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सीएम योगी के यूपी में क़ानून-व्यवस्था संबंधी दावों की पड़ताल

इन दावों की पड़ताल के लिए हमें कई पहलुओं को देखना होगा। सबसे पहले देखना होगा कि क्या उत्तर प्रदेश में पर्याप्त पुलिस बल है? पुलिस बल की कार्यशैली की क्या स्थिति है? कस्टोडियल डैथ कितनी है? कितने एनकाउंटर हुए हैं? उत्तर प्रदेश में अपराध के आंकड़े क्या हैं?
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 अगस्त को लखनऊ से पुलिस विभाग के 144 आवासीय/अनावासीय भवनों का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया। इस मौके पर बोलते हुए उन्होंने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था, अपराधीकरण और पुलिस बल के बारे में कई दावे किये। उन्होंने बोलते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग के पास संसाधनों की कमी नहीं है और पुलिस कर्मियों की भी कमी नहीं है। उन्होने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में पुलिस कर्मियों की संख्या लगभग दोगुनी हुई है। महिला सुरक्षा पर बोलते हुए एक उदाहरण के माध्यम से कहा कि सीबीएससी टॉपर ने मीडिया को बताया कि अब कोई डर नहीं है, बेझिझक बाहर जा सकते हैं, बाज़ार जा सकते हैं, स्कूल जा सकते हैं, कहीं भी जा सकते हैं अब कोई डर नहीं है। मात्र इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने दावा किया कि कानून-व्यवस्था के संदर्भ में उत्तर प्रदेश मॉडल देश में उदाहरण बन रहा है।

लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया कि वो ये दावे किस आधार पर कर रहे हैं? क्या सचमुच उत्तर प्रदेश में पर्याप्त पुलिस बल है? क्या उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध कम हुए हैं? क्या सचमुच उत्तर प्रदेश मॉडल देश में एक उदाहरण है? आइये, पड़ताल करते हैं।

इन दावों की पड़ताल के लिए हमें कई पहलूओं को देखना होगा। सबसे पहले देखना होगा कि क्या उत्तर प्रदेश में पर्याप्त पुलिस बल है? पुलिस बल की कार्यशैली की क्या स्थिति है? कस्टोडियल डैथ कितनी है? कितने एनकाउंटर हुए हैं? उत्तर प्रदेश में अपराध के आंकड़े क्या हैं? 

उत्तर प्रदेश में पुलिस कर्मियों की संख्या

पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के अनुसार उत्तर प्रदेश में पुलिसबल के कुल 4,15,315 सैक्शंड पद है जिनमें से 1,11,865 पद खाली पड़े हैं। देश मे पुलिसबल के सबसे ज्यादा पद उत्तर प्रदेश में खाली पड़े हैं। हालांकि ये आंकड़ा पूरी स्थिति स्पष्ट कर दे रहा है लेकिन इसे दूसरे तरीके से भी समझते हैं। हम जनसंख्या और एरिया को आधार बनाते हैं और पता लगाते हैं कि प्रति लाख जनसंख्या पर कितने पद सैंक्शंड हैं और कितने भरे गये है? एक सौ वर्ग किलोमीटर एरिया पर कितने पुलिसकर्मियों के पद सैंक्शंड हैं और कितने भरे गये हैं? 

उत्तर प्रदेश में प्रति लाख जनसंख्या पर 183.19 पुलिस कर्मियों के पद सैंक्शंड हैं जबकि वास्तव में उत्तर प्रदेश में प्रति लाख जनसंख्या पर मात्र 133.85 पुलिसकर्मी  ही कार्यरत हैं। प्रति एक सौ वर्ग किलोमीटर पर 172.33 पुलिस कर्मियों के पद सैक्शंड हैं जबकि वास्तव में मात्र 125.92 पुलिसकर्मी प्रति एक सौ वर्ग किलोमीटर कार्यरत हैं। गृह राज्य मंत्री किशन रेड्डी ने एक सवाल के जवाब में राज्यसभा में भी बताया है कि उत्तर प्रदेश में प्रति लाख जनसंख्या पर 183.19 पद सैंक्शंड हैं और वास्तव में 133.85 पुलिसकर्मी ही कार्यरत हैं। ये आंकड़े स्पष्ट कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों की संख्या दोगुना करने का दावा भ्रामक है।

एनकाउंटर और पुलिस कस्टडी में मौत

पुलिस कस्टडी में मौत के मामले में उत्तर प्रदेश देश के पहले सात राज्यों में शामिल हैं। वर्ष 2019 से 2022 तक उत्तर प्रदेश में पुलिस कस्टडी में 20 मौत हुई हैं। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने 6 अप्रैल 2022 को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में ये जानकारी दी है। अगर एनकाउंटर की बात करें तो यूपी में वर्ष 2017 में 44 केस, 2018 में 22 केस, 2019 में 26 केस, 2020 में 16 केस और 2021 में एनकाउंटर के 9 केस दर्ज़ किये गये हैं। यानी उत्तर प्रदेश में पिछले पांच साल में 117 एनकाउंटर हुए हैं। यानी लगभग दो एनकाउंटर हर महीने। 

उत्तर प्रदेश में अपराध की स्थिति

हमें ये भी देखना होगा कि उत्तर प्रदेश में अपराध के आंकड़े क्या हैं? क्या सचमुच अपराध के आंकड़ों में कुछ कमी आई है जिससे लोगों में सुरक्षा की भावना में बढ़ोतरी हुई है और डर ख़त्म हो गया है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 में कुल 3,42,355 अपराधिक मामले दर्ज किये गये थे, वर्ष 2019 में 3,53,131 और वर्ष 2020 में कुल 3,55,110 अपराधिक मामले दर्ज़ किय गये हैं। हम आंकड़ों में स्पष्ट तौर पर देख सकते हैं कि अपराध की संख्या में कमी नहीं बल्कि साल दर साल लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2018 में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के कुल 59,445 मामले दर्ज़ किए गये थे और वर्ष 2020 में 49,385 मामले दर्ज़ किये गये। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के मामलों में कुछ कमी देखने को मिलती है लेकिन ये नहीं भूलना चाहिये कि उत्तर प्रदेश अभी महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में देश में नंबर वन पर है।

उपरोक्त तमाम आंकड़े बता रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में कुल मिलाकर अपराध और पुलिसबल की क्या स्थिति है। ये आंकड़े स्पष्ट कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में पर्याप्त पुलिसबल, महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था का यूपी मॉडल देश में उदहारण बन रहा हैं संबंधी योगी आदित्यनाथ के दावे सही नहीं हैं, भ्रामक हैं।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं।)

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