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सरकार ने बताया, 38 हजार स्कूलों में शौचालयों की सुविधा नहीं

देश में 2014 से स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है लेकिन 2021 में सरकार राज्यसभा में बता रही है कि देश भर में 38,408 स्कूलों और 2,86,310 आंगनवाड़ी केंद्रों में शौचालय चालू स्थिति में नहीं हैं।
toilet shortage
Image courtesy : Deccan Herald

एक तरफ़ देश में स्वच्छ भारत अभियान का शोर है। 2014 से पीएम स्वच्छ भारत अभियान के तहत घर-घर शौचालय बनवाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ़ सरकार बता रही है कि 38 हज़ार स्कूलों में शौचालय की सुविधा नहीं है।  

सरकार ने सोमवार को कहा कि देश भर में 38,408 स्कूलों और 2,86,310 आंगनवाड़ी केंद्रों में शौचालय चालू स्थिति में नहीं हैं।

जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश भर के 2,85,103 स्कूलों में हाथ धोने की सुविधा नहीं है।

उन्होंने कहा कि 6,50,481 स्कूलों में पेयजल के स्रोत हैंडपंप हैं जबकि 61,627 स्कूलों में पेयजल के स्रोत असंरक्षित कुएं हैं। उन्होंने कहा कि 82,708 स्कूल पेयजल के लिए संरक्षित कुओं पर निर्भर हैं। इसके अलावा 4,15,102 स्कूलों में पेयजल नल जल से मिलता है।

मंत्री ने बताया कि जिन 2,86,310 आंगनवाड़ी केंद्रों में शौचालय की सुविधा नहीं है, उनमें 53,496 ऐसे केंद्र महाराष्ट्र में हैं जबकि ओडिशा में 40,444, राजस्थान में 29098 और असम में 22,819 ऐसे केंद्र हैं।

उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि जल जीवन मिशन अगस्त 2019 में शुरू किया गया था और तब से 5.37 करोड़ घरों में नल से पानी के कनेक्शन दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मिशन के शुरू होने से पहले कुल 18.93 करोड़ घरों में से 3.23 करोड़ यानी 17 प्रतिशत घरों में नल से पानी के कनेक्शन थे।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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