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हाउथी और सरकार समर्थक सैनिकों के बीच यमन के मारिब में लड़ाई तेज़

मारिब और इसके आसपास का तेल क्षेत्र देश के उत्तर में सऊदी समर्थित यमनी सरकार के नियंत्रण में अभी भी अंतिम महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिसके अधिकांश क्षेत्रों पर हाउथी का नियंत्रण है।
हाउथी और सरकार समर्थक सैनिकों के बीच यमन के मारिब में लड़ाई तेज़

मिडिल ईस्ट आई की 25 अप्रैल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हाउथी द्वारा यमनी शहर मारिब पर नियंत्रण बढ़ाने के क्रम में यमन में विद्रोही हाउथी मिलिशिया और सऊदी और पश्चिम समर्थित गठबंधन सेना के बीच लड़ाई में लगभग 65 लड़ाके मारे गए हैं।

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि निरंतर तेज लड़ाई और हिंसा से इस क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों का बड़े पैमाने पर विस्थापन हो सकता है और अन्य परेशानियों का सामना कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनसीएचआर) के अनुसार 2021 की शुरुआत से ही 13,600 यमनी नागरिक (2,272 परिवार) विस्थापित हो चुके हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक हाउथी ने उत्तरपश्चिम में कसार युद्ध क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण कर लिया है और पश्चिमी रेखा पर भी आगे बढा है। मारिब से करीब छह किलोमीटर दूर स्थित अल मिल क्षेत्र और इसके शहरी व आबादी वाले क्षेत्रों की ओर ये लड़ाई मुड़ गई है।

मारिब देश के उत्तर में राष्ट्रपति अब्दु रब्बू मंसूर हादी की यमनी सरकार का अंतिम शेष गढ़ है जो आसपास के तेल क्षेत्रों के कारण रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। मारिब देश के अन्य हिस्सों से लगभग 1 मिलियन आंतरिक रूप से विस्थापित यमनियों का निवास स्थल है जिन्हें वहां शरण लेने के लिए मजबूर किया गया है।

यमनी सरकार के मिलिट्री अटॉर्नी जनरल मेजर जनरल अब्दुल्ला अल-हदीरी मारे गए उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें मारिब शहर के पश्चिम में अल-मसजाह में मारा गया था। अल-हदीरी को "ईरान और लेबनान के हिजबुल्लाह की निगरानी में एक सशस्त्र आतंकवादी संगठन बनाने और गुप्त रुप से विद्रोह के लिए" शीर्ष हाउथी नेता अब्दुल्ला अल हाउथी और 174 अन्य हाउथी सदस्यों से मिलने के लिए जाना जाता है। ईरान और हिजबुल्ला ने यमन में हस्तक्षेप से लगातार इनकार किया है।

युद्ध में हताहतों की संख्या में इजाफा करते हुए यूएनएचआरसी ने उन नागरिकों की संख्या पर विशेष चिंता व्यक्त की है जो इस गोलीबारी की चपेट में आ रहे हैं और अपनी जान गंवा रहे हैं। यूएन का कहना है कि मार्च के महीने में 40 नागरिकों की मौत हुई थी जिनमें विस्थापित परिवारों के लिए अस्थायी बस्तियों में से 13 शामिल लोग थे। ये आंकड़ा 2018 के बाद से मारिब में एक महीने में सबसे ज्यादा है।

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