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बिहार: छापों के बीच महागठबंधन ने पास किया शक्ति परीक्षण

ईडी और सीबीआई की ताबड़तोड़ छापेमारियों के बीच महागठबंधन सरकार ने बहुमत सिद्ध कर दिया है। मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान भाजपा ने वॉकआउट कर विरोध जताया।
tejasvi

दिल्ली से लेकर बिहार… भारतीय जनता पार्टी की स्क्रिप्ट में कोई बदलाव नज़र नहीं आ रहा है। वही ईडी और वही सीबीआई। वक्त भी ऐसा जो भाजपा का सत्ता से बेदखली वाला दर्द बयां करता हो।

दरअसल ईडी और सीबीआई की ताबड़तोड़ कार्रवाई तब शुरू हो गई, जब बिहार में नीतीश सरकार का शक्ति परीक्षण होना था। हालांकि नीतीश-तेजस्वी यादव के पास पूर्ण बहुमत है, ऐसे में महागठबंधन ने बहुमत सिद्ध कर इस परीक्षा को पास कर लिया। नीतीश सरकार को ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी समर्थन किया। नीतीश-तेजस्वी की सरकार को 160 विधायकों का वोट मिला।

सरकार बनने से बहुमत सिद्ध होने तक एक नज़र डाल लेते हैं:

·      9 अगस्त को नीतीश कुमार ने भाजपा से गठबंधन तोड़ा।

·      10 अगस्त को नीतीश कुमार ने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

·      24 अगस्त को स्पीकर विजय सिन्हा ने इस्तीफा दिया।

·      24 अगस्त को ही सरकार ने फ्लोर टेस्ट पास किया।

फ्लोर टेस्ट से पहले जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाषण दे रहे थे, तब भाजपा सदन से वॉकआउट कर गई। इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि दिल्ली से बाहर जाने के लिए फोन आ गया होगा, तभी सारे विधायक सदन छोड़कर चले गए।

इससे पहले भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपो का मुख्यमंत्री ने एक-एक कर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मेरे साथ सात दल हैं। आठवें ने भी समर्थन कर दिया है। सिर्फ आप यानी भाजपा विपक्ष में है। मुख्यमंत्री ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। भाजपा नेताओं को कहा कि जितना बोलोगे, उतना ही केंद्र वाला जगह देगा। इस पर भाजपा विधायकों ने नारेबाजी करके वॉक आउट कर दिया।

नीतीश कुमार ने भाजपा के प्रचार-प्रसार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दिल्ली से प्रचार हो रहा है। कोई काम नहीं हो रहा है। हम लोग मिलकर काम करेंगे। एक-एक गांव और एक-एक घर में हम अपनी बात रखेंगे। चाहें जितना दुष्प्रचार करें, हम मिलकर काम करेंगे। सच्चाई साथ है। ये समाज में झगड़ा करना चाहते हैं।

नीतीश कुमार ने अमृत महोत्सव का भी जिक्र किया और पूछा—कि भाजपा बताए कि उनका आजादी में क्या योगदान था? ये बापू को भी धीरे-धीरे खत्म कर देंगे।

नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी की हर घर नल की भी सच्चाई बताई। नीतीश ने कहा कि मोदी इसका श्रेय लेकर कहते हैं कि ये दिल्ली से शुरू हुआ था, लेकिन असल में इसकी शुरुआत बिहार से हुई थी। केंद्र की बदौलत यहां सड़क नहीं है। अटल बिहारी, लाल कृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर की सरकार ने तय किया था।

नीतीश से पहले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी जोरदार भाषण देते हुए भाजपा पर हमला बोला। तेजस्वी ने कहा कि जहां-जहां भाजपा हारती है वहां अपने तीनों जमाईयों को आगे कर देती है। यहां तेजस्वी का जमाईयों से मतलब ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट था।

तेजस्वी यादव ने गुरुग्राम के उस मॉल का भी ज़िक्र किया जहां ईडी ने छापेमारी की है। इस पर तेजस्वी ने कहा कि जिस मॉल को मेरा बताकर सीबीआई रेड की बात कही जा रही है वो मेरा है ही नहीं। वो हरियाणा के भिवानी के कृष्ण कुमार का है। इस मॉल का उद्घाटन भाजपा के सांसद ने ही किया था। भाजपा के साथ हाथ मिला लीजिए तो हरिश्चंद्र। हाथ नहीं मिलाइगा तो रेपिस्ट, क्रिमिनल, भ्रष्टाचारी।

आरजेडी पर लगने वाले जंगलराज जैसे आरोपों का भी तेजस्वी यादव ने जवाब दिया, उन्होंने कहा कि ये बेचैन हैं। हम भाजपाइयों से जानना चाहते हैं कि ऐसा कौन सा तिलिस्म है, जो ये सत्ता पर रहते हैं तो मंगल राज रहता है। आउट होते ही जंगलराज। बिहार के लिए यह गाली है। यहां क्या हम जानवर बैठे हैं। बिहार के लोगों को जानवर कह रहे हैं। बिहार के सभी 13 करोड़ लोग जानवर हैं। नैरेटिव मत बनाइए।

आपको बता दें कि जिस वक्त सदन में विश्वास मत पेश किया जा रहा था तब अध्यक्षता डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी कर रहे थे, क्योंकि इससे पहले भाजपा कोटे से स्पीकर विजय सिन्हा ने अपना इस्तीफा दे दिया था। हालांकि वो अपना इस्तीफा देने को तैयार ही नहीं थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि “मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना उचित नहीं था। यह नियम के अनुकूल नहीं है। फिर भी पद से इस्तीफा दे रहा हूं। विजय सिन्हा ने कहा कि भाजपा और जेडीयू की सरकार ने 9 अगस्त को इस्तीफा दिया था, 10 अगस्त को नई सरकार (महागठबंधन) का न्योता दिया गया। नई सरकार के गठन के बाद मैं ख़ुद स्पीकर पद छोड़ देता। लेकिन 9 अगस्त को मुझे पता चला कि मेरे ख़िलाफ सचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भेजा गया है।”

वैसे ये कहना ग़लत नहीं होगा कि नियमों की बात करते हुए विजय सिन्हा महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में ख़ुद की पार्टी के कारनामों को याद कर लेते तो ठीक रहता।

विजय सिन्हा के इस्तीफे के बाद अब नए स्पीकर के चुनाव के लिए 25 अगस्त को नामांकन किया जाएगा। 26 अगस्त को नया स्पीकर चुना जाएगा। इसके लिए कैबिनेट की बैठक में सदन का विशेष सत्र एक दिन और बढ़ा दिया गया है। अभी सदन का विशेष सत्र दो दिन है।

छापेमारी की राजनीति!

इधर सदन की कार्यवाही शुरु होती, शक्ति प्रदर्शन शुरू होता.. तब तक सीबीआई और ईडी की टीमें 42 ठिकानों पर पहुंच गईं। सीबीआई  ने कई आरजेडी नेताओं के यहां छापेमारी की। सीबीआई ने ये छापेमारी लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू के करीबी सहयोगी और आरजेडी के एमएलसी सुनील सिंह, पूर्व एमएलसी सुबोध राय और आरजेडी के दो राज्यसभा सांसदों अशफाक करीम और फैयाज अहमद के यहां की है।

आपको बता दें कि लैंड फॉर जॉब के तार लालू यादव से जुड़े बताए जा रहे हैं। दरअसल लालू और उनके परिवार पर आरोप है कि रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले जमीन ली गई थी। इस मामले में सीबीआई ने इस साल मई में लालू और उनके परिवार के सदस्यों पर भ्रष्टाचार का नया केस दर्ज किया था। इसमें लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव समेत 16 लोग आरोपी हैं।

इसके अलावा जांच टीमें गुरुग्राम के एक मॉल भी पहुंची जो तेजस्वी यादव का बताया गया। इसे दोजाना की कंपनी बना रही है। हालांकि तेजस्वी यादव ने पहले सदन में फिर बाहर मीडिया से बात करते हुए इन आरोपों को झूठ बताया और कहा कि इस मॉल से उनका कोई लेना देना नहीं है। तेजस्वी यादव ने ये भी कहा कि जब इस मॉल का उद्घाटन हुआ तब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शामिल हुए थे। इसके अलावा भी ईडी और सीबीआई ने बिहार में कई ठिकानों पर छापेमारी की।

फिलहाल, भाजपा की ओर से ऐसी कार्रवाई लगातार होती रहेंगी लेकिन देखना ये होगा कि नीतीश और तेजस्वी मिलकर भाजपा को इसका जवाब कैसे देते हैं।

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