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किसान नेताओं ने कहा- सरकार कृषि कानूनों की वापसी के लिए बुलाए संसद का विशेष सत्र

किसानों ने ऐलान किया है कि 3 दिसंबर को भोपाल गैस त्रासदी का दिन है, इस दिन पूरे देश में तीन नए कृषि कानूनों, सरकार और पूंजीपतियों के पुतले जलाकर विरोध किया जाएगा।
PC
image courtesy ;Tribune

किसान आंदोलन का सांतवा दिन पूरा हो गया है। किसानों ने दिल्ली के तीन बॉर्डर सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर घेरा डेरा डाला हुआ है। दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों की यूनियन ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की और साफ किया उनका आंदोलन तीनों कृषि कानूनों के पूर्ण रूप से वापसी के लिए है और जबतक यह नहीं होगा उनका आंदोलन जारी रहेगा।

कई किसान नेताओं ने सरकार पर किसानों के बीच फूट डालने का आरोप लगया। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि किसान संगठनों को बांट दिया जाए जिससे ये आंदोलन कमजोर हो जाए।

किसानों ने ऐलान किया किया कि 3 दिंसबर, जिस दिन सरकार ने उन्हें अगले दौर की बातचीत के लिए बुलाया है, इस दिन भोपाल गैस त्रासदी की बरसी भी है। इसलिए पूरे देश में सरकार और नए कृषि कानूनों के साथ पूंजीपतियों के पुतले जलाकर विरोध किया जाएगा। 5 दिसंबर को केंद्र सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। 7 दिसंबर को देश के सम्मानित लोग हमारे आंदोलन के समर्थन में अपने अवार्ड सरकार को वापस देंगे।

पंजाब के किसान नेता और क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शन पाल ने कहा कि हम सरकार को अपनी तरफ से सभी बिंदुओं को लिखकर भेज देंगे। सरकार उनको माने या न माने। हमारी मांग है कि सरकार सदन बुलाकर इन कानूनों को रद्द करे।

आपको बता दें कि मंगलवार, एक दिंसबर को सरकार ने किसान नेताओं से बातचीत की थी और कहा था कि आप लिखित में दीजिए की आपको किन बिन्दुओ पर आपत्ति है।

प्रदर्शनकारी किसानों के नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमारा संघर्ष जारी रहेगा। अगर सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तो हम दिल्ली की और सड़कों को अवरुद्ध करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि केरल ये यूपी तकराजस्थान से ओडिशा तक के किसानों ने बैठक कर कहा है कि हम इस संघर्ष को आगे लेकर जाएंगे। इसके साथ ही किसान नेता दर्शन पाल का कहना है कि राकेश टिकैत ने हमें आश्वासन दिया है कि वो हमारे साथ हैं। जो फ़ैसला लेंगे उसके साथ हैं।

हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानेंगी तो हम और कदम उठाएंगे। आगे उन्होंने कहा कि जिस तरह सेना और पुलिस के लोग उनका समर्थन कर रहे हैं वो सरकार के लिए खतरे की घंटी है।  

सिंघु बॉर्डर पर किसानों के लिए खाना लेकर पहुंचे छात्र

दिल्ली (भाषा): पिछले सात दिन से दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन् कर रहे किसानों के लिए बुधवार को हरियाणा के सोनीपत जिले से करीब 20 किशोर झोले में खाने-पीने का सामान लेकर पहुंचे।

खाने-पीने का सामान लाने वालों में अधिकतर स्कूली छात्र थे। इनमें 14 वर्षीय रोहित धांडी भी शामिल था जो 10 वीं कक्षा में पढ़ता है और दो ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने के बाद सिंघु बॉर्डर प्रदर्शन कर रहे किसानों को खाना पहुंचाने के लिए आया।

उसने कहा, ‘‘हम सभी किसान परिवार से आते हैं और इसलिए उनकी भावनाओं को समझते हैं। हम प्रदर्शनकारियों को बांटने के लिए खाने का सामान लेकर पहुंचे हैं।’’

अन्य किशोर 14 वर्षीय अंकुश सरोहा ने कहा, ‘‘हमारे पास लस्सीरोटीसब्जीमिठाईयांपुरीफलपानी आदि है। यह पहला दिन है जब हम आए हैं और आगे भी आना चाहते हैं।’’

दवा की दुकान चलाने वाले 20 वर्षीय संदीप दहिया ने कहा कि उनका परिवार भी प्रदर्शन का समर्थन कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपने परिवारों से अनुमति ली और वे बहुत सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने हमसे नहीं पूछा क्यों यह कर रहे हो बल्कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों के लिए खाने के पैकेट तैयार करने में मदद की। हम यहां जरूरी सामान बांट रहे हैं।’’

 

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