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बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई अदालत के फ़ैसले के ख़िलाफ़ याचिका

पुनरीक्षण याचिका में कहा गया कि सीबीआई विशेष अदालत द्वारा आरोपियों को बरी किए जाने के विशेष अदालत के फैसले को याचिकाकर्ताओं ने चुनौती देने का फैसला किया है।
बाबरी मस्जिद

लखनऊ: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लखनऊ की केंद्रीय जांच ब्‍यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंड पीठ में एक पुनरीक्षण याचिका दाखिल की गई।

विशेष सीबीआई अदालत ने अपने फैसले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित सभी 32 आरोपियों को मस्जिद के विध्वंस में शामिल होने के आरोपों से बरी कर दिया था।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से अयोध्‍या निवासी हाजी महबूब और हाजी सैय्यद अखलाक अहमद ने यह याचिका दाखिल की है।

याचिका में कहा गया कि सीबीआई विशेष अदालत द्वारा आरोपियों को बरी किए जाने के विशेष अदालत के फैसले को याचिकाकर्ताओं ने चुनौती देने का फैसला किया है।

विशेष अदालत ने पिछले साल भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित सभी 32 आरोपियों को मस्जिद के विध्वंस में शामिल होने के आरोपों से बरी कर दिया था।

अदालत ने अपने फैसले में 32 आरोपियों के खिलाफ कोई सुबूत न होने का हवाला देते हुए उन्‍हें बरी किया था।

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