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आईओए चुनाव : आधिकारिक रूप से पहली महिला अध्यक्ष बनेंगी पीटी उषा

वह आईओए के 95 वर्ष के इतिहास में अध्यक्ष पद पर क़ाबिज़ होने वाली पहली ओलंपियन और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता होंगी। बाईस साल पहले खेल को अलविदा कहने से पहले वह ट्रैक और फ़ील्ड में भारत के लिए अनगिनत पदक जीत चुकी हैं।
PT Usha
फ़ोटो साभार: पीटीआई

महान धाविका पी टी उषा शनिवार को भारतीय ओलंपिक संघ के चुनाव में आधिकारिक रूप से पहली महिला अध्यक्ष बन जाएंगी जिससे देश में खेल प्रशासन में नये अध्याय की शुरूआत होगी।

वह आईओए के 95 वर्ष के इतिहास में अध्यक्ष पद पर क़ाबिज़ होने वाली पहली ओलंपियन और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता होंगी। बाईस साल पहले खेल को अलविदा कहने से पहले वह ट्रैक और फ़ील्ड में भारत के लिए अनगिनत पदक जीत चुकी हैं।

एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता और लॉस एंजिलिस ओलंपिक 1984 में चौथे स्थान पर रही उषा आईओए अध्यक्ष पद के लिए निर्विरोध चुनी जाएंगी। चुनाव उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायाधीश (सेवानिवृत) एल नागेश्वर राव की निगरानी में हो रहे हैं।

उषा के अध्यक्ष बनने के साथ ही गुटबाजी के शिकार आईओए में संकट का भी अंत हो जाएगा। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने चेताया था कि अगर चुनाव इस महीने नहीं कराए गए तो आईओए को निलंबित किया जा सकता है।

संयुक्त सचिव (महिला) और कार्यकारी परिषद के चार सामान्य सदस्यों के लिए चुनाव होगा जिसके लिये 77 मतदाता अपना वोट डालेंगे।

भारतीय बैडमिंटन संघ की अलकनंदा अशोक और भारतीय नेटबॉल महासंघ की सुमन कौशिक पद की दौड़ में हैं। वहीं कार्यकारी परिषद के चार पदों के लिए आठ उम्मीदवार दौड़ में हैं। इनमें अमिताभ शर्मा, भूपेंदर सिंह बाजवा, साइरस पोंचा, हरजिंदर सिंह, हरपाल सिंह, परमिंदर सिंह ढींढसा, रोहित राजपाल और विट्ठल शिरगांवकर शामिल हैं।

उषा के लिए यह बिल्कुल नई ज़िम्मेदारी होगी क्योंकि वह पहले प्रशासन का हिस्सा नहीं रही है। वह फ़िलहाल भारतीय एथलेटिक्स महसंघ की जूनियर चयन समिति की अध्यक्ष हैं। इसके अलावा सरकार द्वारा गठित विभिन्न पुरस्कार समितियों की सदस्य रह चुकी हैं।

‘पायोली एक्सप्रेस’ के नाम से मशहूर उषा को सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार माना जा रहा है जिसने उन्हें जुलाई में राज्यसभा सदस्य नामित किया था।

एशियाई खेल 1982 से 1994 के बीच में चार स्वर्ण समेत 11 पदक जीत चुकी उषा ने 1986 सियोल एशियाई खेलों में 200 मीटर, 400 मीटर, 400 मीटर बाधा दौड़ और चार गुणा 400 मीटर रिले में स्वर्ण और 100 मीटर में रजत पदक जीते थे।

दिल्ली एशियाई खेल 1982 में उन्होंने 100 मीटर और 200 मीटर में पदक जीते थे। इसके अलावा उन्होंने एशियाई चैम्पियनशिप में 14 स्वर्ण समेत 23 पदक जीते हैं।

वह लॉस एंजिलिस ओलंपिक 1984 में 400 मीटर बाधा दौड़ फ़ाइनल में रोमानिया की क्रिस्टीना कोजोकारू से एक सेकंड के सौंवे हिस्से के अंतर से कांस्य पदक हार गई थी।

उषा महाराजा यादविंद्र सिंह के बाद आईओए अध्यक्ष बनने वाली पहली खिलाड़ी होंगी जिसने देश का प्रतिनिधित्व किया है। यादविंद्र सिंह ने 1934 में टेस्ट मैच खेला था जो 1938 से 1960 के बीच आईओए अध्यक्ष रहे।

भारतीय राष्ट्रीय राइफ़ल संघ के अजय पटेल सीनियर उपाध्यक्ष पद पर निर्विरोध चुने जायेंगे। ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज़ गगन नांग और भारतीय नौकायन महासंघ की अध्यक्ष राजलक्ष्मी सिंह देव उपाध्यक्ष बनेंगे।

भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव कोषाध्यक्ष बनेंगे क्योंकि इस पद के लिये वह अकेले उम्मीदवार हैं। अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ के अध्यक्ष और पूर्व गोलकीपर कल्याण चौबे संयुक्त सचिव (पुरूष) बनेंगे।

ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त और तीरंदाज़ डोला बनर्जी कार्यकारी परिषद में आठ उत्कृष्ट खिलाड़ियों की समिति के प्रतिनिधि होंगे।

चुनाव में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्व सरमा और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह भी मतदान करेंगे। इनके अलावा साक्षी मलिक, पी वी सिंधू, एम एम सोमैया, अखिल कुमार, उषा, गगन नारंग और योगेश्वर भी अपना वोट डालेंगे।

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