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मुंबई: क्या फ़ायदेमंद होगी दो करोड़ वाली एसी डबल डेकर बस?

सवाल है कि करीब दो करोड़ रुपए की लागत वाली इलेक्ट्रिक एसी डबल डेकर बस से BEST (बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट) को फायदा होगा या फिर इससे बेस्ट का और अधिक नुक़सान हो सकता है?
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बीते दिनों भारत की पहली इलेक्ट्रिक डबल डेकर बस मुंबई में लॉन्च की गई है। फोटो साभार: BEST

सवाल है कि करीब दो करोड़ रुपए की लागत वाली इलेक्ट्रिक एसी डबल डेकर बस से बेस्ट (बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट) की पहल को फायदा होगा या फिर इससे बेस्ट  का और अधिक नुकसान हो सकता है?

बेस्ट (बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट) मुंबई की दूसरी जीवन रेखा मानी जाती है। पिछली 21 फरवरी को मुंबई की सड़कों पर इलेक्ट्रिक एसी डबल डेकर बस चली।

बेस्ट की पहली इलेक्ट्रिक डबल-डेकर वातानुकूलित बस को मुंबई में बढ़ते ट्रैफिक, बढ़ते प्रदूषण, टैक्सी-रिक्शा के बढ़ते किराए, अपर्याप्त पार्किंग स्थान, सड़क कटाव के कारण निजी वाहनों को होने वाले नुकसान और ईंधन की कीमतों में वृद्धि जैसी समस्याओं के एकमात्र समाधान के रूप में देखा जा रहा है। इसलिए, कहा जा रहा है कि मुंबई की सड़कों पर इलेक्ट्रिक डबल डेकर वातानुकूलित बसें चलाना मुंबईकरों और बेस्ट की पहल के लिए फायदेमंद होगा। उम्मीदों की मौजूदा धूमिल तस्वीर आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगी क्योंकि कुछ दिनों में अधिकांश इलेक्ट्रिक डबल डेकर वातानुकूलित बसें मुंबई की सड़कों पर चलेंगी।

दूसरी तरफ, मुंबई में फिलहाल डबल डेकर बसे हैं जो डीजल पर चलती हैं। लेकिन, यहां देश की पहली इलेक्ट्रिक डबल डेकर वातानुकूलित बेस्ट बस अगस्त 2022 में लॉन्च की गई थी। यह बसें अगले कुछ दिनों में पूरी तरह से यात्रियों की सेवा के लिए सड़क पर उतर जाएंगी। कहा जा रहा है कि इलेक्ट्रिक डबल डेकर वातानुकूलित बस की कीमत डीजल डबल डेकर बसों की तुलना में सात गुना तक महंगी है। डीजल डबल डेकर बस की कीमत 30 से 35 लाख रुपए तक हैं, जबकि एक इलेक्ट्रिक डबल डेकर वातानुकूलित बस की कीमत 2 करोड़ रुपए है। यानी जितने में एक इलेक्ट्रिक डबल डेकर बस खरीदी जाएगी उतने में सात डीजल डबल डेकर बसें खरीदी जा सकती हैं। इसलिए आशंका जताई जा रही है कि इलेक्ट्रिक डबल डेकर वातानुकूलित बसों से मुंबईकरों को फायदा होगा या फिर कहीं उन्हें और अधिक नुकसान न झेलना पड़ जाए!

कारण यह है कि बेस्ट पहले से घाटे में चल रहा है। तब बड़ी संख्या में सामान्यत: सात गुना तक महंगी इलेक्ट्रिक डबल-डेकर वातानुकूलित बसों को खरीदने के निर्णय पर सवाल पूछे जा रहे हैं। पहले चरण में बेस्ट के बेड़े में इस तरह की करीब 200 डबल डेकर बसें होंगी। बेस्ट के प्रबंध निदेशक लोकेश चंद्र ने कहा कि आने वाले वित्तीय वर्ष में मुंबई में 4000 इलेक्ट्रिक बसें लाने की योजना है।
 
इसके अलावा, डीजल बसों में इलेक्ट्रिक डबल डेकर वातानुकूलित बसों के मुकाबले यात्रियों के बैठने की क्षमता अधिक होती है। बता दें कि मुंबई में फिलहाल बेस्ट के बेड़े में 45 गैर-वातानुकूलित डबल-डेकर डीजल-संचालित बसे हैं। इस बस की कुल यात्री क्षमता 78 है। वहीं, इलेक्ट्रिक डबल डेकर वातानुकूलित बस में कुल 65 सीटें होती हैं जिनमें पहली मंजिल पर 30 सीटें और दूसरी मंजिल पर 35 सीटें होती हैं। हालांकि, इसमें दो तरफ से सीढ़ियां बनाई गई हैं, ताकि यात्रियों को चढ़ने और उतरने में सुविधा हो सके।

97 साल पहले चली थी पहली बस

मुंबई ने घोड़े से खींची जाने वाली ट्राम से लेकर डीजल-इलेक्ट्रिक हाइब्रिड वातानुकूलित बसों तक की यात्रा देखी है। मुंबई की सड़कें बेस्ट बस के बदलते स्वरूप की गवाह रहेंगी। मुंबई में बेस्ट की पहली बस 15 जुलाई, 1926 को शुरू की गई थी। यह बस अफगान चर्च से क्रॉफर्ड मार्केट के लिए चली थी। उससे पहले मुंबई में ट्राम चल रही थीं। समय के साथ इसमें परिवर्तन होते गए और सिंगल डेकर बस के साथ डबल डेकर बस भी यात्रियों की सेवा में आ गई। बेस्ट की पहली डबल डेकर बस ने साल 1937 में आई। साल 1947 में कंपनी का नाम 'बॉम्बे इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट' कर दिया गया। वहीं, साल 1995 से बंबई की जगह बृहन्मुंबई नाम इस्तेमाल किया जाने लगा। बेस्ट शहर भर में हर दिन हजारों यात्रियों की सेवा करती है। जहां तक इलेक्ट्रिक डबल डेकर वातानुकूलित बस की बात है तो मुंबई में यह सेवा लंदन से प्रभावित होकर शुरु की जा रही है। कहा जा रहा है कि इसमें सफर करने वाले यात्रियों का किराया आधा या उससे भी कम हो जाएगा।

अभी भी चल रही रिसर्च

पहली इलेक्ट्रिक डबल-डेकर वातानुकूलित बस बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स से बांद्रा (पूर्व) वाले मार्ग पर चलने वाली है। बेस्ट के बेड़े में शामिल होने वाली ये बसें मौजूदा डबल डेकर बस रूट पर चलेंगी। हालांकि, अभी भी रिसर्च चल रही है कि क्या इस नई बस को मोड़ लेते समय कोई समस्या आ रही है, क्या बस ठीक से पुल के नीचे जा सकेगी और बस रूट में ऊंचे पेड़ों के कारण कोई समस्या तो नहीं आएगी? 

हालांकि, मुंबई की उबड़-खाबड़ सड़कों पर आम डबल डेकर बसों का चलना भी मुश्किल रहा है। इसलिए, बड़ी संख्या में ऐसी बसों को खरीदे जाने और चलाए जाने को लेकर भी सवाल पूछे जा रहे हैं। इसे जवाब में बेस्ट का कहना है कि इस स्पेशल बस को ध्यान में रखते बनाया गया है। चारों तरफ शीशे से बनी बसों में स्टील की सुरक्षा छड़ें, बंपर और रूट संकेतक से लेकर नई सीटें जोड़ने तक इनमें कई बदलाव किये गए हैं।

बेस्ट ने यह भी बताया कि यह बस शनिवार, रविवार को हेरिटेज टूर कराएगी। इसलिए, पर्यटक दक्षिण मुंबई में मरीन ड्राइव, चर्चगेट, फोर्ट, कोलाबा के क्षेत्र में एक अच्छा भ्रमण कर सकते हैं।

वहीं, इलेक्ट्रिक डबल डेकर वातानुकूलित बस के पक्ष में सबसे बड़ी दलील दी जा रही है कि इससे मुंबई का प्रदूषण कम होगा। मुंबई के वायु प्रदूषण में परिवहन क्षेत्र की हिस्सेदारी 30 फीसदी बताई जाती है। मुंबई में वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है। मुंबईकरों को निजी वाहनों की भीड़ कम करने और यात्रियों को निजी वाहनों की तरह यात्रा करने में सक्षम बनाने के लिए इलेक्ट्रिक डबल-डेकर वातानुकूलित बसों की आवश्यकता है। दलील है कि फिर परिवहन के लिए पारंपरिक ईंधन के अलावा वैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। हालांकि, इलेक्ट्रिक बसों से मुंबई जैसे महानगर का प्रदूषण मामूली तौर पर कम हो सकता है।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

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