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पेरू में तख्तापलट का एक साल

पेड्रो कैस्टिलो के खिलाफ तख्तापलट के बाद, पेरू के लोग उनकी बहाली और बोलुअर्ट के इस्तीफे की मांग को लेकर सामूहिक रूप से सड़कों पर उतर आए हैं।
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पेरू का एक प्रदर्शनकारी हाथ में प्लेकार्ड लिए हुए, जिस पर लिखा है, "दीना बोलुआर्ट, इस्तीफा दो": फोटो - ज़ो एलेक्जेंड्रा

7 दिसंबर को पेरू में राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो के खिलाफ तख्तापलट का एक साल पूरा हो गया है। उनकी जगह अनिर्वाचित दीना बोलुअर्ट ने ली थी जिन्होंने देश के भीतर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ मौत का शासन चलाया हुआ है।

7 दिसंबर, 2022 को पेरू ने अपने संवैधानिक राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो को सत्ता से हटा दिया था और गिरफ्तार कर लिया था। कैस्टिलो ने उस वर्ष तीसरे महाभियोग की कार्रवाई का सामना करते हुए देश की कांग्रेस को भंग करने और एक आपातकालीन शासन लागू करने का प्रयास किया था लेकिन दक्षिणपंथी कांग्रेस ने उनके अनुरोध को खारिज कर दिया और पद पर बने रहने के "स्थायी नैतिक अक्षमता" के चलते उनके खिलाफ महाभियोग चलाने को मंजूरी दे दी थी। महाभियोग अनुरोध के पक्ष में 101 वोट आए छह विपक्ष में और 11 ने बहिष्कार किया जिसके बाद महाभियोग को अनुमोदित किया गया। महाभियोग साबित होने के कुछ घंटों बाद, कैस्टिलो को पुलिस ने हिरासत ले लिया जिसके बाद उपराष्ट्रपति दीना बोलुअर्ट पेरू की नई अनिर्वाचित राष्ट्रपति बन गईं थी।

तख्तापलट के बाद, पेरूवासियों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए जिसके जवाब में बोलुआर्ट ने नरसंहारों की एक श्रृंखला चलाई और 57 प्रदर्शनकारियों को मार डाला। इंटर-अमेरिकन कमीशन ऑन ह्यूमन राइट्स (IACHR) ने बताया कि विरोध प्रदर्शनों पर हुकूमत की प्रतिक्रिया "बल के असंगत, अंधाधुंध और घातक इस्तेमाल" एक विशेषता बन गई है। इसमें कहा गया है कि कुछ मामलों में, कार्रवाइयों को "अतिरिक्त न्यायिक निष्पादन" और "नरसंहार" के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।

बाद में बोलुअर्ट ने इन मौतों के लिए प्रदर्शनकारियों को ही दोषी ठहराया “छह महीनों से जब से हम सरकार में हैं हम व्यावहारिक रूप से लगभग 500 हिंसक प्रदर्शनों का सामना कर रहे हैं। बोलुआर्टे ने आगे कहा कि, अभी, मैं उन लोगों को चेतावनी दे रहा हूं जो एक बार फिर देश की राजधानी लीमा पर तीसरे अधिग्रहण या पेरू पर तीसरे अधिग्रहण की घोषणा कर रहे हैं वे और कितनी मौतें चाहते हैं? क्या इन हिंसक लामबंदी में 60 से अधिक लोगों को खोने से आपकी आत्मा को ठेस नहीं पहुंचती है।”

नरसंहारों के बावजूद, पेरू के लोगों ने संघर्ष को जीवित रखा। 19 जुलाई को, अस्थाई राष्ट्रपति बोलुआर्ट के नेतृत्व में तख्तापलट शासन के खिलाफ संघर्ष को पुनर्जीवित करने के लिए हजारों पेरूवासी देश भर में सड़कों पर उतर आए। श्रमिक, किसान, छात्र, देशज संगठनों के सदस्य, सामाजिक आंदोलन और वामपंथी दल के कार्यकर्ताओं ने दर्जन से अधिक विभागों के लोगों को लामबंद किया।

उन्होंने बोलुआर्ट के तत्काल इस्तीफे, दक्षिणपंथी वर्चस्व वाली कांग्रेस को हटाने, नए सिरे से चुनाव कराने, नए संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए संविधान सभा बुलाने की मांग की और विरोध प्रदर्शन के दौरान हुकूमत की सेना द्वारा मारे गए और घायल हुए लोगों के लिए न्याय और पूर्व राष्ट्रपति कैस्टिलो सहित गिरफ्तार किए गए लोगों की आजादी की मांग की। लोकपाल कार्यालय ने बताया कि उसने 64 प्रांतों में लामबंदी और सड़क नाकेबंदी दर्ज की है।

कांग्रेस को दक्षिणपंथी संगठनों से समर्थन हासिल मिलने के अलावा, बोलुअर्ट ने अन्य जन-विरोधी नीतियों को लागू करने के अलावा, 10 अप्रैल को लिथियम खनन का निजीकरण करने के लिए कदम उठाकर दक्षिणपंथी और विदेशी पूंजी के प्रति अपनी वफादारी दिखाई।

आज, पूर्व तानाशाह अल्बर्टो फुजीमोरी की जेल से रिहाई के बाद, देश एक बार फिर विरोध प्रदर्शन की एक नई लहर की तैयारी कर रहा है।

साभार: पीपुल्स डिस्पैच

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

One Year Since the Coup in Peru

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