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न्यूज़क्लिक पर सरकारी छापेमारी : हम ख़ामोश नहीं होंगे

यह सरकार की जनविरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ उठ रही आवाज़ों को दबाने की एक और कोशिश है।
न्यूज़क्लिक पर सरकारी छापेमारी
प्रतीकात्मक तस्वीर। साभार : फ़्री प्रेस जर्नल

9 फ़रवरी 2021 की सुबह से प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के अधिकारी न्यूज़क्लिक के दफ़्तर और निदेशकों के घरों पर छापेमारी कर रहे हैं। मीडिया के मुताबिक़ वह कथित आर्थिक गड़बड़ियों की जांच कर रहे हैं। ख़बर लिखने के समय तक छापेमारी को क़रीब 30 घंटे हो चुके हैं।

मीडिया रिपोर्टों में अधिकारियों की तरफ़ से यह बात सामने आई है कि न्यूज़क्लिक ने कथित तौर पर विदेशों से आई फ़ंडिंग में "मनी लॉन्ड्रिंग" की है। छापेमारी के दौरान, न्यूज़क्लिक ने पूरी तरह से अधिकारियों का सहयोग किया है, और आगे भी करता रहेगा। अगर ईडी और सरकार अपने काम को लेकर ईमानदार हैं, और क़ानूनी प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन करते हैं, तो उन्हें कोई भी ग़लत चीज़ नहीं मिलेगी और यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना यहीं ख़त्म हो जाएगी। न्यूज़क्लिक के पास कुछ छुपाने को नहीं है।

मौजूदा सरकार ने अब एक आदत बना ली है, कि जो भी उनसे असहमत हो, या उनकी आलोचना करे, उसके पास सरकारी एजेंसियों को भेजा जाए। इससे पहले भी, सरकार की तरफ़ से इनकम टैक्स विभाग, प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई और एनआईए जैसी अलग-अलग केन्द्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विभिन्न लोगों के ख़िलाफ़ चुनिंदा रूप से किया गया है - जिसमें पत्रकारों से लेकर राजनेता, और किसान नेता तक शामिल हैं। सरकार के पास उपलब्ध सभी क़ानूनी साधनों को ऐसी राजनीतिक रूप से प्रेरित कार्रवाइयों के लिए तैनात कर दिया गया है, जिनमें राजद्रोह, मानहानि, सद्भाव को नुकसान पहुंचाना, शांति भंग करना, जैसी आरोप लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा भारतीय दंड संहिता के तहत, और अन्य कानूनों जैसे डिज़ास्टर मैनेजमेंट एक्ट, क्रूर ग़ैर क़ानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और अन्य क़ानूनों के तहत मामले दर्ज किए जा रहे हैं।

न्यूज़क्लिक पर हो रही यह छापेमारी भी इसी से प्रेरित नज़र आ रही है, और इसका मक़सद भी वही लगता है: कि ऐसी प्रतिहिंसात्मक कार्रवाइयों के ज़रिये एक आज़ाद और प्रगतिशील आवाज़ को दबाने की कोशिश हो रही है।

इस दौरान, न्यूज़क्लिक देश और दुनिया में हाशिये पर रह रहे उन लोगों की अनसुनी और अनदेखी आवाज़ को फैलाता रहेगा, जो एक सम्मानजनक जीवन गुज़ारने के लिए संघर्षरत हैं। आंदोलन और प्रगतिशील विचारों को दबाने की इस छापेमारी जैसी कोशिशों से न्याय के साथ खड़े लोगों के रास्ते में कोई बाधा नहीं आएगी।

देश और दुनिया भर से न्यूज़क्लिक को समर्थन मिल रहा है, इसके लिए न्यूज़क्लिक शुक्रगुज़ार है।

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