
कोलंबिया में सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्या तेज़ी से हो रही है। क़रीब हर दिन कम से कम एक कम्यूनिटी लीडर, पर्यावरणविद्, भूमि रक्षक, मानवाधिकार कार्यक

Pagination

  • Next page ››

बाकी खबरें

  • बिलासपुर: एक और आश्रय गृह की महिला ने कर्मचारियों पर शारीरिक, मानसिक उत्पीड़न के लगाए आरोप
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिलासपुर: एक और आश्रय गृह की महिला ने कर्मचारियों पर शारीरिक, मानसिक उत्पीड़न के लगाए आरोप
    21 Jan 2021
    सरकारी अधिकारी ने बताया कि आश्रय स्थल को बंद कर दिया गया है और यहां रहने वाली महिलाओं को उनके घरों में या अन्य सरकारी आश्रय स्थलों में भेज दिया गया है।
  • राष्ट्रपति बाइडेन
    पीपल्स डिस्पैच
    राष्ट्रपति बाइडेन ने पहले ही दिन ट्रंप के कुछ महत्वपूर्ण  फ़ैसलों को पलटा
    21 Jan 2021
    उम्मीदों के विपरीत बाइडेन ने ईरान परमाणु समझौते में फिर से शामिल होने या यमन के युद्ध में अमेरिकी भूमिका को समाप्त करने की घोषणा नहीं की।
  • cartoon click
    आज का कार्टून
    ‘अर्नबगेट’ : कांग्रेस हुई हमलावर; बुरे फँसे अर्नब
    21 Jan 2021
    ‘‘गोपनीय जानकारी लीक करना एक आपराधिक कृत्य है। सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारी लीक करना राष्ट्र विरोधी कृत्य और राष्ट्रद्रोह है। इस तरह की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की जांच ज़रूरी है।’’
  • 'ज़मीन हमारी माँ है और यह लड़ाई उसके लिए है'
    न्यूज़क्लिक टीम
    'ज़मीन हमारी माँ है और यह लड़ाई उसके लिए है'
    21 Jan 2021
    90 वर्ष की आदिवासी महिला किसान झिला बाई महाराष्ट्र से शाहजहांपुर बॉर्डर आंदोलन में हिस्सा लेने 15 जनवरी को आयी थी. आखिर क्यों तय किया उन्होंने इस उम्र में इतना लम्बा सफ़र? आइये सुनते हैं
  • महेंद्र सिंह टिकैत और ऐतिहासिक बोट क्लब आंदोलन की याद दिलाते प्रदर्शनकारी किसान
    तारिक़ अनवर
    महेंद्र सिंह टिकैत और ऐतिहासिक बोट क्लब आंदोलन की याद दिलाते प्रदर्शनकारी किसान
    21 Jan 2021
    तीन दशक पहले अक्टूबर 1988 में सिसौली (मुजफ़्फ़रनगर में टिकैत के घर) से किये गये एक आह्वान पर पश्चिमी उत्तरप्रदेश के विभिन्न गांवों के तक़रीबन 5 लाख किसानों ने अपनी 35-सूत्री मांग-पत्रों को लेकर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें