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ग्रेटर नोएडा में किसानों का धरना 57वें दिन भी रहा जारी, लगातार बढ़ रहा समर्थन

किसान सभा द्वारा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के विरुद्ध चलाए जा रहे धरने के आज 56वें दिन किसान सभा के लोगों ने धरनास्थल पर ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस प्रशासन के कार्यों की निंदा करते हुए आंदोलन को तेज करने का प्रस्ताव पारित किया।
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पिछले 56 दिनों से उत्तर प्रदेश के किसान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ख़िलाफ़ उनके मुख्यलय के सामने दिन रात का धरना लगाए हुए है। यह धरना अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में आज मंगलवार 20 जून को भी जारी है। किसान सभा द्वारा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के विरुद्ध चलाए जा रहे धरने के आज 56वें दिन किसान सभा के लोगों ने धरनास्थल पर ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस प्रशासन के कार्यों की निंदा करते हुए आंदोलन को तेज करने का प्रस्ताव पारित किया।

सोमवार को राष्ट्रीय लोक दल का प्रतिनिधिमंडल भी धरनास्थल पर पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय महासचिव सुखबीर गठिना, हस्तिनापुर क्षेत्र के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह चेयरमैन, विधायक दल के नेता विधायक राजपाल बालियान, खतौली से विधायक मदन भैया, छपरौली से विधायक डॉ अजय कुमार, मेरठ मंडल के अध्यक्ष इंद्रवीर भाटी, वरिष्ठ नेता अजीत दौला, जिला अध्यक्ष जनार्दन भाटी सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता भी पहुंचे।

मदन भैया ने कहा, "हम धरना स्थल पर पहुंचने से पूर्व पुलिस कमिश्नर से भी मुलाकात करके आए हैं और उन्होंने हमें आश्वस्त किया है कि जल्द ही जेल में बंद किसानों को बिना शर्त रिहा कर दिया जाएगा और बाद में जिन लोगों पर मुकदमे हुए हैं उनमें कोई कार्यवाही नहीं होगी। क्षेत्र के किसानों की यह पीड़ा वर्षों से लंबित है और प्राधिकरण ने यहां के किसानों के साथ धोखा किया है हम किसानों की समस्याओं को सदन में उठाने का कार्य भी करेंगे और साथ ही साथ अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी जी को रिपोर्ट सौंपेंगे तथा उन्हें धरनारत किसानों के मध्य जल्द से जल्द लाने का कार्य करेंगे।"

उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय लोक दल पार्टी किसान,मजदूरों की हितैषी पार्टी है अगर प्रदेश में कहीं भी किसानों के साथ कोई समस्या होती है तो हमारे नेता जयंत चौधरी जी उनके मध्य पहुंचकर उनकी समस्या का निराकरण कराने का प्रयास करते हैं अभी वह विदेश में है जैसे ही वह लौटेंगे हम उन्हे किसानों के मध्य लेकर आएंगे।"

प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान सभा के महासचिव हरेंद्र खारी ने बताया कि पुलिस का कार्य निंदनीय है वह लोगों में भय व्याप्त कर धरने को समाप्त करना चाहती है।

उन्होंने कहा, "पुलिस ने हमारे निर्दोष किसानों को जेल में बंद किया हुआ है और लोगों को गांव गांव जाकर मुचलके देने का कार्य कर रही है फर्जी मुकदमे लगाए जा रहे हैं धरना स्थल से जो हमारा सामान ज़ब्त किया था अभी तक हमको लौटाया नहीं गया है पुलिस को समझना चाहिए कि हमारी लड़ाई प्राधिकरण से है उन्हें किसानों को न्याय दिलाने के लिए कार्य करना चाहिए ना कि प्राधिकरण के पक्ष में खड़े होकर किसानों का अहित करना चाहिए।"

जगबीर नंबरदार ने बताया, "किसानों की समस्याओं का निराकरण प्राधिकरण और सरकार से ही संभव है। पुलिस बेवजह लोगों को परेशान कर रही है जो कि उचित नहीं है। किसान पिछले 56 दिनों से शांति पूर्वक अपने धरने को चला रहे हैं उसके बावजूद उन्हें परेशान किया जा रहा है, उनके घर वालों को परेशान किया जा रहा है जबकि किसान का रवैया हमेशा से सहयोगात्मक रहा है। उन्होंने कभी भी वार्ता का दौर बंद नहीं किया सत्ता के प्रतिनिधियों को आगे बढ़कर किसानों की समस्याओं का निवारण करना चाहिए।"

आपको बता दें धरने के 43वें दिन 6 जून को किसानों के डेरा डालो आंदोलन के बाद, देर शाम पुलिस द्वारा किसानों को बलपूर्वक धरनास्थल से उठाकर 33 लोगों को जेल भेज दिये जाने के कुछ घंटो बाद ही महिलाओं की मजबूत अगुवाई में सैकड़ों की संख्या में किसानों ने फिर से धरना स्थल अपने कब्जे में ले लिया था। पुलिस प्रशासन ने जो सोचा था उसके विपरीत यह आंदोलन अपने अगुवा नेताओं को गिरफ्तारी के बाद और मजबूत हो गया है। यह किसान 10 प्रतिशत भूखंड, भूमिहीनों को 40 वर्ग मीटर‌ प्लाट, सर्किल रेट के चार गुना मुआवजे, आबादी की लीज बैक, रोजगार, पुनर्वास आदि मुद्दों पर आंदोलन कर रहे हैं।

किसानों के इस आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा का भी समर्थन है। किसान नेताओं की गिरफ्तारी के बाद किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संयुक्त किसान मोर्चा के नेता, हनन मोल्लाह गौतमबुद्ध नगर जिला कारागार में जेल में बंद किसान नेताओ से मिले और वहाँ से लौट कर धरना स्थल पर चल रही जन सभा को संबोधित किया था। 

उन्होंने कहा कि पुलिस ने पुलिस लाईन के भीतर किसान महिला-पुरुषों पर लाठियाँ चलाकार जो अपराध किया है वह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि इससे आंदोलन खत्म नहीं होगा बल्कि और मजबूत होगा।

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