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मोदी सरकार ने लोकतंत्र को 'भीड़तंत्र' में बदला : मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने पर कांग्रेस का आरोप

मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने की कथित घटना का वीडियो सामने आने के बाद राज्य में तनाव व्याप्त हो गया। ये घटना चार मई की बताई जा रही है।
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मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने की कथित घटना का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। चार मई के इस वीडियो में दिख रहा है कि कुछ व्यक्ति एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड करा रहे हैं।

‘इंडिजीनियस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) के एक प्रवक्ता के मुताबिक, ‘घृणित’ घटना चार मई को कांगपोकपी जिले में हुई है और वीडियो में दिख रहा है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं और वे (महिलाएं) रो रही हैं तथा उनसे मिन्नतें कर रही हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

ज्ञात हो कि मणिपुर में करीब दो माह से जातीय हिंसा हो रही है। इस मुद्दे पर पहली बार प्रधानमंत्री ने कुछ बोला है।

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 लोगों की जान जा चुकी है।

उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराने के वीडियो से वह ‘‘बहुत व्यथित’’ है।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इसे ‘‘पूरी तरह अस्वीकार्य’’ बताया। पीठ ने केंद्र तथा राज्य सरकार से फौरन कदम उठाने और उसे यह बताने का निर्देश दिया कि क्या कार्रवाई की गयी है।

पीठ ने कहा, ‘‘हम सरकार को कार्रवाई के लिए थोड़ा समय देंगे और अगर जमीनी स्तर पर कुछ नहीं होता है तो फिर हम कार्रवाई करेंगे।’’

कांग्रेस ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराए जाने की वीभत्स घटना से जुड़ा वीडियो सामने आने के बाद बृहस्पतिवार को तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने लोकतंत्र को ‘भीड़तंत्र’ में बदल दिया है।

मुख्य विपक्षी दल ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की और यह भी कहा कि संसद के इस मानसून सत्र में विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस’ (इंडिया) मणिपुर के विषय पर सरकार से जवाब मांगेगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद इसका जवाब देना चाहिए।

उधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि मणिपुर को लेकर 80 दिनों तक प्रधानमंत्री मोदी ने जो ‘चुप्पी साध रखी थी’ उसे देश कभी माफ नहीं करेगा।

खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मोदी जी के पास 38 दलों की बैठक बुलाने का समय है, लेकिन क्या मणिपुर जाने का समय नहीं है? राहुल गांधी सीमित साधन रहते हुए भी वहां गए और लोगों से बात की। लेकिन प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार में व्यस्त थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को सदन में मणिपुर के मामले पर चर्चा कराना चाहिए।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में लोकतंत्र को ‘भीड़तंत्र’ में तब्दील कर दिया गया है।

इससे पहले, खरगे ने ट्वीट किया "मणिपुर में मानवता खत्म हो गई। मोदी सरकार और भाजपा ने राज्य के नाजुक सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करके लोकतंत्र और कानून के शासन को भीड़तंत्र में बदल दिया है।"

उन्होंने कहा, "नरेंद्र मोदी जी, भारत आपकी चुप्पी को कभी माफ नहीं करेगा। यदि आपकी सरकार में ज़रा भी विवेक या शर्म बची है, तो आपको संसद में मणिपुर के बारे में बोलना चाहिए और केंद्र एवं राज्य दोनों में अपनी दोहरी अक्षमता के लिए दूसरों को दोष दिए बिना देश को बताना चाहिए कि क्या हुआ। आपने अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी त्याग दी है।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "संकट की इस घड़ी में हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं।"

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "मणिपुर में बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा भड़के 78 दिन हो गए हैं। उस भयावह घटना को बीते 77 दिन हो गए हैं जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया और उनके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया। अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के 63 दिन बाद भी अपराधी अभी तक फरार हैं।’’

उन्होंने दावा किया कि मणिपुर में इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध के कारण शेष भारत को इस बात का जरा भी अंदाज़ा नहीं था कि मणिपुर में इतनी भयानक घटना घटी।

कांग्रेस नेता ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर कटाक्ष करते हुए कहा, "यह बिल्कुल अक्षम्य है कि महिला एवं बाल विकास मंत्री ने मणिपुर के मुख्यमंत्री से बात करने या बयान जारी करने के लिए 76 दिनों तक इंतजार किया। " उन्होंने सवाल किया, "क्या केंद्र सरकार, गृह मंत्री या प्रधानमंत्री को इस घटना की जानकारी नहीं थी? मोदी सरकार, सब कुछ ठीक है जैसी बातें करना कब बंद करेगी? मणिपुर के मुख्यमंत्री को कब बदला जाएगा ? ऐसी और कितनी घटनाओं को दबाया गया है?"

रमेश ने कहा, " मानसून सत्र में ' इंडिया' जवाब मांगेगा। चुप्पी तोड़िये प्रधानमंत्री जी!"

कांग्रेस की महिला इकाई की अध्यक्ष नेटा डिसूजा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ देश के प्रधानमंत्री व तमाम केंद्रीय मंत्री अगर मणिपुर मुद्दे पर चुप हैं तो इसका मतलब है कि वह चाहते हैं, मणिपुर में हिंसा हो। इस घटना की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री को लेनी होगी। ’’

पार्टी सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि प्रधानमंत्री को सदन में स्पष्टीकरण देना चाहिए।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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