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केरल सरकार जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए मंदिरों के आस-पास हरियाली बढ़ाएगी

भाषा |
परियोजना में मंदिरों के परित्यक्त कुंडों का जीर्णोद्धार कर जल संसाधनों के संरक्षण और राज्य में वनों के संरक्षण की भी परिकल्पना की गई है।

Vijayan
PTI

केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में जलवायु परिवर्तन और इसके नकारात्मक असर से निपटने के लिए मंदिरों के आस-पास हरियाली बढ़ाने का फैसला किया है।

केरल सरकार ने अपने नियंत्रण वाले पांच देवस्वओम बोर्ड द्वारा संचालित 3,800 से अधिक मंदिरों के हरित आवरण में सुधार के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है।

परियोजना में मंदिरों के परित्यक्त कुंडों का जीर्णोद्धार कर जल संसाधनों के संरक्षण और राज्य में वनों के संरक्षण की भी परिकल्पना की गई है।

‘देवनकनम चारुहरितम’ (भगवान के सुंदर हरे-भरे निवास) परियोजना को देवस्वओम बोर्ड द्वारा संचालित 3,800 से अधिक मंदिरों में लागू किया जाएगा।

राज्य के देवस्वओम मंत्री के. राधाकृष्णन ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पांच जून को यहां त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) के मुख्यालय परिसर में पौधारोपण कर परियोजना की शुरुआत की थी।

त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड के अध्यक्ष के. अनंतगोपन ने कहा कि इस संबंध में एक आदेश जारी किया गया है और राज्य में सभी देवस्वओम बोर्ड को प्रसारित किया गया है।

अनंतगोपन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘केरल में देवस्वओम बोर्ड के अंतर्गत ऐसे कई मंदिर हैं जिनके पास विशाल जमीन है। इसलिए इन जमीनों में वृक्ष लगाने का हमारा विचार है ताकि हम हरित आवरण को बढ़ा सकें।’’

उन्होंने कहा कि मंदिरों में विभिन्न फूलों के पौधे और फलदार वृक्ष लगाए जाएंगे ताकि मंदिर के दैनिक उपयोग के लिए इनसे फूल और फल प्राप्त हो सकें और मंदिरों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिले।

कई मंदिरों का प्रबंधन करने वाले टीडीबी ने तिरुवनंतपुरम से लेकर एर्णाकुलम तक सभी जिलों के मंदिरों के अपने सहायक आयुक्तों को जीर्ण अवस्था में मौजूद मंदिरों में स्थित कुंडों के बारे में आंकड़ा एकत्रित करने के लिए कहा है।

अनंतगोपन ने कहा, ‘‘मंदिरों में स्थित कुंड कई इलाकों में पानी का मुख्य स्त्रोत होते हैं। इसलिए सरकार की वित्तीय सहायता से इन कुंडों का जीर्णोद्धार और संरक्षण किया जाएगा।’’
    

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