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सीबीआई ही करेगी सुशांत की मौत की जांच : सुप्रीम कोर्ट

कोरोना और बाढ़ के संकट से घिरे बिहार के लोगों के लिए आज शायद बड़ी ‘राहत’ का दिन है!

Sushant Singh CBI

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बालीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को कथित रूप से आत्महत्या के लिये उकसाने के मामले में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और अन्य के खिलाफ पटना में दर्ज प्राथमिकी की जांच सीबीआई को सौंपने के बिहार सरकार के निर्णय को बुधवार को बरकरार रखा।

शीर्ष अदालत ने कहा कि बिहार सरकार इस मामले को जांच के लिये सीबीआई को सौंपने में सक्षम है।

न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की एकल पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की याचिका पर अपने फैसले में कहा कि राजपूत के पिता की शिकायत पर बिहार पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी सही है और इसे सीबीआई को सौंपना विधिसम्मत है।

रिया चक्रवर्ती ने पटना के राजीव नगर थाने में दर्ज इस मामले को मुंबई स्थानांतरित करने का अनुरोध करते हुये उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी।

सुशांत सिंह राजपूत (34) 14 जून को मुंबई के उपनगर बांद्रा में अपने अपार्टमेन्ट में छत से लटके मिले थे। इस मामले की तभी से मुंबई पुलिस जांच कर रही है। मुंबई पुलिस ने इस मामले में सिने निर्माता आदित्य चोपड़ामहेश भट और संजय लीला भंसाली सहित कम से कम 56 व्यक्तियों के बयान दर्ज किये हैं।

न्यायमूर्ति रॉय ने फैसला सुनाते हुये कहा कि राजपूत की मृत्यु के संबंध में अगर कोई अन्य मामला दर्ज है तो उसकी जांच भी सीबीआई ही करेगी।

न्यायालय ने कहा कि मुंबई पुलिस दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 174 के तहत जांच कर रही है जो बहुत ही सीमित है। यह धारा अस्वभाविक मृत्यु और आत्महत्या के मामलों की प्रक्रिया से संबंधित है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले में सीबीआई की जाच विधिसम्मत है।

रिया चक्रवती की याचिका पर सुनवाई के दिन ही न्यायमूर्ति राय ने राजपूत को प्रतिभाशाली अभिनेता बताते हुये कहा था कि उसकी मौत की सच्चाई सामने आनी ही चाहिए।

न्यायमूर्ति राय ने रिया चक्रवर्ती की याचिका पर 11 अगस्त को सुनवाई पूरी की थी। इस दौरान उन्होंने रिया के साथ ही महाराष्ट्र और बिहार सरकारकेन्द्र सरकार और राजपूत के पिता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ताओं की दलीलों को सुना था।

इस मामले की सुनवाई के दौरान केन्द्र ने न्यायालय को सूचित किया था कि उसने पटना के राजीव नगर थाने में राजपूत के पिता द्वारा दर्ज कराये गये मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की बिहार सरकार की सिफारिश स्वीकार कर ली है और इस संबंध में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने आवश्यक अधिसूचना जारी कर दी है।

बिहार सरकार ने इस मामले में शीर्ष अदालत से कहा था कि राजनीतिक प्रभाव’ की वजह से मुंबई पुलिस ने अभिनेता राजपूत के मामले में प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की है।

दूसरी ओरमहाराष्ट्र सरकार की दलील थी कि इस मामले में बिहार सरकार को किसी प्रकार का अधिकार नहीं है।

रिया चक्रवर्ती के वकील का कहना था कि मुंबई पुलिस की जांच इस मामले में काफी आगे बढ़ चुकी है और उसने 56 व्यक्तियों के बयान दर्ज किये हैं। उनका कहना था कि राजपूत के पिता द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी का पटना में किसी अपराध से कोई संबंध नहीं है और इसे दर्ज कराने में 38 दिन का विलंब हुआ है।

इसके विपरीतराजपूत के पिता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह का कहना था कि उनका महाराष्ट्र पुलिस में भरोसा नहीं है। उनका कहना था कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की पुष्टि की जाये और मुंबई में महाराष्ट्र पुलिस को इस मामले में सीबीआई को हर तरह से सहयोग करने का निर्देश दिया जाये।

बिहार सरकार का दावा था कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु को लेकर पटना में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी विधि सम्मत और वैध है।

राज्य सरकार ने यह भी दावा किया था कि मुंबई पुलिस ने उसे न तो सुशांत सिंह राजपूत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करायी और न ही उसने अभी तक इस मामले में कोई प्राथमिकी ही दर्ज की है।

केन्द्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि इस मामले में सिर्फ एक प्राथमिकी दर्ज हुयी है जो पटना में करायी गयी है और इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने भी जांच शुरू कर दी है।

राजपूत के पिता ने पटना में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के सदस्यों सहित छह आरोपियां के खिलाफ आत्महत्या के लिये उकसानेगलत तरीके रोकनेमकान में चोरी करनेअमानत में खयानत और धोखाधड़ी के आरोप मे भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कराया है।
 

न्यायालय का फैसला परिवार और प्रशंसकों की जीत : परिवार के वकील ने कहा

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के परिवार के वकील ने बुधवार को कहा कि राजपूत की मित्र रिया चक्रवर्ती और अन्य के खिलाफअभिनेता को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने को लेकर दर्ज प्राथमिकी सीबीआई को हस्तांतरित करने के फैसले को उच्चतम न्यायालय द्वारा बरकरार रखने से उनकी न्याय की मांग को मजबूती मिली है।

वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि शीर्ष अदालत का फैसला राजपूत के परिवार और उनके प्रशंसकों की जीत है।

उन्होंने पत्रकारों ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने सभी बिंदुओं को स्वीकार किया है। सर्वोच्च अदालत ने यह भी साफ तौर पर कहा कि पटना में दर्ज प्राथमिकी सही है।’’

कुछ देर बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ आधा फासला तय हुआ। विशेषज्ञों की यह बात सुनकर थकाऊ समय बीता है कि मामले में प्राथमिकी दर्ज करना पटना के अधिकार क्षेत्र में नहीं था। न्याय के लिए हमारी आकांक्षा उच्चतम न्यायालय के आधिकारिक निर्णय से और मजबूत हुई है।’’

कोई भी एजेंसी जांच करेलेकिन सत्य वैसा ही रहेगा: रिया के वकील का बयान

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के वकील ने कहा कि जांच कोई भी एजेंसी करेलेकिन सत्य वहीं रहेगा।

मुंबई स्थित वकील सतीश मानशिन्दे ने न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये एक बयान में कहा कि रिया चक्रवर्ती सीबीआई की जांच का सामना करेगी क्योंकि स्वंय उसने भी अपने सहजीवन साथी की मौत के मामले की सीबीआई जांच का अनुरोध किया था।

सुशांत मामले का अब तक का घटनाक्रम इस प्रकार है :

14 जून : सुशांत सिंह राजपूत (34 वर्ष) का शव मुंबई के बांद्रा स्थित उनके अपार्टमेंट में छत के पंखे से लटका मिला। मुंबई पुलिस ने आकस्मिक मौत का कारण पता करने के लिये सीआरपीसी के तहत जांच शुरू की।

18 जून : सुशांत की महिला मित्र तथा अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती ने मुंबई पुलिस के समक्ष बयान दर्ज कराया।

जुलाई : फिल्मकार संजय लीला भंसाली ने इस मामले में बयान दर्ज कराया।

18 जुलाई : फिल्मकार और यशराज फिल्म्स (वाईआरएफ) के अध्यक्ष आदित्य चोपड़ा ने मुंबई पुलिस के समक्ष बयान दर्ज कराया।

25 जुलाई : सुशांत के पिता के के सिंह ने अपने बेटे को आत्महत्या के लिये उकसाने समेत कई आरोपों के तहत पटना में रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज कराया।

27 जुलाई : मुंबई पुलिस ने फिल्मकार महेश भट्ट का बयान दर्ज किया।

29 जुलाई : रिया चक्रवर्ती प्राथमिकी को पटना से मुंबई स्थानांतरित कराने के लिये उच्चतम न्यायालय पहुंचीं।

31 जुलाई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि उसने इस प्रकरण में धनशोधन का मामला दर्ज किया है।

अगस्त : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करती है। मुंबई पुलिस आयुक्त ने बताया कि इस मामले में कुल 54 लोगों ने बयान दर्ज कराए हैं।

अगस्त : सीबीआई ने कहा कि उसने मामले में प्राथमिकी दर्ज की है।

अगस्त : केन्द्र सरकार ने रिया की याचिका में खुद को एक पक्ष बनाए जाने के लिये उच्चतम न्यायालय का रुख किया।

अगस्त : राजपूत के पिता के के सिंह ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल कर रिया की अपील का विरोध किया।

10 अगस्त : रिया ने मीडिया ट्रायल का आरोप लगाते हुए उच्चतम न्यायालय में नयी याचिका दायर की।

11 अगस्त : महाराष्ट्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि बिहार पुलिस ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर काम किया है। उच्चतम न्यायालय ने रिया की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।

19 अगस्त : उच्चतम न्यायालय ने पटना में दर्ज प्राथमिकी को सीबीआई को स्थानांतरित करने का फैसला बरकरार रखा।

 

(समाचार एजेंसी भाषा का इनपुट)

 

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